जबलपुर। नर्मदा नदी में अवैध खनन का गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है. जबलपुर में सरकार (sand contract canceled in jabalpur) और प्रशासन के तमाम दावों के बावजूद रेत ढोने का सिलसिला जारी है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूशन के निर्देश पर राज्य सरकार ने जबलपुर में रेत के ठेके निरस्त कर दिए हैं और यहां नए ठेके की प्रक्रिया चल रही है. लेकिन इसी बीच रेत माफिया बेखौफ होकर भारी भरकम मशीनों से रेत का अवैध खनन कर रहे हैं. वहीं जबलपुर के नए कलेक्टर इलैया राजा टी. द्वारा खनन माफिया पर ताबड़तोड़ कार्रवाई का दावा किया जा रहा है.
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूशन के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने खनन पर रोक लगा रखी है, लेकिन जमीनी हालात इसके बरक्स हैं. यहां ना सिर्फ बीच नदी से मशीनों के जरिए खनन चल रहा है बल्कि रेत ठेके रद्द होने के बाद खनन की तादात कम होने की बजाय और बढ़ गई है. रेत माफियाओं द्वारा चोरी की रेत का धड़ल्ले से परिवहन कर उसे ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है.
रेत माफियाओं की कमर तोड़ देंगे: कलेक्टर
इस मामले पर जबलपुर के माईनिंग इंस्पेक्टर का कहना है कि उनके पास सीमित संसाधन हैं, लेकिन सरकार की मंशा के अनुसार वह रेत के अवैध खनन पर कार्रवाई करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा की वह नरसिंहपुर से संपर्क करेंगे और एक टीम भी वहां भेजेंगे जो सत्यता की जांच करेगी. वहीं जबलपुर के कलेक्टर इलैया राजा टी. ने कहा की अवैध खनन को रोकना चुनौती जरुर है लेकिन वो जल्द ही रेत माफिया की कमर तोड़ देंगे.
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नदियों का सीना छलनी कर रहे माफिया
जबलपुर के अलावा नर्मदा की सहायक नदियों का भी रेत माफिया सीना चीर रहे हैं, कहीं मशीनों तो कहीं कश्तियों के ज़रिए अवैध रेत खनन चल रहा है. तस्वीरें बताती है कि जबलपुर में रेत माफिया कैसे मां नर्मदा का सीना छलनी कर रहे हैं, अब देखना होगा कि प्रशासन और नए कलेक्टर इन तस्वीरों को कब तक और कितना बदल पाते हैं या रेत का अवैध खनन ऐसे ही जारी रहेगा.