सागर। सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ हरिसिंह गौर को भारत रत्न दिलाने (hari singh gaur bharat ratna demand supreme court )के लिए छात्र संगठन गौर यूथ फोरम सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा.पिछले कई सालों से डॉ हरिसिंह गौर को भारत रत्न देने की मांग चल रही है. पिछले दिनों गौर जयंती के अवसर पर इस मांग ने फिर जोर पकड़ा. सागर विश्वविद्यालय के छात्र और पूर्व छात्रों के संगठन गौर यूथ फोरम ने इस मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया है. गौर यूथ फोरम डॉ गौर को भारत रत्न की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका(sagar youth forum demand harisingh gaur bharat ratna ) दायर करने जा रहा है.
डॉ हरिसिंह गौर के लिए क्यों हो रही भारत रत्न की मांग
सागर में एक गरीब परिवार में जन्मे डॉ हरिसिंह गौर ने संघर्ष और मुश्किलों में जीवन जीते हुए अपनी शिक्षा पूरी की थी. विदेश में कानून की पढ़ाई कर पूरी दुनिया में अपनी वकालत का लोहा मनवाया था. उन्होंने एक शिक्षाविद के रूप में भी ख्याति अर्जित की. वे दिल्ली यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति थे. नागपुर विश्वविद्यालय के कुलपति रहे और देश का संविधान बनाने में अहम भूमिका निभाई. अपने जीवन के अंतिम दिनों में उन्होंने अपनी पूरी कमाई लगाकर सागर विश्वविद्यालय की स्थापना 1946 में की थी. जिसे 2008 में केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया.
मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न मिलने पर मांग ने पकड़ा जोर
2014 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न दिए जाने के बाद सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक डॉ हरिसिंह गौर को भारत रत्न देने की मांग ने जोर पकड़ा. स्थानीय लोगों का तर्क था कि मदन मोहन मालवीय ने चंदा करके विश्वविद्यालय की स्थापना की थी. लेकिन डॉ हरिसिंह गौर ने अपने जीवन की पूरी कमाई दान करके सागर विश्वविद्यालय की स्थापना आजादी के पहले की थी.
गौर यूथ फोरम खटखटाएगी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
यूथ फोरम के संयोजक विवेक तिवारी ने बताया कि तमाम मोर्चों पर डॉ गौर को भारत रत्न दिए जाने की मांग उठाने के बाद अब वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. सागर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और सुप्रीम कोर्ट के(hari singh gaur supreme court petition) वकील एहतेशाम सिद्दीकी इस मामले में 10 दिनों के भीतर जनहित याचिका दायर करने जा रहे हैं.