जबलपुर। बीते बुधवार देर रात ईओडब्ल्यू की टीम ने जबलपुर के एआरटीओ संतोष पाल के शताब्दीपुरम स्थित आलीशान बंगले में छापा मारा. इसमें ईओडब्लू को अकूत संपत्ति मिली. जो एआरटीओ की सैलरी से साढ़े छह सौ गुना अधिक है. ईओडब्लू ने एआरटीओ संतोष पाल और उनकी पत्नी रेखा पाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया.छापे के दौरान एआरटीओ संतोष पाल का साम्राज्य देखने के बाद हर किसी के होश फाख्ता हो गए. आलीशान 10000 स्क्वायर फीट में बने बंगले में तमाम अत्याधुनिक संसाधनों का समावेश पाया गया. इसमें एक मिनी थिएटर, 5000 वर्ग फीट में गार्डन और स्विमिंग पूल, ड्राइंग रूम से लेकर बाथरूम तक आलीशान संसाधन हैं. इसके अलावा लाखों रुपए के जेवरात भी घर से मिले.
इन सवालों के जवाब कौन देगा
- धनकुबेर ARTO संतोष पाल पर EOW का शिकंजा आख़िर अब क्यों कसा.
- आख़िर कैसे बना लिया ARTO ने भ्रष्टाचार का इतना बड़ा साम्राज्य
- EOW की ये कार्रवाई विशेष न्यायालय के निर्देश पर की गई, कार्रवाई करने में इतनी देरी क्यों की
- ARTO पाल को पहले से कैसे मिल गई थी छापे की जानकारी
- क्या छापे में जितनी सम्पत्ति उजागर, सिर्फ़ उतनी ही है
सवाल उठे -कार्रवाई में इतनी देरी क्यों : एआरटीओ संतोष पाल का यह भ्रष्ट साम्राज्य चंद दिनों में नहीं बना, बल्कि लंबे समय से वह सबकी नजरों में था. आलीशान लाइफस्टाइल का शौकीन प्रभारी आरटीओ संतोष पाल अमूमन विवादों में भी रहा. इसके बावजूद आखिर इतनी देर बाद क्यों कार्रवाई की जद में फंसा. इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल, जबलपुर स्थित ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश अनूप कुमार त्रिपाठी की अदालत में एक परिवाद दायर किया गया. इस परिवाद द्वारा प्रभारी आरटीओ संतोष पाल द्वारा आय से अधिक संपत्ति मामले की शिकायत करते हुए बताया गया कि फिलहाल कोई भी विभाग शिकायत देने के बावजूद प्रभारी आरटीओ पर कार्रवाई नहीं कर रहा है.
20 करोड़ की संपत्ति की शिकायत : परिवाद दायर करते हुए याचिकाकर्ता राजा कुकरेजा ने आरटीओ संतोष पाल की 20 करोड़ की संपत्ति होने की शिकायत की और जरूरी दस्तावेज पेश किए थे. इस परिवाद को अदालत ने स्वीकार भी किया और ईओडब्ल्यू को निर्देश दिए. आदेश था कि 11 अगस्त 2022 तक अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट न्यायालय में पेश की जाए. करीब एक माह का समय देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की और 13 अगस्त को अदालत से जवाब देने के लिए अतिरिक्त समय ईओडब्ल्यू द्वारा मांग लिया गया. संभवतः यही समय था जब पूरा मामला भ्रष्ट आरटीओ के कानों तक पहुंचा और छापे के पहले तक उसने कई सामान और जरूरी दस्तावेजों को खुर्दबुर्द कर डाला.
ईओडब्ल्यू को अभी तक जांच में जो मिला
- एक आवासीय भवन पीपी कॉलोनी ग्वारीघाट वार्ड में 1247 वर्ग फीट का
- एक आवासीय भवन शंकर शाह वार्ड में 1150 वर्ग फुट का
- दो आवासीय भवन शताब्दीपुरम mr-4 रोड पर 10000 वर्ग फीट के
- एक आवासीय भवन कस्तूरबा गांधी वार्ड जबलपुर में 570 वर्ग फीट का
- एक आवासीय भवन गढा फाटक जबलपुर में 771 वर्ग फीट का
- ग्राम ढ़ीयाखेड़ा चरगवां रोड में 1.4 एकड़ में फार्महाउस
- दो कारें और दो मोटरसाइकिल इसके अलावा 16 लाख रुपए नकद भी बरामद
रसूख के दम पर पाई मनचाही पोस्टिंग : बता दे कि एआरटीओ संतोष पॉल का रसूख इतना था कि वह पहली पोस्टिंग से लेकर अब तक कई जिलों में प्रभारी आरटीओ का काम सँभाल चुका है. साल 2012 को में भर्ती हुए संतोष पॉल ने ट्रेनिंग के बाद पहली पोस्टिंग इंदौर में पाई. इसके बाद साल 2012 के अंत में जबलपुर में भी पोस्टिंग हुई. साल 2013 में वह नरसिंहपुर पहुँचे. जहाँ पर तकरीबन 4 सालों तक तैनाती रही. इसके बाद साल 2016 से साल 2018 तक छिंदवाड़ा में प्रभारी आरटीओ का काम सँभाला. फिर कुछ दिनों बाद अगस्त 2018 से एआरटीओ संतोष पॉल की पोस्टिंग जबलपुर हो गई. जो पांच साल बीत जाने के बाद भी अब तक आरटीओ का कार्यभार सँभाले हुए है.
विवादों से पुराना नाता : बता दें कि एआरटीओ संतोष पॉल का विवादों से पुराना नाता रहा है. जहां फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में भी संतोष पॉल के खिलाफ जांच की जा चुकी है. वहीं कुछ दिनों पहले जबलपुर एआरटीओ का एक विवादित वीडियो भी सामने आया था, जिसमें संतोष पाल ऑटो चालक को धमका रहा है कि उसके ऑटो में गाँजा रखकर उसे पुलिस से पकड़वा देंगे. वीडियो वायरल होने के बाद शहर के सभी ऑटो चालक आरटीओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सड़को पर उतर आए थे. बीती 8 अगस्त को संभागीय उड़नदस्ता आरटीओ की टीम मंडला जबलपुर बा.र्डर पर डोभी गांव के पास अवैध वसूली कर रही थी जिसकी जानकारी लगते ही मौके पर विधायक डॉ. अशोक मसकोले पहुंच गए. DhanKuber ARTO Jabalpur, luxury lifestyle of ARTO, Worth Crores Rupees Assets, EOW engaged property valuation