रीवा। राज निवास भवन में हुए रेप कांड को लेकर सियासत तेज हो गई है, जिसके तहत कांग्रेस पार्टी के बाद अब रविवार को आम आदमी पार्टी ने राज निवास भवन में रूम बुक करने वाले एसडीएम पर कार्रवाई की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन किया. इसके साथ ही मामले को लेकर आम आदमी पार्टी ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. जिसके बाद धरना प्रदर्शन के बाद पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला के घर का घेराव करने जा रहे आप कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया.(Rewa Circuit House Rape Case)
रेप कांड के बाद गरमाई सियासत, आप ने दिया धरना: रीवा के राज निवास भवन में हुए रेप कांड मामले पर सियासत तेज हो गई है, जिस लेकर अब रविवार को आम आदमी पार्टी के तकरीबन सैकड़ा भर कार्यकर्ताओं ने सिरमौर चौराहा में धरना प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने राज निवास भवन में रूम बुक करने वाले एसडीएम अनुराग तिवारी व रूम बुक करने के लिए सिफारिश करने वाले मध्यप्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल पर कार्रवाई की मांग है. पार्टी का कहना है कि मंत्री बिसाहूलाल के कहने पर ही रीवा के राज निवास भवन में आरोपी विनोद पांडे के नाम से अंशुल मिश्रा नाम के आरोपी ने रूम नंबर 4 का एलॉट किया था, जिस पर अब आम आदमी पार्टी ने मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
मंत्री के घर का घेराव करने जा रहे कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी: प्रदर्शन के बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला के घर का घेराव करने का प्रयास किया, इसी दौरान राजेन्द्र शुक्ला के घर का घेराव करने जा रहे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है की रेप कांड का मुख्य आरोपी महंत सीताराम समदड़िया बिल्डर के बुलाने पर आया था, जिसके बाद उसने घटना को अंजाम दिया. आम आदमी पार्टी ने समदड़िया बिल्डर के द्वारा बनाए गए समदड़िया भवन को भी गिराने की मांग भी की है.
मामले पर महंत सहित 6 की गिरफ्तारी, एक फरार: बीते दिनों अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय त्रिपाठी व ब्राह्मण समाज के प्रदेश संयोजक अंशुल मिश्रा को आरोपी महंत सीताराम की मदद करने के आरोप में पुलिस ने भोपाल से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. जबकि मामले में दो अन्य आरोपी पप्पू शुक्ला व मोनू मिश्रा को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया था. मामले में मुख्य आरोपी बनाए गए महंत सीताराम उर्फ समर्थ त्रिपाठी व सह आरोपी विनोद पाण्डेय को पुलिस ने घटना के अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिया था. वहीं मामले में अभी भी एक अन्य आरोपी धीरेंद्र मिश्रा फरार है, जिसकी पुलिस के द्वारा तलाश की जा रही है.