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यहां पेड़ों पर लगते हैं गुलाब जामुन, लोगों का दिल जीत लेती है इसकी मिठास - मध्य प्रदेश में गुलाब जामुन का फल

गुलाब जामुन का नाम सुनते ही सभी के मुंह में पानी आ जाता है. क्या बच्चे, क्या बूढ़े सभी की यह पसंदीदा मिठाई है, लेकिन क्या आपने कभी पेड़ पर लटका गुलाब जामुन खाया है, अगर नहीं तो आइए हम आपको दिखाते हैं पेड़ पर लगने वाले गुलाब जामुन को, जो स्वाद में बिल्कुल वैसा ही मीठा है.

rose apple fruit in jabalpur
पेड़ों पर लगे गुलाब जामुन
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Published : Jun 11, 2021, 9:04 PM IST

जबलपुर। पेड़ पर लगा गुलाब जामुन, सुनने में यह आपको अटपटा जरूर लग सकता है, लेकिन जबलपुर के चरगवां हिनोता में संकल्प सिंह के बगीचे में लगा गुलाब जामुन का पेड़ चर्चा का विषय बना हुआ है. इस पेड़ में गुलाब जामुन फलते हैं. फल का स्वाद बिल्कुल गुलाब जामुन की तरह ही स्वादिष्ट होता हैं, जिसे रोज एप्पल भी कहा जाता है. पेड़ पर फल फरवरी माह में लगना शुरू होता है और मई-जून तक यह खाने के लिए तैयार हो जाता है.

पेड़ों पर लगे गुलाब जामुन

यह फल खाने में काफी मीठा होता है. इसकी मिठास की वजह से ही इसे गुलाब जामुन कहा जाता है. यह पेड़ मध्यप्रदेश के अलावा भी कई राज्यों में मिलता हैं. इस फल की कीमत भी कोई आम नहीं है. बाजार में 100 से 150 रुपए प्रतिकिलो तक में ये फल मिलता है.

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स्वाद के साथ सेहत भी

यह अमरूद की तरह हल्का पीलापन लिए हरे रंग का होता है. संकल्प सिंह ने बताया कि इसकी गुठली के सेवन से नई कोशिकाएं बनती है, तो वहीं शुगर कंट्रोल के लिए भी यह काफी उपयोगी माना जाता है. इसके अलावा खून को गाढ़ा करता है और गुणों में यह सेब के जैसा होता है.

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खरीदारों की लग जाती है भीड़

संकल्प सिंह ने बताया कि बाजार में गुलाब जामुन ले जाते ही इसके कद्रदानों की भीड़ लग जाती है और तुरंत ही सारे गुलाब जामुन बिक जाते हैं. जानकारी मिलने पर इस बार जबलपुर का एक व्यापारी घर पहुंचा था, जिसे 100 रुपए किलो की दर से गुलाब जामुन दिया गया. पेड़ पर फलने वाला गुलाब जामुन पके हुए गोल अमरूद की तरह हल्का पीलापन लिए हरे रंग का होता है. यह एक पतली परत लिए रहता है. इस परत को ही खाया जाता है. इसके अंदर खाली जगह के बीच एक गोल बीज रहता है. कान के निकट गुलाब जामुन को हिलाने पर बीज की आवाज सुनी जा सकती है. अंगूठे की ताकत से दबाकर परतों को खाया जा सकता है। बीज को फेंक दिया जाता है.

जबलपुर। पेड़ पर लगा गुलाब जामुन, सुनने में यह आपको अटपटा जरूर लग सकता है, लेकिन जबलपुर के चरगवां हिनोता में संकल्प सिंह के बगीचे में लगा गुलाब जामुन का पेड़ चर्चा का विषय बना हुआ है. इस पेड़ में गुलाब जामुन फलते हैं. फल का स्वाद बिल्कुल गुलाब जामुन की तरह ही स्वादिष्ट होता हैं, जिसे रोज एप्पल भी कहा जाता है. पेड़ पर फल फरवरी माह में लगना शुरू होता है और मई-जून तक यह खाने के लिए तैयार हो जाता है.

पेड़ों पर लगे गुलाब जामुन

यह फल खाने में काफी मीठा होता है. इसकी मिठास की वजह से ही इसे गुलाब जामुन कहा जाता है. यह पेड़ मध्यप्रदेश के अलावा भी कई राज्यों में मिलता हैं. इस फल की कीमत भी कोई आम नहीं है. बाजार में 100 से 150 रुपए प्रतिकिलो तक में ये फल मिलता है.

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स्वाद के साथ सेहत भी

यह अमरूद की तरह हल्का पीलापन लिए हरे रंग का होता है. संकल्प सिंह ने बताया कि इसकी गुठली के सेवन से नई कोशिकाएं बनती है, तो वहीं शुगर कंट्रोल के लिए भी यह काफी उपयोगी माना जाता है. इसके अलावा खून को गाढ़ा करता है और गुणों में यह सेब के जैसा होता है.

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खरीदारों की लग जाती है भीड़

संकल्प सिंह ने बताया कि बाजार में गुलाब जामुन ले जाते ही इसके कद्रदानों की भीड़ लग जाती है और तुरंत ही सारे गुलाब जामुन बिक जाते हैं. जानकारी मिलने पर इस बार जबलपुर का एक व्यापारी घर पहुंचा था, जिसे 100 रुपए किलो की दर से गुलाब जामुन दिया गया. पेड़ पर फलने वाला गुलाब जामुन पके हुए गोल अमरूद की तरह हल्का पीलापन लिए हरे रंग का होता है. यह एक पतली परत लिए रहता है. इस परत को ही खाया जाता है. इसके अंदर खाली जगह के बीच एक गोल बीज रहता है. कान के निकट गुलाब जामुन को हिलाने पर बीज की आवाज सुनी जा सकती है. अंगूठे की ताकत से दबाकर परतों को खाया जा सकता है। बीज को फेंक दिया जाता है.

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