सागर। केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर में मानव विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित एक वेबीनार को लेकर जमकर सियासत हो रही है. वेबीनार में सीएसआईआर के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक गौहर रजा और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद को वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था. इस मामले की शिकायत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा सागर विश्वविद्यालय के कुलपति और सागर पुलिस अधीक्षक को की गई थी.
सागर विश्वविद्यालय और अमेरिका की मोंटक्लेयर स्टेट यूनिवर्सिटी के मानव विज्ञान विभाग द्वारा संयुक्त रूप से एक वेबीनार का आयोजन किया गया था. गौहर रजा और प्रोफेसर अपूर्वानंद की शिरकत पर ऐतराज था. इन दोनों वक्ताओं को देश विरोधी मानसिकता और जातिगत विद्वेष वाला वक्ता बताया गया था.
क्या है मामला
दरअसल, सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग और अमेरिका की मोंटक्लेयर स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा 30 और 31 जुलाई को एक अंतरराष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया था. जिसका विषय " वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास में सांस्कृतिक एवं भाषाई अवरोध" था. दोनों विश्वविद्यालय के संयुक्त आयोजन में हो रही इस वेबीनार में सीएसआईआर के पूर्व मुख्य वैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता, कवि और फिल्म निर्माता गौहर रजा और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद को भी आमंत्रित किया गया था. इन दोनों वक्ताओं का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा विरोध किया गया था. इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति और पुलिस अधीक्षक को शिकायत दर्ज कराई गई थी.
ABVP की बात का असर
एबीवीपी की शिकायत पर सागर पुलिस अधीक्षक ने यूनिवर्सिटी के कुलपति को पत्र लिखा. कहा- जैसी आशंका जताई जा रही है, अगर कुछ ऐसा होता है. तो आयोजकों के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा. एसपी के इस पत्र के बाद विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग के अध्यक्ष राजेश गौतम को वेबीनार स्थगित करने के निर्देश दिए थे.
लेकिन हो ही गया वेबीनार
ऐन वक्त पर मानव विज्ञान विभाग वेबीनार के आयोजन से हट गया था,लेकिन अमेरिका की मोंटक्लेयर स्टेट यूनिवर्सिटी ने वेबीनार का आयोजन कराया था. जिस में विभाग के छात्र शामिल हुए थे. ऐसी स्थितियों के चलते विभाग में पुलिस तैनात करनी पड़ी थी.
एबीवीपी ने शिकायत में क्या कहा ?
विश्वविद्यालय के कुलपति और सागर पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक श्रीराम रिछारिया ने कहा- विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा आयोजित बेवीनार में जिन वक्ताओं को बुलाया गया है, उनमें गौहर रजा और प्रोफेसर अपूर्वानंद देश विरोधी मानसिकता रखते हैं और राष्ट्र विरोधी क्रियाकलाप में संलिप्त हैं. प्रोफेसर अपूर्वानंद के खिलाफ दिल्ली दंगों में संलिप्तता होने का संदेह पाया गया था, जिसको लेकर उनसे पूछताछ भी हुई थी. गौहर रजा ने तो अफजल गुरु, जिसे एक आतंकवादी माना जाता था, उसकी तारीफ में कविता लिख दी थी, इसलिए भारत की संस्कृति देश समाज के विरोध में अगर यह वक्ता भाषण देते है. तो उनके प्रति कार्रवाई की जाए और वेबीनार की रिकॉर्डिंग की जाए और अगर इन वक्ताओं द्वारा देश विरोधी बातें की जाती है, तो कुलपति और मानव विज्ञान विभाग के अध्यक्ष के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जाए.
सागर पुलिस अधीक्षक ने दी प्रकरण दर्ज करने की चेतावनी
सागर पुलिस अधीक्षक अतुल सिंह ने लिखा- वेबीनार में सम्मिलित होने वाले वक्ताओं की पूर्व देश विरोधी मानसिकता एवं जातिगत विद्वेष संबंधी वक्तव्यों के पूर्व इतिहास का उल्लेख करते हुए कतिपय संगठनों द्वारा एक ज्ञापन प्रस्तुत कर कहा गया है कि, वेबीनार में भारतीय संस्कृति, परंपरा, जाति व्यवस्था और बहुसंख्यक समाज के धार्मिक उपासना के तरीकों के संबंध में टीका टिप्पणी करने की संभावना एवं परिणाम स्वरूप जातिगत व सामाजिक समरसता प्रभावित होने की आशंका व्यक्त की गई है. सामाजिक समरसता और कानून व्यवस्था को देखते हुए प्रतीत होता है कि वेबीनार आयोजन के पूर्व वेबीनार में चर्चा की जाने वाली विषय वस्तु एवं उसमें प्रदर्शित किए जाने वाले विचारों के संबंध में एक सहमति बना ली जाए. ताकि किसी धर्म, जाति, क्षेत्र, समुदाय के व्यक्तियों को आहत करने संबंधी किसी प्रकार का दृष्टांत सिद्धांतों और कथन वेबीनार की चर्चा का विषय नहीं बने। इसके बाद भी अगर किसी वक्ता द्वारा आए ऐसा कोई कृत्य किया जाता है. जिसके सार्वजनिक प्रचार और प्रकाशन से किसी वर्ग या समुदाय या किसी दूसरे वर्ग या समुदाय के प्रति आक्रोश प्रकट करने की स्थितियां बने, तो इसका उत्तर दायित्व वेबीनार आयोजकों का सामूहिक रूप से किया गया कृत्य मानकर आईपीसी की धारा 505 दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा.
