जबलपुर। शहर में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल डिजाइन के नाम का एक संस्थान है. यह संस्थान इंडस्ट्री की जरूरतों से जुड़े शोध और अविष्कार करता है. इसमें इंजीनियरिंग की शिक्षा भी दी जाती है, और छात्रों को आईआईटी के एग्जाम के जरिए ही एडमिशन मिलता है. राष्ट्रीय स्तर के इस संस्थान के नाम कई शोध हैं. कई अविष्कार भी यहां हुए हैं, लेकिन इन्हीं में से एक है फ्यूज मेटल मैट्रिक्स डिपोजिशन मशीन. इस मशीन को इंजीनियरों के लिए अलादीन का जिन कह सकते हैं, लेकिन क्यों ? जानने के लिए रिपोर्ट पढ़ें.
'फ्यूज मेटल मैट्रिक्स डिपोजिशन मशीन' की खासियत
फ्यूज मेटल मैट्रिक्स डिपोजिशन मशीन काफी छोटी है, लेकिन यह बहुत बड़े काम कर सकती है. दरअसल कोई भी बड़ी मशीन छोटे-छोटे कलपुर्जों से बनती है. शोधकर्ता के दिमाग में मशीन का डिजाइन बन जाता है, फिर वह इसे अपनी ड्राइंग के जरिए तैयार करता है. फिर एक-एक करके मशीन पर छोटे-छोटे कलपुर्जे तैयार किए जाते हैं. इन छोटे नट-बोल्ट, गियर जैसे सामानों को बनाने में या इकट्ठा करने में इंजीनियरों को बहुत समय जाता है, लेकिन इस मशीन को यदि कोई ड्राइंग दे दी जाए तो यह उसका 3D सामान बना सकती है.
मशीन से हो सकती है 3D प्रिंटिंग
3D प्रिंटिंग नई बात नहीं है, लेकिन इस मशीन में केवल प्लास्टिक से जुड़े हुए सामान ही नहीं बल्कि धातु के बारीक टुकड़ों से भी 3D प्रिंटिंग की जा सकती है. जिसमें धातु को बाद में पकाकर ऐसे कलपुर्जे बनाए जा सकते हैं, जिनका सीधा उपयोग मशीन में किया जा सके. इंजीनियरों के लिए यह मशीन एक किस्म से अलादीन का जिन है. जिससे हर जरूरी सामान बनवा सकते हैं.
इस मशीन को बनाने वाले शोधकर्ता डॉ पुनीत टंडन का कहना है कि केवल इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए ही नहीं बल्कि डॉक्टरों के लिए भी यह मशीन वरदान है, क्योंकि इससे कई कृत्रिम हड्डी या कृत्रिम इन प्लांट बनाए जा सकते हैं. जिनकी संरचना हुबहू मानव शरीर के भीतर होती है और अच्छी बात यह है कि बेहद कम कीमत पर केवल मटेरियल के दाम पर लाखों रुपए के महंगे इन प्लांट बनाए जा सकते हैं.
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समाज के हित में उपयोग हो रही मशीन
डॉ पुनीत टंडन का कहना है कि इस तरह की मशीन अभी दुनिया में कम ही है. विदेशों में इस पर कुछ प्रयोग हुए हैं, लेकिन भारत में ऐसी यह इकलौती मशीन है, और कॉलेज के एक छात्र ने इस काम को स्टार्टअप के रूप में शुरू किया है. इस छात्र के जरिए मशीन का उपयोग समाज के हित के लिए भी किया जा रहा है.