रीवा। धोबिया टंकी इलाके में रहने वाले 14 साल के छात्र ने पढ़ाई करने का ऐसा तरीका इजाद किया है जो बड़े से बड़े और समझदार लोग भी नहीं कर पाते. घर से पढ़ाई करने वाले बच्चों को आसानी हो इसके लिए ध्रुव तिवारी ने ऑनलाइन पाठशाला बनाई है. पाठशाला कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक के बच्चों के लिए है जिसे नाम दिया गया है 'कांसेप्ट क्लियर' (Concept clear app) . इस पाठशाला लोग इतने प्रभावित हुए कि में दूरदराज के आए शिक्षक तक अपनी वीडियो को अपलोड करते हैं. अब तक 1500 से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है. वहीं इस एप्लीकेशन को भारत सरकार ने भी अप्रूव किया है.
महज 14 साल के हैं ध्रुव : कोरोना काल के बाद जहां छात्रों की पढ़ाई के लिए ऑनलाइन क्लासेस की शुरुआत की गई थी. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शुरू किए गए डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने के लिए रीवा के 14 वर्षीय ध्रुव तिवारी ने भी अपना योगदान दिया है. जिसके लिए ध्रुव ने महज 2 दिनों के भीतर ही बच्चों के लिए नवीन तरीके से ऑनलाइन पाठशाला खोल दी है. ध्रुव के द्वारा खोली गई इस नवीन पाठशाला में भारत के कोने कोने में बैठे शिक्षक अपना वीडियो अपलोड कर बच्चों को कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक की शिक्षा से जुड़ी जानकारियों साझा कर सकेंगे.
डिजिटल इंडिया की ओर ध्रुव के कदम : पीएम के डिजिटल इंडिया और पढ़ाई के महत्व को समझते हुए ध्रुव तिवारी ने सोचा की पढ़ाई को आसान बनाया जाए. इसके लिए उन्होंने नए गूगल एप्लीकेशन कांसेप्ट क्लियर की शुरुआत की. ध्रुव का कहना है कि कांसेप्ट क्लियर एप्लीकेशन का नाम ही इस उद्देश्य से रखा गया है जिससे लोगों के हर एक कांसेप्ट को क्लियर किया जा सके उन्हें कोई परेशानी न हो.
2 दिन में एप्लीकेशन की खोज : ध्रुव की मानें तो उनके पिता सॉफ्टवेयर में कार्य करते हैं तथा बचपन से ही अपने पिता को कंप्यूटर में कार्य करता देख उनके मन में एक एप्लीकेशन बनाने की जिज्ञासा हुई. वही आयरन मैन से प्रभावित होकर ध्रुव ने महज 2 दिनों के भीतर इस एप्लीकेशन की खोज कर डाली. ध्रुव का कहना है कि उनके इस एप्लीकेशन को भारत सरकार के द्वारा अप्रूव करते हुए मिनिस्ट्री ऑफ आईटी, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी व गूगल के इनिशिएटिव में सिलेक्ट किया गया है. ध्रुव के पिता धरमराज तिवारी व उनकी मां दोनों ही इस कांसेप्ट का हिस्सा है.
पिता की मदद से बनाया "कांसेप्ट क्लियर" एप : ध्रुव के पिता धरमराज तिवारी ने बताया कि उन्होंने ध्रुव को एक ऐप बनाने के लिए कहा था. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि वह महज दो दिन में ऐप तैयार कर देगा. जो काम वह सॉफ्टवेयर की दुनिया में रहकर पिछले 20 वर्षों में नहीं कर पाए वह कार्य उनके बेटे ने इतने कम वक्त में करके उन्हें आश्चर्यचकित कर दिया. यह देखकर उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और बेटे के साथ मिलकर एक बड़े प्रोजेक्ट में काम करने की ठान ली. बाद में ध्रुव के साथ मिलकर "कांसेप्ट क्लियर" ऐप को बनाने का काम करना शुरू कर दिया.
(New invention of Dhruv Tiwari of Rewa) (Concept clear app made for studies)