विश्वविद्यालय के कुलसचिव की भूमिका पर उठे सवाल
पुलिस अधीक्षक के सागर विश्वविद्यालय के कुलपति को लिखे पत्र के आधार पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव संतोष सहगोरा ने मानव विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर राजेश कुमार गौतम को पत्र लिखकर वेबीनार को स्थगित करने के निर्देश दिए थे. उन्होंने अपने पत्र में लिखा था कि इस वेबीनार की अनुमति नहीं ली गई है. इसलिए पहले अनुमति ली जाए,फिर आयोजन किया जाए। इस मामले में कुलसचिव की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि विश्वविद्यालय के सूत्रों का कहना है कि किसी भी वेबीनार कि इस तरह की अनुमति पहले कभी नहीं ली जाती थी और आयोजन के ठीक पहले वेबिनार स्थगित करने का आदेश नियमानुसार नहीं है.
विभाग अध्यक्ष ने जताई निराशा, करना पड़ा विभाग को आयोजन से अलग
विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग के विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर राजेश गौतम का कहना है कि आयोजन के ठीक पहले वेबीनार स्थगित करने के निर्देश विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दिए गए थे। लेकिन इस वेबीनार का आयोजन अमेरिका की मोंटक्लेयर स्टेट यूनिवर्सिटी के साथ किया जा रहा था। सह आयोजक यूनिवर्सिटी वेबीनार का आयोजन स्थगित करने तैयार नहीं थी। इसलिए सागर विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग ने आयोजन से अपनी भागीदारी हटा ली है और वेबीनार अपने तय कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की गई है। विभागाध्यक्ष ने इन परिस्थितियों को लेकर निराशा जताई है और कहा है कि इन्हीं परिस्थितियों के कारण देश के विश्वविद्यालयों को वैश्विक स्तर पर अच्छा स्थान हासिल नहीं होता है।
कुलसचिव ने जो कहा वो बहुतों को नहीं पचा
विश्वविद्यालय के कुल सचिव संतोष सहगौरा ने ईटीवी से हुई बातचीत में कहा है कि आयोजन की अनुमति ना होने के कारण फिलहाल आयोजन स्थगित करने के लिए कहा गया,क्योंकि इस आयोजन की अनुमति मानव संसाधन विकास मंत्रालय से लेना पड़ती है,जो नहीं ली गई है. जबकि इस मामले में विश्वविद्यालय सूत्रों का कहना है कि विश्वविद्यालयों में रोजाना सैकड़ों की संख्या में सेमिनार और वेबीनार होते हैं और अगर उनकी अनुमति ली जाए तो काफी मुश्किल होगा.
विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसरों में विवाद की चर्चा
सागर विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष ने भले ही अपने आप को आयोजन से दूर कर लिया था. लेकिन वेबीनार का आयोजन किया गया था। इस वेबीनार में विभाग के छात्रों ने भी हिस्सा लिया था. जब विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी सूचना मिली, तो मानव विज्ञान विभाग के प्रोफेसर के के के एन शर्मा मानव विज्ञान विभाग में वेबीनार को बंद कराने पहुंचे थे. जहां विभागाध्यक्ष राजेश कुमार गौतम और प्रोफ़ेसर के के एन शर्मा में भारी विवाद की खबर मिल रही है. चर्चा है कि दोनों प्रोफ़ेसर के बीच हाथापाई भी हुई है.
विभाग में तैनात कर दी गई पुलिस
भले ही विश्वविद्यालय के मानव विज्ञान विभाग ने इस आयोजन से अपने आपको अलग कर लिया हो, लेकिन विभाग के छात्रों को वेबीनार में शामिल होने की अनुमति को लेकर विभाग के ही प्रोफ़ेसर के केएन शर्मा ने विभाग पहुंचकर वेबीनार के आयोजन पर आपत्ति ली थी और इसी दौरान दोनों के बीच विवाद हो गया था. जिसकी खबर सिविल लाइन पुलिस को दी गई थी, विवाद की खबर मिलते ही सिविल लाइन टीआई अनुपमा शर्मा पुलिस बल के साथ मानव विज्ञान विभाग पहुंची थी और काफी समय तक विभाग में पुलिस बल तैनात था। फिलहाल इस मामले में पुलिस द्वारा जांच की जा रही है.