रीवा। शासकीय गाँधी मेमोरियल अस्पताल से सिस्टम को शर्मशार करने वाली एक तस्वीर सामने आई है. जहां पर आज तड़के एक गर्भवती महिला को डीलेवरी के लिए अस्पताल लाया गया था, लेकिन धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों ने महिला को अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया. जिसके बाद घंटो दर्द कराहती हुई महिला, अस्पताल के गेट के बाहर ही जमीन पर लेटी रही. हालांकि स्थानीय लोगों के द्वारा हंगामा करने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने महिला को भर्ती किया, जिसके कुछ देर बाद ही महिला ने बच्चे को जन्म दिया. महिला को भर्ती करने में जरा सी और देर की जाती, तो एक बड़ी अनहोनी हो सकती थी. (poor health services in mp)
अस्पताल के बाहर फर्श पर घंटो कराहती रही गर्भवती: रीवा की गुढ़ तहसील क्षेत्र स्थित ग्राम अम्हीलिया निवासी राजू कुशवाहा अपनी गर्भवती पत्नी रामवती कुशवाहा को प्रसव के लिए आज तड़के 3:00 बजे एंबुलेंस के माध्यम से गाँधी मेमोरियल अस्पताल लेकर पहुंचे थे. लेकिन दर्द से कराहती महिला को देख धरती के भगवानों का दिल नहीं पसीजा और उन्होंने पीड़िता को अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया. जिसके बाद दर्द से कराहती गर्भवती महिला अस्पताल गेट के बाहर ही घंटो जमीन पर पड़ी रही. तभी आस-पास मौजूद लोगों ने मामले पर हस्तक्षेप किया, जिसके बाद डॉक्टरों ने महिला को अस्पताल में भर्ती किया. प्रसव के बाद फिलहाल मां और बच्चे दोनों ही सुरक्षित है.
अस्पताल अधीक्षक का बेतुका बयान: घटना को लेकर अस्पताल के अधीक्षक अवतार सिंह ने बेतुका बयान दिया है. डाक्टरों की लापरवाही को छुपाते हुए अधीक्षक ने कहा कि, हमारे द्वारा मामले की जांच पड़ताल की गई थी. महिला लगभग सुबह 3:00 बजे अस्पताल डिलेवरी के लिए पहुंची थी. अस्पताल में इन दिनों बड़ी मात्रा में मरीज हैं, लेवर रूम में क्षमता से अधिक मरीज भर्ती है. एक बिस्तर में दो-दो मरीज लेटे हुए हैं, एक भी बिस्तर अस्पताल में खाली नहीं है. प्रतिदिन 60 से 70 प्रसव किए जा रहे हैं. बिस्तर उपलब्ध न होने के कारण ड्यूटी में तैनात चिकित्सकों ने महिला से कहा कि, जैसे ही बेड खाली होगा उसे भर्ती कर लिया जाएगा. (poor health services in mp) बाद में डाक्टरों ने महिला का सुरक्षित प्रसव कराया. मां और बच्चा दोनों ही अब स्वस्थ हैं, इसके अलावा अस्पताल अधीक्षक अवतार सिंह ने लोगों से अपील की है कि, जिनकी प्राइमरी डिलीवरी होती है, वह जीएमएच अस्पताल आ जाएं. लेकिन जिनकी दूसरी या तीसरी प्राइमरी डिलीवरी है, वह जिले के अन्य जितने भी शासकीय अस्पताल हैं, वहां चले जाए, जहां पर आसानी से उनकी प्राइमरी डिलीवरी हो सकती है.