जबलपुर। यूरिया घोटाले में आरोपी बनाये गये कृभको के स्टेट मैनेजर को हाईकोर्ट से राहत मिली है. हाईकोर्ट जस्टिस विशाल घगट की एकलपीठ ने दायर आवेदन की सुनवाई करते हुए जमानत दी गई है. गौरतलब है कि, अगस्त माह के अंतिम सप्ताह में 2642 मीट्रिक टन यूरिया की रैंक आई थी. जिसमें से 70 प्रतिशत यूरिया का कोटा सरकार का था. सरकारी कोटे के यूरिया की सप्लाई जबलपुर सहित मंडला, डिंडौरी, दमोह तथा सिवनी जिले में की जानी थी.
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सरकारी कोटे के यूरिया का प्राइवेट क्षेत्र में वितरण: इन जिलों में सिर्फ 833 मीट्रिक टन यूरिया की सप्लाई की गई. जोकि निर्धारित मात्रा से 1020 मीट्रिक टन कम था. कम्पनी को सिर्फ 30 प्रतिशत यूरिया की सप्लाई प्राईवेट क्षेत्र में करनी थी. कंपनी ने सरकारी कोटे का वितरण भी प्राइवेट क्षेत्र में कर दिया है. विपणन अधिकारी की शिकायत पर कृषक भारती को-ऑपरेटिव लिमिटेड के मार्केटिंग डायरेक्टर राजेन्द्र चौधरी, टांसपोर्टर डीपीएमके फर्टिलाइजर के द्वारिका गुप्ता, रैंक हैंडलर के स्टेट मैनेजर जय प्रकाश सिंह एवं अन्य के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम, आईपीसी की धारा 409, 34 तथा 120 बी के तहत लार्डगंज पुलिस ने प्ररकण दर्ज किया था. पुलिस ने कंपनी के स्टेट मैनेजर जय प्रकाश सिंह को झांसी से गिरफ्तार किया था.
सुनवाई के बाद हाईकोर्ट से जमानत: जमानत आवेदन की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता पंकज दुबे ने एकलपीठ को बताया कि, विपणन संघ ने 25 अगस्त को 70:30 प्रतिशत के अनुपात से यूरिया सप्लाई का ऑर्डर कृभको को दिया था. कृभको द्वारा उत्तर प्रदेश से रैंक रवाना कर दिया गया था, जिसे डीलर द्वारका प्रसाद गुप्ता ने प्राप्त किया परंतु सप्लाई नहीं की. इसमें विपणन संघ जबलपुर के अधिकारियों की मिली भगत थी. विपणन संघ ने ही एक पक्षीय जांच करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कारवाई है. एकलपीठ ने सुनवाई के बाद आवेदक को जमानत दे दी है. (mp urea scam) (MP High Court News)