सागर। ओबीसी आरक्षण बढ़ाए जाने के बाद आरक्षण को लेकर बन रहे हालात के विरोध में सामान्य वर्ग के लोग बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. आरक्षण के खिलाफ बुंदेलखंड से आवाज बुलंद करने की तैयारी चल रही है, और इसी कड़ी में 27 फरवरी को बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर पर भारी संख्या में ब्राह्मण वर्ग के लोग जुटेंगे. आरक्षण के विरोध में ब्राह्मण कल्याण महासभा ने सभी अनारक्षित वर्ग के लोगों को आंदोलन में शामिल होने की अपील की है.
73 फीसदी आरक्षण का विरोध
27 फरवरी को सागर के संभागीय खेल परिसर मैदान पर होने जा रहे विशाल विरोध प्रदर्शन को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही हैं. आंदोलन को सफल बनाने के लिए भले ही ब्राम्हण कल्याण महासभा ने शुरुआत की है, लेकिन अनारक्षित वर्ग के सभी लोगों को आंदोलन में शामिल होने का न्योता दिया गया है. आंदोलन का मुख्य विरोध आरक्षण की सीमा 73 फीसदी पहुंचने पर है. ब्राह्मण कल्याण महासभा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ताक पर रखते हुए मध्य प्रदेश में आरक्षण की सीमा 73 फीसदी तक पहुंच गई है. इसके अलावा हाल ही में कई भर्ती के विज्ञापन जारी किए गए हैं. जिसमें अनारक्षित वर्ग के लिए एक भी सीट नहीं है. ब्राह्मण कल्याण महासभा का कहना है कि इस आंदोलन के जरिए हम सरकार को एहसास कराना चाहते हैं कि, सरकार सामान्य वर्ग के हितों पर कुठाराघात कर रही है और इसके खिलाफ जो भी लड़ाई लड़नी होगी, सामान्य वर्ग वो लड़ाई लड़ने को तैयार है. (people of brahmin society will agitate in sagar)
आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करने की मांग
ब्राह्मण कल्याण महासभा का कहना है कि राजनीतिक हितों के लिए राजनीतिक दलों द्वारा आरक्षण की मूल भावना के विपरीत काम किया जा रहा है. हम नहीं चाहते हैं कि आरक्षण जातिगत आधार पर हो, आरक्षण आर्थिक स्थिति के आधार पर होनी चाहिए. कोर्ट ने साफ किया है कि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकती है,लेकिन सरकार ने सीमा बढ़ाकर 73% कर दी है. वहीं सरकार ने सामान्य निर्धन वर्ग के लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था की है, लेकिन इसमें कई खामियां हैं, और सामान्य वर्ग के निर्धन लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसी सब के विरोध में हम आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. जिसकी शुरुआत बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर से होने जा रही है. (Brahmin society opposing 73 percent reservation)
पिछले आंदोलन में हत्याकांड का उठा था मामला
पिछली बार 27 सितंबर को सागर संभागीय मुख्यालय पर ब्राह्मण समाज द्वारा आंदोलन किया गया था. हालांकि आंदोलन की वजह सागर के सेमरा लहरिया गांव में हुए एक हत्याकांड में ब्राह्मण समुदाय के लोगों को फंसाए जाने के विरोध में थी. आंदोलन ने इतना जोर पकड़ लिया था कि सागर में प्रशासन और शासन की लाख कोशिशों के बावजूद सरकार की कार्रवाई के खिलाफ हजारों की संख्या में ब्राह्मण इकट्ठा हुए थे. सागर जिले की सीमा के अलावा मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर आंदोलन में शामिल हो रहे लोगों को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासन ने हर संभव प्रयास किए थे. उसके बावजूद संभागीय खेल परिसर में भारी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे. अब 27 फरवरी को आंदोलन किया जा रहा है, और ये आंदोलन आरक्षण के खिलाफ है. जिसे सामान्य वर्ग का आंदोलन कहा जा रहा है. ब्राह्मण सभा इस आंदोलन की अगुवाई कर रही है, जिसने 27 सितंबर के आंदोलन का नेतृत्व किया था.
आंदोलन कर रहे नेताओं का क्या है कहना, जानिये यहां
आंदोलन को सफल बनाने में जुटे दमोह के ब्राह्मण समाज के नेता मनोज देवरिया का कहना है कि हमारे इस आंदोलन में बुंदेलखंड सहित प्रदेश भर के विप्र बंधुओं के अलावा अनारक्षित वर्ग के सभी लोग आमंत्रित हैं. हमारा यह आंदोलन जातिगत आरक्षण के विरोध में है. हम हमेशा जातिगत आरक्षण को खत्म करने की बात करते आए हैं, और आर्थिक आधार पर आरक्षण चाहते हैं. आंदोलन को सफल बनाने के लिए सागर संभागीय मुख्यालय पर जिम्मेदारी संभाल रहे प्रदीप दुबे का कहना है कि आरक्षण के खिलाफ 27 फरवरी को हम अपनी आवाज बुलंद करेंगे. आंदोलन में 15 से 20 हजार लोगों के शामिल होने की संभावना है.