सागर। मध्यप्रदेश में इन दिनों शराब सस्ती किए जाने के शिवराज सरकार के फैसले को लेकर जमकर सियासत हो रही है. सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का नाम भी जोर शोर से सामने आ रहा है, क्योंकि वह काफी लंबे समय से मध्यप्रदेश में शराबबंदी की मांग कर रही थी. 15 जनवरी से उन्होंने आंदोलन का ऐलान भी किया था, लेकिन उन्हीं की पार्टी की सरकार ने उल्टे शराब के दाम घटा दिए. शिवराज सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव से जब उमा भारती की बयानबाजी और शराब के दाम को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि राजनीति में इस तरह की चुटकुले बाजी चलती रहती है.
शिवराज सरकार का फैसला
शिवराज सरकार ने मंगलवार को नई आबकारी नीति का एलान किया था. सीएम ने जहां विदेशी शराब पर 10 से 13 फीसदी एक्साइज ड्यूटी कम कर दी है, वहीं घर पर शराब रखने की सीमा 4 गुना बढ़ा दी है. इसके अलावा एक करोड़ सालाना आय वाले व्यक्ति घर पर ही बार खोल सकेंगे. सरकार ने शराब से राजस्व बढ़ाने के लिए कई फैसले लिए हैं. जिसको लेकर जमकर राजनीति हो रही है. इसी पर जब मंत्री गोपाल भार्गव से उमा भारती के शराब बंदी को लेकर आंदोलन करने की बात सवाल पूछा गया तो उन्होने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि राजनीति में इस तरह की चुटकुलेबाजी चलती रहती है. मैं इस तरह के विषयों को अहमियत नहीं देता.
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उमाभारती ने किया था शराबबंदी को लेकर आंदोलन का एलान
शिवराज सरकार के इस फैसले को लेकर जहां एक तरफ सियासत शुरू हो गई है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती का बयान सुर्खियां बटोर रहा है. जिसमें उन्होंने कहा था कि वह मध्यप्रदेश में शराबबंदी करवाएगी और अगर नहीं हुई, तो 15 जनवरी 2022 से सड़कों पर उतरकर आंंदोलन करेगी. लेकिन भाजपा की ही सरकार ने 18 जनवरी को नई आबकारी नीति का एलान करते हुए उमाभारती की मुहिम को तगड़ा झटका दिया है. हालांकि अभी तक उमाभारती का नई आबकारी नीति को लेकर कोई बयान नहीं आया है.