जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के मामले में एक बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा है कि विवाहित पुत्री भी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार है, उसे भी उसका हक मिलना चाहिए. अनुकंपा नियुक्ति को लेकर यह फैसला जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने दिया है.
यह है मामला: आवेदिका सुधा मिश्रा की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि आवेदिका सुधा मिश्रा जिनके पिता स्वर्गीय बृजलाल पांडे की मृत्यु 13 मई 2019 को हो गई थी. वे सहायक शिक्षक के पद पर प्राथमिक शाला सतना में कार्यरत थे. पिता की मृत्यु के बाद आवेदिका ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था जिसको संयुक्त संचालक लोक शिक्षण रीवा संभाग ने निरस्त कर दिया. इसके बाद आवेदिका ने हाई कोर्ट में याचिका दायर करते हुए यह तर्क रखा था कि मध्य प्रदेश शासन के प्रपत्र 29 सितंबर 2014 की कंडिका के परिपेक्ष में याचिकाकर्ता के अनुकंपा नियुक्ति का प्रकरण अमान्य कर दिया गया है. उस पर माननीय न्यायालय ने मीनाक्षी दुबे विरुद्ध पूर्व क्षेत्र वितरण कंपनी के आदेश के तहत याचिकाकर्ता की याचिका स्वीकार करते हुए आवेदक गणों को आदेशित किया है कि आवेदिका के द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र पर पुन: विचार कर उसे न्याय प्रदान करें.
सड़क निर्माण में 95 लाख का गबन: खंडवा जिले की पुनासा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम हंटिया के पूर्व सरपंच और सचिव ने इंदिरा आवास योजना व सड़क निर्माण में करीब 95 लाख रुपये का गबन किया है. इनके खिलाफ मिली शिकायतों को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.
यह है मामला: इस मामले में एक जनहित याचिका रणधीर कैथवास की ओर से दायर की गई है. जिसमें कहा गया कि खंडवा जिले की पुनासा जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली हंटिया ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच मधुवाला पटेल व सचिव नानकराम ठाकरे ने इंदिरा आवास योजना में करीब 84 लाख रुपये व सड़क निर्माण की छ: लाख रुपये की राशि का बंदरबाट कर लिया है. आरोप है कि इन लोगों ने सड़क निर्माण का पैसा निकाल लिया गया, जबकि सड़क का निर्माण हुआ ही नहीं. ममले की जांच में भी इन लोगों को दोषी पाया गया, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. याचिका में दोषियों पर कार्रवाई कर उक्त राशि की रिकवरी किए जाने की मांग की गई है. मामले में प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कलेक्टर व एसपी खंडवा, सीईओ जिला पंचायत व सीईओ जनपद पंचायत पुनासा सहित पूर्व सरपंच मधुवाला पटेल व पूर्व सचिव नानकराम ठाकरे को पक्षकार बनाया गया है. मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद न्यायालय ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं.