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नौरादेही अभ्यारण्य में पहली बार होगी बाघों की गणना, राधा-किशन का कुनबा बढ़ने से मिली उपलब्धि

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सबसे बड़े वन्य जीव अभ्यारण्य नौरादेही (Nauradehi Forest Sanctuary) में बाघों की गणना (Tiger Census) होगी. अगले साल होने वाली बाघों की गणना में पहली बार नौरादेही अभ्यारण्य को शामिल किया जाएगा.

नौरादेही अभ्यारण्य
नौरादेही अभ्यारण्य
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Published : Sep 6, 2021, 10:14 PM IST

सागर (Sagar)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सबसे बड़े वन्य जीव अभ्यारण्य नौरादेही (Nauradehi Forest Sanctuary) के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. अगले साल होने वाली बाघों की गणना (Tiger Census) में पहली बार नौरादेही अभ्यारण्य भी शामिल होगा. ये उपलब्धि नौरादेही अभ्यारण्य को कान्हा (Kanha Tiger Reserve) और बांधवगढ़ नेशनल पार्क (Bandhavgarh Tiger Reserve) से आए बाघ-बाघिन राधा-किशन के कारण मिली है. दरअसल अभ्यारण में राधा-किशन ने अपना कुनबा बढ़ाकर नौरादेही में बाघों की संख्या को 5 पर पहुंचा दिया है. बता दें, बाघों की गणना के लिए वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई है. पहली बार मोबाइल एप का उपयोग बाघों की गणना में किया जाएगा.

बाघों की गणना के लिए दी ट्रेनिंग

हर 4 साल में होने वाली बाघों की गणना के लिए नौरादेही अभ्यारण्य में अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. जबलपुर के विशेषज्ञ बाघों की गणना के लिए नौरादेही अभ्यारण्य से संबंधित सागर, दमोह, नरसिंहपुर और जबलपुर अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं. भारतीय वन्य प्राणी संस्थान देहरादून और एसएफआरआई जबलपुर के विशेषज्ञों ने बाघों की गणना का प्रशिक्षण दिया है. प्रशिक्षण में 6 रेंजर, 6 वनपाल और 10 फाइटर को शामिल किया गया है. इन सभी को ट्रेनिंग के बाद मास्टर ट्रेनर भी बनाया जाएगा.

पगमार्क नहीं इस बार मोबाइल एप से होगी गणना

पहली बार बाघों की गणना के लिए मोबाइल एप का उपयोग होगा. इसके पहले बाघों की गणना पुरानी पद्धति से होती थी. बाघों के पगमार्क लेकर बाघों की गणना की जाती थी. लेकिन इस बार एप के जरिए बाघों की गणना होगी. गणना में शामिल अधिकारी-कर्मचारी मोबाइल में बाघ की तस्वीर लेने के बाद उससे संबंधित जानकारियां रिकॉर्ड करेंगे.

नौरादेही अभ्यारण में आकर्षण का केंद्र बना बाघिन राधा और बाघ किशन का कुनबा

नौरादेही अभ्यारण्य में पहली बार होगी गणना

नौरादेही अभ्यारण्य डीएफओ सुधांशु यादव ने बताया कि यहां बाघ ना होने के कारण अभी तक इसे बाघों की गणना में शामिल नहीं किया जाता था. यह पहला मौका है जब नौरादेही अभ्यारण्य में बाघों की गणना होगी. दरअसल नौरादेही अभ्यारण्य में 2018 में बाघ किशन और बाघिन राधा को टाइगर शिफ्टिंग प्रोग्राम के तहत यहां लाया गया था. राधा और किशन के मेल से नौरादेही अभ्यारण्य में बाघों की संख्या 5 तक पहुंच गई है. राधा और किशन ने तीन शावकों को जन्म दिया है.

सागर (Sagar)। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सबसे बड़े वन्य जीव अभ्यारण्य नौरादेही (Nauradehi Forest Sanctuary) के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. अगले साल होने वाली बाघों की गणना (Tiger Census) में पहली बार नौरादेही अभ्यारण्य भी शामिल होगा. ये उपलब्धि नौरादेही अभ्यारण्य को कान्हा (Kanha Tiger Reserve) और बांधवगढ़ नेशनल पार्क (Bandhavgarh Tiger Reserve) से आए बाघ-बाघिन राधा-किशन के कारण मिली है. दरअसल अभ्यारण में राधा-किशन ने अपना कुनबा बढ़ाकर नौरादेही में बाघों की संख्या को 5 पर पहुंचा दिया है. बता दें, बाघों की गणना के लिए वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी गई है. पहली बार मोबाइल एप का उपयोग बाघों की गणना में किया जाएगा.

बाघों की गणना के लिए दी ट्रेनिंग

हर 4 साल में होने वाली बाघों की गणना के लिए नौरादेही अभ्यारण्य में अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. जबलपुर के विशेषज्ञ बाघों की गणना के लिए नौरादेही अभ्यारण्य से संबंधित सागर, दमोह, नरसिंहपुर और जबलपुर अधिकारी-कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं. भारतीय वन्य प्राणी संस्थान देहरादून और एसएफआरआई जबलपुर के विशेषज्ञों ने बाघों की गणना का प्रशिक्षण दिया है. प्रशिक्षण में 6 रेंजर, 6 वनपाल और 10 फाइटर को शामिल किया गया है. इन सभी को ट्रेनिंग के बाद मास्टर ट्रेनर भी बनाया जाएगा.

पगमार्क नहीं इस बार मोबाइल एप से होगी गणना

पहली बार बाघों की गणना के लिए मोबाइल एप का उपयोग होगा. इसके पहले बाघों की गणना पुरानी पद्धति से होती थी. बाघों के पगमार्क लेकर बाघों की गणना की जाती थी. लेकिन इस बार एप के जरिए बाघों की गणना होगी. गणना में शामिल अधिकारी-कर्मचारी मोबाइल में बाघ की तस्वीर लेने के बाद उससे संबंधित जानकारियां रिकॉर्ड करेंगे.

नौरादेही अभ्यारण में आकर्षण का केंद्र बना बाघिन राधा और बाघ किशन का कुनबा

नौरादेही अभ्यारण्य में पहली बार होगी गणना

नौरादेही अभ्यारण्य डीएफओ सुधांशु यादव ने बताया कि यहां बाघ ना होने के कारण अभी तक इसे बाघों की गणना में शामिल नहीं किया जाता था. यह पहला मौका है जब नौरादेही अभ्यारण्य में बाघों की गणना होगी. दरअसल नौरादेही अभ्यारण्य में 2018 में बाघ किशन और बाघिन राधा को टाइगर शिफ्टिंग प्रोग्राम के तहत यहां लाया गया था. राधा और किशन के मेल से नौरादेही अभ्यारण्य में बाघों की संख्या 5 तक पहुंच गई है. राधा और किशन ने तीन शावकों को जन्म दिया है.

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