शिवपुरी। केसीसी से लिया लोन चुकता नहीं करने पर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमती सपना पटवा ने आरोपी बाबू किरार को 6 माह की कारावास एवं प्रतिकर से दण्डित किया गया है. (shivpuri court judgement) मामले में मध्यांचल ग्रामीण बैंक शाखा लुकवासा के शाखा प्रबंधक नरेन्द्र पाल द्वारा न्यायालय में इस आशय का परिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया था कि, आरोपी बाबू किरार ने बैंक शाखा से केसीसी से लोन लिया था, लेकिन नोटिस दिए जाने के बाद भी नहीं चुकाया.
नोटिस के बाद भी लपरवाही: आरोपी बाबू किरार ने राशि 217064/- रुपए का चेक बैंक शाखा को दिया था. किन्तु बैंक के ऑफिसर द्वारा रिटर्न मेमो के साथ लिख कर दिया गया. आरोपी के बैंक खाते में पर्याप्त निधि नहीं हैं. चेक अनादरित कर दिया गया. तब बैंक द्वारा अधिवक्ता जेपी शर्मा के माध्यम से आरोपी को नोटिस दिया गया. नोटिस प्राप्ति के बाद भी निर्धारित 15 दिवस की अवधि में चेक राशि आरोपी ने बैंक शाखा को प्रदान नही की गई. निगोशिएवल इंस्ट्रूमेंट एक्ट धारा 138 के तहत चेक बाउंस का प्रकरण बैंक द्वारा न्यायालय में परिवाद दायर कर लाया गया.
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ब्याज दर के साथ राशि अदा करने की सजा: परिवादी बैंक द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों साक्ष्य एवं उभय पक्ष की वहस के उपरांत न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में आरोपी बाबू किरार निवासी रांछी तहसील कोलारस को 6 माह के सश्रम कारावास एवं प्रतिकर अदा करने की सजा सुनाई गई है. आरोपी को चेक दिनांक से 9 प्रतिशत ब्याज दर से चेक राशि के अतिरिक्त प्रतिकर स्वरूप कुल राशि 320737 /- अदा किये जाने का आदेश दिया गया है. परिवादी बैंक शाखा की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता जेपी शर्मा, संतोष कुमार गौड़ द्वारा की गई.