जबलपुर। प्रदेश के हर जिले में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर की क्या स्थिति है इसको लेकर राज्य सरकार मूल्यांकन कर रही है. प्रदेश में पहली बार 2022 में रेटिंग की गई, जिसमें मातृ एवं शिशु मृत्यु दर रोकने में जबलपुर और अलीराजपुर पहले स्थान पर आए हैं जबकि भोपाल, इंदौर और ग्वालियर इस दौड़ में काफी पीछे हैं.
सीएम शिवराज सिंह ने की थी समीक्षा
दरअसल, प्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कैसे रोके इसको लेकर सरकार गहन चिंतन हमेशा से ही करती आई है क्योंकि, मध्यप्रदेश में स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है. लिहाजा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए राज्य सरकार ने मूल्यांकन के साथ कुछ मापदंड निर्धारित किए हैं. इन मापदंडों के आधार पर जिलों की रैंकिंग भी की जा रही है, हाल ही में जारी रैंकिंग में जबलपुर और अलीराजपुर टॉप में आए हैं, जिसकी समीक्षा खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी.
इस आधार पर मिलते हैं नंबर
पूरे मध्यप्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को रोकने में जबलपुर प्रथम स्थान आया है. इस विषय पर जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ संजय मिश्रा ने बताया कि, गर्भवती महिलाओं की प्रसव से पहले चार जांच होती हैं, जिसमें एनीमिया का पता करना और उसे ठीक करना, गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर का बढ़ने पर पर रोक लगाना आदि के आधार पर भी अंक निर्धारित किए गए हैं. इस तरह से राज्य सरकार ने 100 अंकों में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर रोकने के मूल्यांकन को विभाजित किया है.
फिर हुई जबलपुर पुलिस की किरकिरी, 62 साल की बुजुर्ग महिला पर 26 मामले किए दर्ज
जबलपुर-अलीराजपुर को मिले इतने नंबर
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य मूल्यांकन में जबलपुर और अलीराजपुर को 100 में से 56-56 नंबर मिले हैं. वहीं सीधी, राजगढ़, रीवा, भोपाल, रायसेन, बैतूल, धार और मंदसौर टॉप टेन में शामिल हुए हैं. इसके अलावा इंदौर और ग्वालियर क्रमांश 42 और 51 नंबर पर रहे, जबकि आदिवासी बाहुल्य जिला डिंडोरी 21 और मण्डला 43 नंबर पर रहे हैं.
इस तरह से होता है मूल्यांकन
- गर्भवती महिलाओं का प्रथम त्रैमास में स्वास्थ्य विभाग में पंजीयन.
- पंजीकृत गर्भवती महिला की चार बार प्रसव पूर्व देखभाल.
- एनीमिया ग्रसित गर्भवती महिलाओं की पहचान व उपचार.
- गंभीर एनीमिया से ग्रसित गर्भवती महिलाओं की पहचान व उपचार.
- गर्भवती महिलाओं में हृदय संबंधी बीमारियों की पहचान व उपचार.
- गर्भवती महिलाओं की प्रसव की अनुमानित तारीख की गणना व पोर्टल में दर्ज करना.