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jabalpur corona fraud नकली रेमडिसीवर पर अदालत ने दिए मुकदमा दर्ज करने के आदेश, जाने क्या था मामला - जबलपुर अदालत ने मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया

कोरोना कॉल में कुछ लोगों ने समाज सेवा की मिसाल कायम की तो कुछ उस आपदा में भी अवसर ढूंढने से बाज नहीं आए. उन्होंने इस संकट के समय मे भी पैसों को ज्यादा महत्व दिया. इसी पैसे के चक्कर में अब ऐसे लोगों को जेल की हवा खानी पड़ रही है. यह मामला जबलपुर का है.जिसमें अदालत ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. (jabalpur corona fraud Court)

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जबलपुर नकली रेमडिसीवर पर अदालत ने दिए मुकदमा दर्ज करने के आदेश
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Published : Sep 25, 2022, 10:30 PM IST

जबलपुर। कोरोना काल में आपदा में अवसर मानकर संक्रमित व्यक्ति के लिए जीवन रक्षक दवा के रूप में इस्तेमाल में हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन में फर्जीवाड़ा किया गया था. यह फर्जीवाड़ा करने वाले सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा, मैनेजर सोनिया खत्री, डॉक्टर प्रदीप पटेल एवं अभिषेक चक्रवर्ती थे. न्यायालय के आदेश पर ओमती थाना में इनके खिलाफ धारा 201, 274, 275, 304, 420, 467, 468, 471, 120 बी सहित आपदा प्रबंधन अधिनियम, महामारी, अधिनियम एवं ड्रग्स कंट्रोल एक्ट के तहत अपराध पंजीक्रत किया गया है. (jabalpur Court orders file case on fake remdisiver)

जाने क्या है पूरा मामलाः दरअसल सिटी अस्पताल में कोरोना काल के दौरान भर्ती हुए पेशेंट घमापुर निवासी विजय कुमार श्रीवास की 3 मई 2021 को मृत्यु हो गई थी. मृतक विजय कुमार श्रीवास के पुत्र एडवोकेट महेंद्र श्रीवास ने सिटी अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर पर लापरवाही और नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने सहित कई गंभीर आरोप लगाते हुए दोषियों पर अपराध दर्ज कराने के लिए न्यायालय की शरण ली थी. आवेदक महेंद्र श्रीवास ने संबंधित आरोपियों पर धारा 302 का मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई थी. (jabalpur know who is responsible)

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सही इलाज नहीं हुआः पीड़ित महेंद्र श्रीवास ने पुलिस को बताया कि 23 मार्च 2021 को उसने अपने पिता विजय कुमार श्रीवास को सिटी अस्पताल में सीजीएचएस सुविधा के तहत एडमिट कराया था. अस्पताल ने विजय कुमार का सीटी स्कैन कराया गया. इसके बाद डॉक्टर प्रदीप पटेल ने बताया कि आपके पिता कोरोना पॉजीटिव हैं. करीब 2 सप्ताह के उपचार के बाद डाक्टरों ने कह दिया कि आप पिता को घर ले जाएं. अस्पताल में उन्हें इन्फेक्शन हो जाएगा. डॉक्टरों ने परिवार को डराते हुए पिता को डिस्चार्ज कर दिया. 13 अप्रैल को पुनः पिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने इसी दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाया गया. इंजेक्शन लगने के बाद इन्फेक्शन और बढ़ गया. पिता का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता गया और 3 मई 2021 को उनकी मौत हो गई. डॉक्टरों ने कह दिया कि मौत 'सडन कार्डियक अरेस्ट' के कारण हुई है. पिता को उपचार के दौरान कौन सी दवाएं दी गईं इसकी जानकारी भी नहीं दी गई. (jabalpur corona fraud Court) (jabalpur know who is responsible)

नकली इंजेक्शन का हुआ था भंडाफोड़ः एक मई 2021 को गुजरात पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था. इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ के आधार पर 6 मई को जबलपुर के आशा नगर निवासी सपन जैन को गुजरात पुलिस गिरफ्तार कर ले गई थी. सपन जैन, सिटी अस्पताल के कर्मी देवेश चौरसिया और इंदौर में गिरफ्तार क्षितिज राय, यश मेहंदी और विजय सहजवानी ने सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की भूमिका को उजागर किया था. नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में सरबजीत सिंह मोखा उसकी पत्नी बेटा सहित अस्पताल प्रबंधन के लोग जेल जा चुके हैं. नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रकरण में ओमती थाने में दर्ज अपराध क्रमांक 252/21 में धारा 274, 275, 308, 420, 120 बी, ताहि 53 आपदा प्रबंधन अधिनियम 3 महामारी अधिनयम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था. (jabalpur Court orders file case on fake remdisiver)

जबलपुर। कोरोना काल में आपदा में अवसर मानकर संक्रमित व्यक्ति के लिए जीवन रक्षक दवा के रूप में इस्तेमाल में हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन में फर्जीवाड़ा किया गया था. यह फर्जीवाड़ा करने वाले सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा, मैनेजर सोनिया खत्री, डॉक्टर प्रदीप पटेल एवं अभिषेक चक्रवर्ती थे. न्यायालय के आदेश पर ओमती थाना में इनके खिलाफ धारा 201, 274, 275, 304, 420, 467, 468, 471, 120 बी सहित आपदा प्रबंधन अधिनियम, महामारी, अधिनियम एवं ड्रग्स कंट्रोल एक्ट के तहत अपराध पंजीक्रत किया गया है. (jabalpur Court orders file case on fake remdisiver)

जाने क्या है पूरा मामलाः दरअसल सिटी अस्पताल में कोरोना काल के दौरान भर्ती हुए पेशेंट घमापुर निवासी विजय कुमार श्रीवास की 3 मई 2021 को मृत्यु हो गई थी. मृतक विजय कुमार श्रीवास के पुत्र एडवोकेट महेंद्र श्रीवास ने सिटी अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर पर लापरवाही और नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने सहित कई गंभीर आरोप लगाते हुए दोषियों पर अपराध दर्ज कराने के लिए न्यायालय की शरण ली थी. आवेदक महेंद्र श्रीवास ने संबंधित आरोपियों पर धारा 302 का मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई थी. (jabalpur know who is responsible)

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नकली इंजेक्शन का हुआ था भंडाफोड़ः एक मई 2021 को गुजरात पुलिस ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था. इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ के आधार पर 6 मई को जबलपुर के आशा नगर निवासी सपन जैन को गुजरात पुलिस गिरफ्तार कर ले गई थी. सपन जैन, सिटी अस्पताल के कर्मी देवेश चौरसिया और इंदौर में गिरफ्तार क्षितिज राय, यश मेहंदी और विजय सहजवानी ने सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की भूमिका को उजागर किया था. नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में सरबजीत सिंह मोखा उसकी पत्नी बेटा सहित अस्पताल प्रबंधन के लोग जेल जा चुके हैं. नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन प्रकरण में ओमती थाने में दर्ज अपराध क्रमांक 252/21 में धारा 274, 275, 308, 420, 120 बी, ताहि 53 आपदा प्रबंधन अधिनियम 3 महामारी अधिनयम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया था. (jabalpur Court orders file case on fake remdisiver)

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