जबलपुरा राज्यसभा सांसद विवेक तंखा की तरफ से पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी.डी शर्मा और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह को 10 करोड़ रु का मानहानि नोटिस भेजा है.(Notice To CM Shivraj Singh of 10 crores ) साथ ही नोटिस में 3 दिन में माफ़ी मांगने की बात कही गई है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह भी कहा कि 3 दिन का टाइम बीतने पर चौथे दिन वे माफी भी स्वीकार नहीं करेंगे.
शिवराज, वीडी शर्मा, मंत्री भूपेन्द्र सिंह को 10 करोड़ का नोटिस
वरिष्ठ वकील और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ओबीसी आरक्षण मामले में आरोप लगाए जाने पर राज्य सरकार के मंत्रियों और प्रदेशाध्यक्ष को नोटिस भेजा है. नोटिस रविवार देर शाम प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर ने तन्खा की ओर से भेजा. नोटिस में कहा(vivek tankha send notice for defamation to shivraj singh ) गया है कि मंत्रियों द्वारा लगाए गए आरोपों से विवेक तन्खा की छवि धूमिल हुई है.
तन्खा की छवि को नुकसान पहुंचाने का आरोप
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने रविवार को बीजेपी के ओबीसी नेताओं की बैठक बुलाई थी. बैठक के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आराेप लगाया कि मामले को विवेक तन्खा कोर्ट लेकर गए. विवेक तन्खा ने महाराष्ट्र का उदाहरण दिया था. उसके आधार पर फैसला आया है. तन्खा को लेकर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वी.डी शर्मा ने भी आरोप लगाए थे. रविवार को मंत्री भूपेंद्र सिंह का बयान भी आया.उन्होंने भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की(shivraj singh vivek tankha defamation case ) तरफ से पैरवी करने वाले वकील विवेक तन्खा ने ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने के लिए कहा था. जबकि तन्खा के वकील शशांक शेखर ने बताया कि ये सब झूठे आरोप हैं. इससे तन्खा की छवि धूमिल हुई है.
पंचायत चुनाव में आरक्षण पर तन्खा ने की थी पैरवी
मध्यप्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव में आरक्षण के रोटेशन और परिसीमन के मामले को लेकर दायर की गई याचिकाओं में विवेक तन्खा सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र की तरह मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव में ट्रिपल टेस्ट लागू करने के निर्देश दिए हैं.इसमें राज्य स्तरीय आयोग के गठन की स्थापना करने का उल्लेख है.