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Jabalpur Bishop Fraud कांग्रेस शासन में दबा दी गई थी बिशप की जांच, जाने क्यों नहीं हुई कार्रवाई - जबलपुर कांग्रेस शासन में दबा दी गई थी बिशप की जांच

मध्यप्रदेश के जबलपुर में ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह का मामला दिनोदिन बढ़ता जा रहा है. फर्जीवाड़े के मास्टर बिशप के खिलाफ शिकायत के बाद जांच कांग्रेस शासनकाल में भी शुरू हुई थी. लेकिन उसकी फाइल कांग्रेस के उच्चपदाधिकारियों के निर्देश पर दबा दी गई थी. इसको लेकर राजनीतिक गलियारे में हलचल मची हुई है.

Jabalpur Bishop Pc singh Fraud
कांग्रेस शासन में दबा दी गई थी बिशप की जांच
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Published : Sep 19, 2022, 8:31 PM IST

जबलपुर। भ्रष्टाचार और काली कमाई से नाम शोहरत कमाने वाले बिशप पीसी सिंह पर रोज एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे है. नई जानकारी यह सामने आयी है कि कमलनाथ सरकार के समय हुई शिकायत में कार्यवाही नहीं हुई. यह खबर राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बनी हुई है. कहा जा रहा है कि ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह को कांग्रेस के उच्च पदाअधिकारियों का संरक्षण प्राप्त रहा. जिसके चलते मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के वक्त हुई शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हुई.यहां तक कि जांच के लिए गई शिकायतों की फाइल भी दबा दी गई. यही कारण रहा कि पीसी सिंह स्कूलों की फीस का उपयोग निजी व अन्य उपयोग में धड़ल्ले से करता रहा.

Jabalpur Bishop Update बिशप पीसी सिंह के हर गुनाह में साथ देता था सुरेश जैकब, EOW छापे के बाद गायब

कांग्रेस शासन में दबा दी गई थी जांचः जबलपुर EOW के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक नीरज सोनी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के कहने पर जांच की कार्यवाही को दबा दिया था. दूसरी ओर ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह किसी भी तरह से उक्त जमीनों को अपने नाम कराने के लिए साजिश रचता रहा. उसने मौका मिलते ही नेपियर टाउन स्थित मिशन कम्पाउंड के दो प्लाट को स्वयं ही बेचकर आधे से भी कम दामों पर अपने नाम पर रजिस्ट्री करा ली. इसके अलावा स्कूल में बच्चों की फीस का भी निजी व धार्मिक संस्थाओं में उपयोग कर लिया. पीसी सिंह मनमाने व नियम विरुद्ध तरीकों से किए जा रहे कार्यो की शिकायत उस वक्त भी की गई थी जब एमपी में कमलनाथ की सरकार काबिज थी. काग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के संरक्षण के चलते पीसी सिंह पर कोई कार्यवाही नहीं हो पाई. यहां तक कि उसके कारनामों से भरी शिकायतों की फाइल को दबा दिया गया. जबलपुर में भी दो विधायकों का स्थानीय स्तर पर बिशप को संरक्षण प्राप्त रहा. जिसके चलते स्थानीय स्तर पर भी पीसी सिंह अपनी मनमानी करता रहा. ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह के मामले की जांच में ईओडब्ल्यू की टीम जुटी हुई है. ईओडब्ल्यू द्वारा उन लोगों को सूचीबद्ध किया जा रहा है, जिन्होंने पीसी सिंह से लाभ लिया है. आने वाले दिनों में इन लोगों पर EOW की टीम द्वारा शिकंजा कसा जाएगा.

जबलपुर। भ्रष्टाचार और काली कमाई से नाम शोहरत कमाने वाले बिशप पीसी सिंह पर रोज एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे है. नई जानकारी यह सामने आयी है कि कमलनाथ सरकार के समय हुई शिकायत में कार्यवाही नहीं हुई. यह खबर राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बनी हुई है. कहा जा रहा है कि ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह को कांग्रेस के उच्च पदाअधिकारियों का संरक्षण प्राप्त रहा. जिसके चलते मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के वक्त हुई शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हुई.यहां तक कि जांच के लिए गई शिकायतों की फाइल भी दबा दी गई. यही कारण रहा कि पीसी सिंह स्कूलों की फीस का उपयोग निजी व अन्य उपयोग में धड़ल्ले से करता रहा.

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