कटनी। मध्यप्रदेश सरकार पंचायतों में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने और सुख सुविधाओं के विस्तार को लेकर भले ही कितने भी बड़े बड़े वादे कर ले, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि और कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. ऐसा ही हाल है कटनी के बहोरीबंद जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत जुझारी का, आरोप है कि जहां सरपंच पर पहले पत्नी के नाम पर ग्राम पंचायत में लाखों रूपए का गोलमाल करने का मामला सामने आया है. हद तो तब हो गई जब आरोपी फिर खुद सरपंच बन गया और पंचायत के 4 गांव में होने वाले विकास कार्य में भी लाखों रूपए डकार दिए. स्थिति यह है कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी आज तक कार्रवाई नहीं की गई. जिसके चलते जनपद पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक के अधिकारी भी संदेह के घेरे में हैं.
अभी तक नहीं हुई कार्रवाई
जिला पंचायत सदस्य ने भी जिला पंचायत सीईओ से पूरे मामले की जांच कराने को लेकर शिकायत पत्र सौंपा था, लेकिन उनके भी पत्र पर आज तक जिला पंचायत में किसी भी प्रकार की कोई जांच नहीं कराई है और ना ही मौके पर कोई अधिकारी वास्तविक स्थिति देखने पहुंचे हैं. इस पूरे मामले में जिला पंचायत सीईओ जगदीश चंद गोमे ने जुझारी ग्राम पंचायत की सभी पहलुओं पर जांच कराने की बात कही है. साथ ही 3 से 4 दिन में दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिया है.
ग्रमीणों को नहीं मिला कोई लाभ
ग्रमीणों ने बताया की सरपंच रतीराम पटेल की पत्नी पहले ग्राम पंचायत की सरपंच थी, उनके कार्यकाल में ग्राम पंचायत जुझारी और उससे लगे 4 गांव में कराए गए कार्य आज भी इस बात के गवाह हैं कि लाखों रूपए निकालने के बाद भी एक रूपए का काम नहीं हुआ है.
वहीं वर्तमान में रतीराम खुद सरपंच हैं और गांव में बनवाए गए खेल मैदान, तालाब ,सड़कों आदि की स्थिति आज भी वैसे की वैसी है. खेल मैदान के नाम पर निकाली गई राशि के बाद भी आज तक गांव के युवाओं को खेल मैदान नसीब नहीं हुए, ना ही तालाब और ना ही सड़कों का लाभ मिल रहा है.
सरपंच की दबंगई
ग्रामीणों के अनुसार सरपंच की दबंगई इतनी है कि जनपद से लेकर जिला पंचायत तक शिकायत करने के बाद भी आज तक किसी प्रकार की कोई जांच नहीं कराई गई है. गांव में खेल मैदान के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर दी गई है तो तालाब और सड़कों के निर्माण को लेकर भी लाखों रूपए का भ्रष्टाचार किया गया है. इतना ही नहीं गांव में नल जल योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे ग्रामीण सालों से परेशान हैं.