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MP Panchayat Election 2022: पंचायतों को पढ़े-लिखे नौजवानों पर भरोसा, चलाएं गांव की सरकार, करें विकास और सुधार

मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव 2022 में इस बार अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है, अब इस बार ग्रामीण पढ़े-लिखे लोगों को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं. खासकर इस चुनाव में युवाओं को पसंद किया जा रहा है, लेकिन अब ये पढ़े-लिखे हाई प्रोफाइल कैंडिडेट्स गांव की सरकार को किस तरीके से चलाते हैं ये देखने लायक होगा. (MP Panchayat Election 2022)

MP Panchayat Election 2022
पंचायतों को पढ़े-लिखे नौजवानों पर भरोसा
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Published : Jun 11, 2022, 9:32 PM IST

Updated : Jun 11, 2022, 10:08 PM IST

बैतूल। एमपी के पंचायत चुनाव 2022 में इस बार ग्रामीणों ने पढ़े-लिखे नौजवानों पर भरोसा जताया है, यही कारण है कि अब तक प्रदेश की 150 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में निर्विरोध पंच और सरपंच का निर्वाचन किया जा चुका है. ग्रामीणों का कहना है कि पढ़े-लिखे लोग गांव की सरकार चलाएं और गांव का विकास और सुधार करें. (MP Panchayat Election 2022)

पंचायतों को पढ़े-लिखे नौजवानों पर भरोसा

लॉ स्टूडेंट करेंगी ग्राम पंचायत का विकास: कटनी जिले की बहोरीबंद ग्राम पंचायत से BA.LLB की स्टूडेंट अंशिंका सेंगर निर्विरोध सरपंच चुनी गया हैं, लगभग 9 हजार मतदाताओं की सहमति के बाद उन्हें विकास कार्य के लिए निर्विरोध निर्वाचित किया गया है. अंशिका कहती हैं कि "अभी तक पंचायत में जो विकास नहीं हुआ है, वह विकास कार्य मैं करूंगी और मैं ग्रामीणों के भरोसे पर खरी उतरूंगी."

सागर में चुनी गई सबसे कम उम्र की सरपंच: बैतूल के जैसे ही सागर की बामोरा ग्राम पंचायत ने महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल कायम की है, यहां के लोगों ने पंचायत चुनाव में एमबीए की पढ़ाई कर रही 22 साल की वैष्णवी ठाकुर को सरपंच बनाया. वैष्णवी को निर्विरोध निर्वाचित किया है. दावा किया जा रहा है कि वैष्णवी ठाकुर प्रदेश की सबसे कम उम्र की महिला सरपंच हैं. खास बात ये है कि गांव के लोगों ने पंचायत की कमान इस बार महिलाओं के हाथों में ही सौंपने का फैसला किया है. सरपंच ही नहीं सभी महिला पंच भी निर्विरोध चुनी गई हैं. (MP Youngest Girl Sarpanch)

अमेरिका से PHD कर लौटी युवती को निर्विरोध सरपंच चुना: नरसिंहपुर जिले के साईंखेड़ा के मेहरागांव में अमेरिका से PHD की पढ़ाई कर लौटी महिला को निर्विरोध सरपंच चुना गया है. इस ग्राम पंचायत में महिला सरपंच के साथ ही सभी 11 पंच को भी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. साल 2008 में अमेरिका से PHD करने वाली माया विश्वकर्मा काफी फेमस हैं. लोग उन्हें "पैडजीजी" के नाम से जानते हैं. वह सुकर्मा फाउंडेशन के जरिए सोशल वर्क करती हैं. उनके सरपंच बनने से गांव के लोग काफी खुश हैं. (In Mehragaon Woman elected sarpanch)

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यहां महिलाओं के हाथों में बागड़ोर: इसी के साथ ही छिंदवाड़ा के गांव की सरकार में एक भी पुरुष प्रतिनिधि नहीं होगा. तामिया जनपद की ग्राम पंचायत मोहलीमाता, घानाकोड़िया, खिरेटीमाल, बिछुआ जनपद की झामटा, चौरई की लिखड़ी, परासिया की चांदामेटा कला और छिंदवाड़ा जनपद की शहपुरा ग्राम पंचायत में पंच और सरपंच पद के लिए निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति बनी है. इन पंचायतों में महिलाओं के हाथों में रहेगी बागडोर, सरपंच से लेकर पंच तक निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं.

यहां नहीं होगा चुनाव: बैतूल में पंचायत चुनाव के दौरान चिचोली जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने चुनाव में होने वाले मतभेद से बचने और शिक्षित जन प्रतिनिधि के लिए आम सहमति बनाकर सरपंच से लेकर सभी पंचों को निर्विरोध चुना है, जिसके बाद अब इस ग्राम पंचायत के ग्रामीणों के इस निर्णय की सभी जगह सराहना हो रही है. यहां के ग्रामीणों ने आम सहमति बनाकर सरपंच और 20 पंचों को निर्विरोध चुन लिया है. इस ग्राम पंचायत से सभी 20 पंच और सरपंच ने एक-एक नामांकन दाखिल किया, इनके नामांकन की जांच के बाद उन्हें वैध पाया गया. अब सिंगल नामांकन होने के कारण यहां चुनाव की स्थिति नहीं बनेगी.

