सागर। जिला कलेक्ट्रेट परिसर में गुरुवार को एक महिला ने जमकर हंगामा किया. दरअसल, महिला को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला था और जब वह उस जमीन पर मकान बना रही थी, तब उस मकान पर किसी और ने दावा ठोक दिया और नायब तहसीलदार कार्यालय से आवास निर्माण पर रोक लगा दी गई. पीड़ित परिवार द्वारा नायब तहसीलदार न्यायालय में मामला दर्ज कराया था, लेकिन कई दिनों की सुनवाई के बाद जब न्याय नहीं मिला, तो महिला ने कलेक्टर परिसर (sagar collectorate premises) में ही फांसी लगाने की कोशिश की. इतना ही नहीं, महिला नायब तहसीलदार के वाहन के सामने भी लेट गई.
क्या है मामला
सागर के जरुआ खेड़ा के निवासी राजेंद्र जैन किराना की दुकान चलाते हैं, उनके पास जरुआ खेड़ा के खसरा नंबर 319 में पैतृक घर है. घर के नजदीक खाली पड़ी भूमि भी उन्होंने पैतृक संपत्ति ही बताई है. इसी भूमि पर राजेंद्र का प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत हुआ था और वह अपने पुराने मकान को तोड़कर नए मकान का निर्माण करा रहे थे. इसी बीच पड़ोस में रहने वाले देवेंद्र मोदी ने धोखाधड़ी और फर्जी तरीके से खाली पड़ी भूमि का बैनामा करवा लिया. इसके बाद देवेंद्र की शिकायत पर नायब तहसीलदार द्वारा 10 मार्च को राजेंद्र द्वारा निर्मित कराए जा रहे आवास पर रोक लगा दी गई था.
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न्यायालय के चक्कर काटते हुए परेशान तो उठाया ऐसा कदम
नायब तहसीलदार न्यायालय में प्रकरण पेश करने के बाद आवेदक राजेंद्र जैन और उनकी पत्नी पिछले कई दिनों से लगातार पेशी पर आ रहे हैं, लेकिन उनके मामले का निराकरण नहीं हो पाया है. चक्कर काटते हुए परेशान हुए दंपति को आज भी नायब तहसीलदार न्यायालय में बुलाया गया था, लेकिन जब नायब तहसीलदार खुद समय पर नहीं पहुंचे, तो राजेंद्र और उनकी पत्नी ने परिसर में जमकर हंगामा किया. इतना ही नहीं उनकी पत्नी ने परिसर में लगे पेड़ पर फांसी पर लटकने की कोशिश भी की. वहीं जब नायब तहसीलदार अपने वाहन से वहां पहुंचे तो राजेंद्र की पत्नी ने गाड़ी के सामने लेट कर भी आत्महत्या करने की भी कोशिश की. फिलहाल, तहसील कर्मचारियों द्वारा पुलिस को सूचित किए जाने के बाद पुलिस ने महिला को हिरासत में ले लिया है.