जबलपुर। कोरोना वायरस का तांडव हर जगह मचा है. हर कोई इससे डरा-सहमा सा है,लोग अपने घरों मे भी खौफ के साये हैं. बाहर निकलने से डर लगता है. ऐसे में जबलपुर की इन महिला पुलिसकर्मियों का ड्यूटी के दौरान घरों के बाहर रहना, लोगों को कोविड गाइड लाइन का पालन करने की समझाइश देना, दिन भर सड़कों पर तैनात रहकर अपनी ड्यूटी निभाना बेहद साहसिक है.कोरोना के कठिन समय में भी बच्चों से दूर रहकर उनकी सुरक्षा का ख्याल रखना भी इनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं है, लेकिन पिछले दो माह से यह चुनौती कभी फर्ज के आड़े नहीं आई.
मोबाइल में देखती हैं बच्चों का चेहरा
जबलपुर में बहुत से ऐसी महिला पुलिसकर्मी है जो कि कोरोना काल मे अपने बच्चो से दूर ड्यूटी करने में लगी हुई है. कुछ महिलाएं तो कोरोना के संक्रमण को देखते हुए और बच्चों की सुरक्षा का ख्याल रखने के कारण दो महीने से अपने बच्चो से कई माह से दूर हैं. कैंट थाना में पदस्थ कमला पटेल की पांच साल की बेटी है, पति दिल्ली में आर्मी में पदस्थ है, कोरोना के बीच ड्यूटी भी करना है बच्ची को भी देखना है ऐसे समय मे महिला प्रधान आरक्षक कमला ने अपनी बेटी से दूर रहने की ठान ली और बच्ची को अपनी बहन के घर छोड़ दिया. वे दो महीने से अपने बच्चों से नहीं मिली हैं. जब याद आती है तो मोबाइल से वीडियो कॉल के जरिए बात करती हैं और किसी तरह अपने मन को समझा लेती हैं उस वक्त आंखों में आंसू होते हैं लेकिन बच्चों के लिए यह जरूरी है और लोगों की मदद करने के लिए ड्यूटी भी जरूरी है.
7 महीने की गर्भवती महिला पुलिस ड्यूटी पर तैनात, छुट्टी नहीं, कर्तव्य पहले
अधिकारिओं का भी मिलता है सपोर्ट
जबलपुर में और भी कई महिला पुलिसकर्मी हैं जो अपने बच्चों से दूर हैं. जो घर भी जाती हैं तो पूरी सावधानी बरतती हैं. इन्हें भी संक्रमण का डर और खतरा उतना ही है जितना और दूसरे लोगों को लेकिन खुद को बचाए रखते हुए ड्यटी और मां होने के नाते ममता के फर्ज को निभाना काफी मुश्किल हैं, लेकिन अधिकारियों के सपोर्ट से ये खुद की और दूसरों की केयर कर रही हैं. महिला पुलिस की ड्यूटी हमेशा से ही एक टफ टास्क रहा है, लेकिन ऐसे माहौल में भी ड्यूटी सभी तरह की ड्यूटी पूरी करने का जज्बा काबिले तारीफ है. बहरहाल हमारा इन महिला पुलिसकर्मियों से निवेदन है कि अपनी ड्यूटी करें पर सुरक्षित होकर, क्योंकि घर पर आपका कोई इंतजार कर रहा है.