ऐसे चुने गए पंच और सरपंच: देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत में 6 गांव शामिल है और यहां की जनसंख्या लगभग 4000 है. यहां हर बार ग्राम पंचायत में सरपंच और पंच के चुनाव होते थे, जिसके बाद अब ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि चुनाव में आपस में मतभेद होते हैं लड़ाई और बुराई भी होती है. इसके साथ ही चुनाव में जीतने वाला जनप्रतिनिधि जरूरी नहीं है कि पढ़ा-लिखा हो, इसलिए सरपंच और पंच पढ़े लिखे हो. इसको लेकर गांव में बैठक बुलाई गई और उसमें निर्णय लिया गया कि जो पढ़े-लिखे लोग और अच्छे लोग हैं, उन्हें सरपंच और पंच के रूप में चुना जाए. आम सहमति के बाद यहां पर सरपंच और पंच का चयन निर्विरोध हो गया.

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पंच में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल: 42 साल के अमर दास जीवनी पढ़े-लिखे हैं, उन्होंने अकाउंट से एमकाम किया है. परिस्थिति के चलते उन्हें नौकरी नहीं मिली, लेकिन अब ग्रामीणों ने उन्हें सरपंच जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी है. इसको लेकर उन्होंने संकल्प लिया है कि वे देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत को आदर्श ग्राम पंचायत बनाएंगे. इसके अलावा पंच में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल है. वार्ड नंबर 6 से जो कि आदिवासी महिला के लिए आरक्षित है, वहां से 12वीं तक पढ़ी ज्योति इवने को पंच के रूप में चुना गया है. ज्योति भी गांव के विकास की बात कर रही हैं.

पुरस्कृत होगी ग्राम पंचायत: देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत में जिस तरह ग्रामीणों ने आम सहमति बनाकर एक संदेश दिया है इसकी अधिकारी भी सराहना कर रहे हैं. इसी के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी घोषणा की है कि "जिस ग्राम पंचायत से सरपंच और पंच निर्विरोध चुने जाएंगे, उनको पुरस्कृत किया जाएगा." जिसके चलते अब इस ग्राम पंचायत को भी पुरस्कृत किया जाएगा. चिचोली तहसीलदार नरेश सिंह राजपूत का कहना है कि "चिचोली जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत से सरपंच और पंच ने सिर्फ एक-एक नामांकन जिससे वहां चुनाव नहीं होंगे. इनके निर्विरोध घोषित किए जाने की प्रक्रिया निर्वाचन आयोग के नियम अनुसार की जाएगी, ग्रामीणों की अच्छी पहल है."

बैतूल। एमपी के पंचायत चुनाव 2022 में इस बार ग्रामीणों ने पढ़े-लिखे नौजवानों पर भरोसा जताया है, यही कारण है कि अब तक प्रदेश की 150 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में निर्विरोध पंच और सरपंच का निर्वाचन किया जा चुका है. ग्रामीणों का कहना है कि पढ़े-लिखे लोग गांव की सरकार चलाएं और गांव का विकास और सुधार करें. (MP Panchayat Election 2022)

पंचायतों को पढ़े-लिखे नौजवानों पर भरोसा

लॉ स्टूडेंट करेंगी ग्राम पंचायत का विकास: कटनी जिले की बहोरीबंद ग्राम पंचायत से BA.LLB की स्टूडेंट अंशिंका सेंगर निर्विरोध सरपंच चुनी गया हैं, लगभग 9 हजार मतदाताओं की सहमति के बाद उन्हें विकास कार्य के लिए निर्विरोध निर्वाचित किया गया है. अंशिका कहती हैं कि "अभी तक पंचायत में जो विकास नहीं हुआ है, वह विकास कार्य मैं करूंगी और मैं ग्रामीणों के भरोसे पर खरी उतरूंगी."

सागर में चुनी गई सबसे कम उम्र की सरपंच: बैतूल के जैसे ही सागर की बामोरा ग्राम पंचायत ने महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल कायम की है, यहां के लोगों ने पंचायत चुनाव में एमबीए की पढ़ाई कर रही 22 साल की वैष्णवी ठाकुर को सरपंच बनाया. वैष्णवी को निर्विरोध निर्वाचित किया है. दावा किया जा रहा है कि वैष्णवी ठाकुर प्रदेश की सबसे कम उम्र की महिला सरपंच हैं. खास बात ये है कि गांव के लोगों ने पंचायत की कमान इस बार महिलाओं के हाथों में ही सौंपने का फैसला किया है. सरपंच ही नहीं सभी महिला पंच भी निर्विरोध चुनी गई हैं. (MP Youngest Girl Sarpanch)

अमेरिका से PHD कर लौटी युवती को निर्विरोध सरपंच चुना: नरसिंहपुर जिले के साईंखेड़ा के मेहरागांव में अमेरिका से PHD की पढ़ाई कर लौटी महिला को निर्विरोध सरपंच चुना गया है. इस ग्राम पंचायत में महिला सरपंच के साथ ही सभी 11 पंच को भी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. साल 2008 में अमेरिका से PHD करने वाली माया विश्वकर्मा काफी फेमस हैं. लोग उन्हें "पैडजीजी" के नाम से जानते हैं. वह सुकर्मा फाउंडेशन के जरिए सोशल वर्क करती हैं. उनके सरपंच बनने से गांव के लोग काफी खुश हैं. (In Mehragaon Woman elected sarpanch)

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यहां महिलाओं के हाथों में बागड़ोर: इसी के साथ ही छिंदवाड़ा के गांव की सरकार में एक भी पुरुष प्रतिनिधि नहीं होगा. तामिया जनपद की ग्राम पंचायत मोहलीमाता, घानाकोड़िया, खिरेटीमाल, बिछुआ जनपद की झामटा, चौरई की लिखड़ी, परासिया की चांदामेटा कला और छिंदवाड़ा जनपद की शहपुरा ग्राम पंचायत में पंच और सरपंच पद के लिए निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति बनी है. इन पंचायतों में महिलाओं के हाथों में रहेगी बागडोर, सरपंच से लेकर पंच तक निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं.

यहां नहीं होगा चुनाव: बैतूल में पंचायत चुनाव के दौरान चिचोली जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने चुनाव में होने वाले मतभेद से बचने और शिक्षित जन प्रतिनिधि के लिए आम सहमति बनाकर सरपंच से लेकर सभी पंचों को निर्विरोध चुना है, जिसके बाद अब इस ग्राम पंचायत के ग्रामीणों के इस निर्णय की सभी जगह सराहना हो रही है. यहां के ग्रामीणों ने आम सहमति बनाकर सरपंच और 20 पंचों को निर्विरोध चुन लिया है. इस ग्राम पंचायत से सभी 20 पंच और सरपंच ने एक-एक नामांकन दाखिल किया, इनके नामांकन की जांच के बाद उन्हें वैध पाया गया. अब सिंगल नामांकन होने के कारण यहां चुनाव की स्थिति नहीं बनेगी.

ऐसे चुने गए पंच और सरपंच: देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत में 6 गांव शामिल है और यहां की जनसंख्या लगभग 4000 है. यहां हर बार ग्राम पंचायत में सरपंच और पंच के चुनाव होते थे, जिसके बाद अब ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि चुनाव में आपस में मतभेद होते हैं लड़ाई और बुराई भी होती है. इसके साथ ही चुनाव में जीतने वाला जनप्रतिनिधि जरूरी नहीं है कि पढ़ा-लिखा हो, इसलिए सरपंच और पंच पढ़े लिखे हो. इसको लेकर गांव में बैठक बुलाई गई और उसमें निर्णय लिया गया कि जो पढ़े-लिखे लोग और अच्छे लोग हैं, उन्हें सरपंच और पंच के रूप में चुना जाए. आम सहमति के बाद यहां पर सरपंच और पंच का चयन निर्विरोध हो गया.

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पंच में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल: 42 साल के अमर दास जीवनी पढ़े-लिखे हैं, उन्होंने अकाउंट से एमकाम किया है. परिस्थिति के चलते उन्हें नौकरी नहीं मिली, लेकिन अब ग्रामीणों ने उन्हें सरपंच जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दी है. इसको लेकर उन्होंने संकल्प लिया है कि वे देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत को आदर्श ग्राम पंचायत बनाएंगे. इसके अलावा पंच में पुरुषों के साथ महिलाएं भी शामिल है. वार्ड नंबर 6 से जो कि आदिवासी महिला के लिए आरक्षित है, वहां से 12वीं तक पढ़ी ज्योति इवने को पंच के रूप में चुना गया है. ज्योति भी गांव के विकास की बात कर रही हैं.

पुरस्कृत होगी ग्राम पंचायत: देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत में जिस तरह ग्रामीणों ने आम सहमति बनाकर एक संदेश दिया है इसकी अधिकारी भी सराहना कर रहे हैं. इसी के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी घोषणा की है कि "जिस ग्राम पंचायत से सरपंच और पंच निर्विरोध चुने जाएंगे, उनको पुरस्कृत किया जाएगा." जिसके चलते अब इस ग्राम पंचायत को भी पुरस्कृत किया जाएगा. चिचोली तहसीलदार नरेश सिंह राजपूत का कहना है कि "चिचोली जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली देवपुर कोटमी ग्राम पंचायत से सरपंच और पंच ने सिर्फ एक-एक नामांकन जिससे वहां चुनाव नहीं होंगे. इनके निर्विरोध घोषित किए जाने की प्रक्रिया निर्वाचन आयोग के नियम अनुसार की जाएगी, ग्रामीणों की अच्छी पहल है."

Last Updated : Jun 11, 2022, 10:08 PM IST
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