जबलपुर। दमोह उपचुनाव में ड्यूटी करने वाले 100 शासकीय कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से हुई मौत को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से कोरोना से मृत शासकीय कर्मचारी और उनके परिजनों की सूची पेश की गयी. याचिका पर गुरूवार को सुनवाई हुई. सरकार ने जवाब पेश करने के लिए समय मांगा है. युगलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई 18नवम्बर को निर्धारित की है.
उपचुनाव में ड्यूटी के दौरान कोरोना से मारे गए 100 कर्मचारी
याचिकाकर्ता डॉ. जया ठाकुर की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि दमोह उपचुनाव के दौरान चुनाव ड्यूटी करने वाले लगभग 100 शासकीय कर्मचारियों की कोरोना से मौत हुई है. जिससे 66 पीड़ित शिक्षक थे. अखबार में प्रकाशित खबर में इस बात की पुष्टि जिला शिक्षा अधिकारी ने की है. याचिका में कहा गया था कि चुनाव ड्यूटी में कोरोना संक्रमण से पीडित होने के कारण जिन कर्मचारियों की मौत हुई है उनके आश्रितों को किसी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया गया है. चुनाव आयोग द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार कोरोना से मृत्यु होने पर 30 लाख रूपये की आर्थिक सहायत देने की बात कही गयी थी.
नहीं मिली खाद तो महिला किसान ने लगा ली फांसी, पास खड़े लोगों ने बचाया, देखें VIDEO
मृतक कर्मचारियों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग
याचिका में कहा गया था कि दिल्ली सरकार की ओर से कोरोना वॉरियर्स को एक करोड़ रुपए दिये जा रहे हैं. याचिका में मांग की गयी थी कि उपचुनाव में जिन शासकीय कर्मचारियों की मौत हुई है उनके परिजनों को एक करोड़ रूपये की आर्थिक मदद और शासकीय नौकरी प्रदान की जाये. याचिका में केन्द्र, राज्य सरकार सहित केन्द्रीय और राज्य चुनाव आयोग को अनावेदक बनाया गया था.