जबलपुर। फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर खान की प्रेगनेंसी से जुड़ी किताब का मामला अब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में पहुंच गया है. कोर्ट ने इस विवादित किताब "करीना खान प्रेगनेंसी बाइबल" के मामले में प्रदेश सरकार को भी पार्टी बनाए जाने के निर्देश दिए हैं. किताब के टाइटल को लेकर ईसाई समुदाय ने आपत्ति दर्ज कराई है. जिसमें समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत होने का आरोप लगाते हुए याचिका दाखिल की गई थी. जिसपर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति डीके पालीवाल की कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार को भी पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी.
धार्मिक भावनाएं आहत होने का मामला: करीना कपूर के विवादित किताब के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले एडवोकेट क्रिस्टोफर एंथनी ने पीटीआई को बताया कि उन्होंने इस संबंध में ओमती पुलिस थाना और पुलिस अधीक्षक को शिकायत कर करीना और प्रकाशकों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की थी. इसके अलावा याचिका में किताब की को ऑर्थर अदिति शाह भीमजियानी और किताब को बिक्री के लिए उपलब्ध कराने वाले अमेजन ऑनलाइन पर भी केस दर्ज करने की मांग की गई है. क्रिस्टोफर एंटनी के मुताबिक उन्होंने 26 फरवरी को सेशन कोर्ट में अभिनेत्री के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने के मामले में एफआईआर दर्ज कराने को लेकर शिकायत दी थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. पुलिस ने भी इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की इसके बाद उन्होंने जुलाई में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने का फैसला किया.
किताब के नाम में जोड़े गए बाइबल पर आपत्ती: याचिकाकर्ता एडवोकेट क्रिस्टोफर एंथोनी ने बताया कि करीना खान की प्रेग्नेंसी बाइबल शीर्षक से एक किताब प्रकाशित की गई है. जिसके टाइटल में ईसाई धर्म के पवित्र ग्रंथ बाइबल नाम 'करीना खान प्रेगनेंसी बाइबल' नाम से जोड़ा गया है. इससे ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं.
9 जुलाई को लॉन्च हुई किताब: फिल्म अभिनेत्री करीना कपूर खान ने 9 जुलाई 2021 को अपनी किताब 'करीना खान प्रेगनेंसी बाइबल' को लॉन्च किया था. फरवरी 2021 में अपने दूसरे बच्चे को जन्म देने वाली करीना ने इस किताब को अपना तीसरा बच्चा बताते हुए इसका प्रमोशन किया था. उन्होंने सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी कई पोस्ट भी की थी. करीना के मुताबिक इस किताब में अउन्होंने अपनी प्रेग्नेंसी के दौरानके शारीरिक और भावनात्मक एक्सपीरियंस का कलेक्शन किया है. अब इस किताब के किताब के टाइटल को लेकर विवाद खड़ा हो गया है और मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है.