जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में विश्व सिकलसेल एनीमिया जागरूकता दिवस पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फार्मेशन टेक्नालॉजी डिजाइनिंग एंड मेन्युफेक्चरिंग (ट्रिपल आईटीडीएम) में सिकलसेल रोग के समग्र प्रबंधन पर हुई कार्यशाला में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया शामिल हुए. राज्यपाल पटेल ने कहा कि सिकलसेल एक गंभीर अनुवांशिक बीमारी है. यह मानवता के लिए चुनौती है, समय पर पहचान होने पर बीमारी का उपचार किया जा सकता है और पीड़ित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है. सिकलसेल के लक्षण सिर्फ जनजातीय समुदाय में ही नहीं, अन्य समुदायों में भी दिख रहे हैं.
रोकथाम और बचाव को लेकर चलाया जा रहा अभियान: राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें सिकलसेल के समग्र उन्मूलन के लिए ठोस कार्य-योजना पर कार्य कर रही हैं. प्रदेश के जनजातीय बहुल 14 जिलों में इसकी रोकथाम और बचाव का अभियान चलाया जा रहा है. बीमार व्यक्तियों के स्वास्थ्य, विवाह और पुनर्वास सहायता पर भी ध्यान दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सिकलसेल रोग की पहचान के लिए स्क्रीनिंग और टेस्टिंग तेजी से करें, जो अगले 6 माह में पूरी हो जाए. व्यापक प्रचार-प्रसार करें और जन-जागरूकता लाएं, जिससे समय पर सिकलसेल का उपचार किया जा सके. बेहतर जीवन जीने के लिये योग और आयुर्वेद का सहारा भी लिया जा सकता है.
'सिकलसेल उन्मूलन के लिए यह कार्यशाला महत्वपूर्ण है. सिकलसेल बीमारी पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलती है, इसकी रोकथाम के लिये दीर्घ कार्य-योजना पर कार्य किया जा रहा है. आजादी के अमृत महोत्सव में हमारा लक्ष्य है कि स्वास्थ्य की दृष्टि से सभी सुखी हों'. उन्होंने कहा कि सिकलसेल एनीमिया की समग्र रोकथाम और प्रबंधन में सभी को जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, इसके लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर कार्य कर रहे हैं. पीड़ितों की 13 प्रकार की जांच कर उन्हें आवश्यक दवाइयां और टेलीमेडिसिन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.
- मनसुख मांडविया, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
रोग की पहचान के लिए स्क्रीनिंग में तेजी के प्रयास: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोविड महामारी को सामाजिक सहभागिता से नियंत्रित किया गया था. ठीक इसी प्रकार सिकलसेल एनीमिया के उन्मूलन में भी जन-सहयोग से सफलता मिलेगी. सिकलसेल एनीमिया के उन्मूलन के लिए प्रदेश के सभी जिलों में जन-भागीदारी से जन-जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. जगह-जगह नुक्कड़ नाटक, गीत आदि प्रचार-प्रसार के तरीकों से जागरूकता लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि रोग की पहचान के लिए स्क्रीनिंग में भी तेजी लाई जाएगी और इसके लिए आवश्यक संसाधन बढ़ाए जाएंगे. कोविड महामारी में घर-घर जाकर स्क्रीनिंग की गई थी, इसी प्रकार की कार्य-योजना सिकलसेल एनीमिया की रोकथाम और बचाव के लिये भी क्रियान्वित की जाएगी.
रोग के उपचार में नवीन चिकित्सा तकनीकों का प्रयोग: मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि योग, आयुर्वेद और जन-सहयोग से सिकलसेल की रोकथाम के प्रभावी कार्य होंगे. जन-सहयोग के साथ राज्य और जिला स्तर पर टॉस्क फोर्स का गठन किया जाएगा. टॉस्क फोर्स द्वारा सिकलसेल उन्मूलन के लिए कार्य करने के इच्छुक नागरिकों का सहयोग लिया जाएगा. रोग के उपचार में नवीन चिकित्सा तकनीकों का प्रयोग करें, जिससे यह रोग अगली पीढ़ी में न जाए. सिकलसेल के मरीज अपने को अकेला न समझें, प्रदेश सरकार उनके साथ है.
इनपुट - आईएएनएस