जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से जबलपुर और आसपास के 5 जिलों के लाखों छात्रों को स्नातक और स्नातकोत्तर की शिक्षा मिलती है. जहां यूनिवर्सिटी में टीचिंग डिपार्टमेंट में पढ़ाई होती है, शोध होता है. इसके अलावा संबंधित कॉलेजों के छात्र-छात्राओं के लिए प्रश्न पत्र बनाना, रिजल्ट बनाना यह सभी काम किए जाते हैं. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बीते कुछ सालों से यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की भर्ती पर प्रतिबंध लगा हुआ है. यूनिवर्सिटी के हालात ऐसे हैं कई ऐसे विभाग भी हैं जिनमें एक भी शिक्षक नहीं बचा है. इस वजह से विश्वविद्यालय में कार्य करने में काफी परेशानी भी हो रही है.
शिक्षकों की भर्ती पर प्रतिबंध
बीते कुछ सालों से यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की भर्ती पर प्रतिबंध लगा हुआ है. यूनिवर्सिटी के हालात यह है कि कई विभागों में एक भी शिक्षक नहीं बचा, इनमें कुछ महत्वपूर्ण संकाय भी शामिल हैं. रसायन शास्त्र, समाज शास्त्र, अंग्रेजी साहित्य और हिंदी साहित्य इन चारों विभागों में एक भी शिक्षक नहीं है, जो स्थाई हो. यहां पर दूसरे विभाग के शिक्षकों को बतौर प्रभारी नियुक्त किया गया है.
क्या बोले विश्वविद्यालय के कुलपति ?
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.कपिल देव मिश्र ने कहा, 'वह भी लाचार हैं, सरकार भर्तियां नहीं निकाल रही है, अभी बैकलॉक के पदों के लिए भर्तियां निकाली हैं. लेकिन सामान्य पदों के लिए हाईकोर्ट में आरक्षण के मामला पेंडिंग होने की वजह से शिक्षकों की भर्ती नहीं की जा सकी है'. यूनिवर्सिटी में पढ़ाई को सुचारू बनाए रखने के लिए 140 के लगभग अतिथि शिक्षकों का सहारा लिया जा रहा है. केवल 47 स्थाई शिक्षक ही बचे हैं. इनमें भी ज्यादातर ऐसे हैं, जिनके पास 1 या 2 साल ही हैं. यादि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में भर्तियां नहीं की गईं तो यूनिवर्सिटी में कई विभागों को बंद करने की नौबत आ जाएगी.
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तो क्या बंद हो जाएगी RDVV
मध्यप्रदेश में सरकार दEवा करती है कि सब कुछ ठीक है. लेकिन रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के मौजूदा हालात को देखकर तो नहीं लगता कि सब कुछ ठीक है या फिर हम यह मान सकते हैं कि 100 एकड़ का यह विश्वविद्यालय सरकार बंद करने की तैयारी कर रही है. ताकि निजी विश्वविद्यालयों के लिए रास्ता खोला जा सके.