सागर। इनफ्लुएंजा वायरस के कारण हो रहे बुखार के लक्षणों में बदलाव को देखते हुए सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में इनफ्लुएंजा वायरस के लक्षण, स्वभाव और असर पर निगरानी रखी जा रही है. (New Fever Virus) पता लगाया जा रहा है कि वायरस के बदलते स्वरूप के कारण कोई गंभीर बीमारी तो जन्म नहीं ले रही है. क्योंकि वायरस के लक्षण तेजी से बदल रहे हैं. कोरोनावायरस की तरह इनफ्लुएंजा वायरस के भी कई वैरिएंट हो सकते हैं. रिसर्च के जरिए उसका पता लगाने की कोशिश की जा रही है. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में बच्चों के अलावा आसपास के इलाकों के वायरल पीड़ित मरीजों के सैंपल बुलाए गए हैं. (Bundelkhand Medical College research) (Viral Fever New Research)
शरारती और चालाक वायरस,बदलता है रूप: बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब के प्रभारी डॉ सुमित रावत बताते हैं कि इनफ्लुएंजा वायरस नया वायरस नहीं है. लेकिन ये वायरस काफी शरारती और चालाक वायरस है. ये वायरस लगभग हर 10 साल में अपना स्वरूप बदलता है. 2009 के आसपास जो फ्लू की लहर आई थी, जिसे स्वाइन फ्लू नाम दिया गया था. पुणे और दिल्ली में इसके काफी केस भी सामने आए थे. इसके बाद 2018 में भी एक लहर आई थी, जिसमें वायरस नए स्वरूप में था. अभी जिस तरह के केस इनफ्लुएंजा वायरस के आ रहे हैं. (new variant of covid symptoms india) (viral fever new variant)
मौजूदा इनफ्लुएंजा वायरस के लक्षण चिंताजनक: इनफ्लुएंजा वायरस के बहरूपिया रूप को लेकर डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के तहत इस पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं. सभी वायरोलॉजी लैब को हिदायत दी गई है कि उनके आसपास के इलाकों में इनफ्लुएंजा वायरस के स्वरूप और लक्षणों पर निगाह रखनी है और पता लगाना है कि यह ए टाइप, बी टाइप या फिर सी टाइप का वायरस है. अभी जो वायरस देखने में मिल रहा है. यह इनफ्लुएंजा वायरस का ए टाइप वायरस है। हम ये भी पता लगा रहे हैं कि ए टाइप वायरस का कौन सा सबटाइप है? क्या इससे किसी पर कोई गंभीर असर पड़ रहा है? जैसे निमोनिया अगर मरीज को होता है,तो उन मरीजों पर खास नजर रखना है. इस तरह हम वायरस की निगरानी और पहचान दोनों काम कर रहे हैं. क्योंकि पहचान के बाद ही उसके परिणामों पर काम कर सकते हैं. फिलहाल वायरस के कारण होने वाले बुखार में हाथ पैर दर्द हो रहा है और खांसी काफी लंबे समय तक चल रही है. यह चिंताजनक है और हम इस पर नजर बनाए हैं.
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बच्चों और आसपास के मरीजों के लिए सैंपल: बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में सागर शहर और आसपास के वायरस के सैंपल बुलाए गए हैं. इनफ्लुएंजा वायरस का सैंपल थ्रॉट स्वॉप के जरिए लिया जा रहा है. खासकर बच्चों पर इसके पड़ने वाले असर को देखते हुए सागर शहर के छह बच्चों के सैंपल लेकर निगरानी की जा रही है. इनका टेस्ट कर ये पता लगा रहे हैं कि ये इन्फ्लूएंजा वायरस या फिर कोरोना वायरस है? इसके बाद वायरस को प्रिजर्व करके डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के तहत एनआईव्ही पुणे या पीजीआई में अंतिम पहचान के लिए भेजे जाएंगे. जिस तरह से कोरोनावायरस के अलग-अलग वैरिएंट की पहचान की गई. उसी तरह इनफ्लुएंजा वायरस की अलग-अलग वैरिएंट की पहचान की जा रही है. ये भी देखा जा रहा है कि अगर कोई गंभीर मरीज है, तो उसके लक्षण कैसे हैं ? ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि मौजूदा वैरिएंट से कोई गंभीर बीमारी तो जन्म नहीं ले रही है और अगर ले रही है, तो इसे किस तरह रोका जा सकता है. (New Fever Virus) (Bundelkhand Medical College research) (Viral Fever New Research) (new variant of covid symptoms india) (viral fever new variant)