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हमारी सरकार करने जा रही थी सौभाग्य योजना में घोटाले का खुलासा, अब गया ठंडे बस्ते में- कांग्रेस

जबलपुर में कांग्रेस का दावा है कि उसकी सरकार ने सौभाग्य योजना में हुए घोटाले को मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला बताकर जांच शुरू की थी, लेकिन भाजपा सरकार में यह जांच ठंडे बस्ते में आ गई है, कांग्रेस ने इसे भाजपा सरकार की सांठगांठ बताते हुए सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है.

soubhagya yojna scam
सौभाग्य योजना मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला
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Published : Dec 4, 2020, 4:23 PM IST

जबलपुर: मध्यप्रदेश में घर-घर बिजली पहुंचाने की सौभाग्य योजना में फर्जीवाड़े की तमाम हदों को पार कर दिया है, इसमें कहीं काम किए बिना ही कागजों पर विधुतीकरण बता दिया गया तो कहीं पुराने खंभों और ट्रांसफार्मरों को नया बताकर करोड़ों का भुगतान कर दिया गया. पूर्व की कांग्रेस सरकार ने इसे मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला बता कर जांच शुरू की थी, लेकिन भाजपा सरकार में यह जांच ठंडे बस्ते में आ गई है, कांग्रेस ने इसे भाजपा सरकार की सांठगांठ बताते हुए सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है.

कांग्रेस

कमलनाथ सरकार ने जांच शुरू करवाई

घर-घर बिजली पहुंचाने की केंद्र सरकार की सौभाग्य योजना को मध्यप्रदेश में अधिकारियों ने उस समय पलीता लगा दिया, जब बिजली मिले बिना ही लोगों को बिजली के बिल घर-घर पहुंचने लगे, शिकायत के चलते कमलनाथ सरकार ने जांच शुरू करवाई तो कई अहम खुलासे हुए. साल 2017 से 2018 के बीच प्रदेश के कई जिलों में सौभाग्य योजना के तहत फीडर सेपरेशन और घर-घर बिजली पहुंचाने के काम में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ. भ्रष्टाचार ऐसा की बिजली की लाइन बिछे बिना ही कागजों पर विद्युतीकरण बता दिया गया, कहीं बिजली के पुराने खंभों को पोतकर तो कहीं खराब ट्रांसफार्मर को सुधार कर उन्हें नया बताया गया और अधिकारियों ने ठेकेदारों को करोड़ों रुपयों के भुगतान भी कर दिए.

बीती सरकार में हुई जांच के मुताबिक

  • प्रदेश के मंडला और डिंडोरी जिलों में सौभाग्य योजना में बड़ा घोटाला हुआ.
  • मंडला और डिंडोरी में बिजली के खंबे और लाइन बिछाए बिना ही कागजों पर विद्युतीकरण दिखा दिया गया.
  • बिना बिजली के ही सप्लाई दिखाकर बिल भी जारी किए जाने लगे इसकी जांच में घोटाले का खुलासा हुआ.
  • घोटाला पाए जाने पर मंडला और डिंडोरी में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों से 25 करोड़ रुपए की रिकवरी के आदेश जारी किए गए.
  • इधर सीधी और सिंगरौली में भी सौभाग्य योजना में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ.
  • सीधी और सिंगरौली में बिजली के पुराने खंभों की पुताई कर उन्हें नया बता दिया गया, यहां पुराने ट्रांसफॉर्मर्स को भी नया बताया गया और अधिकारियों ने मौका मुआयना किए बिना ही ठेकेदारों को करोड़ों रुपयों के भुगतान कर दिए.
  • ठेकेदारों ने बिजली की लाइन 5 से 10 किलोमीटर तक बिछाई लेकिन कागजों में उनकी दूरी 50 से 60 किलोमीटर बता दी गई, ऐसे अधूरे कामों के भी भुगतान करने में बिजली कंपनी के अधिकारियों के हाथ नहीं कांपे.

कांग्रेस ने इन जिलों में किया सौभाग्य योजना में भ्रष्टाचार का दावा

सौभाग्य योजना में भ्रष्टाचार की यह इंतेहा प्रदेश के मंडला, डिंडोरी, सीधी, सिंगरौली, सिवनी, बालाघाट, भिंड, मुरैना और धार जिले में पाई जा चुकी है, जिसकी जांच अब ठंडे बस्ते में देखकर कांग्रेस ने सड़क पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी दी है.

ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर

ऊर्जा मंत्री का कहना है

इधर शिवराज सरकार की ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर के इस बड़े फर्जीवाड़े में गैर जिम्मेदाराना बयान सामने आया है. ऊर्जा मंत्री का कहना है कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी और जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

सौभाग्य योजना में हुए फर्जीवाड़ा इसलिए भी गंभीर है. क्योंकि इसकी जांच पूरी होने के बाद ऊर्जा विभाग को विद्युतीकरण के लिए होने वाले कामों के मापदंड भी बदलने होंगे, सौभाग्य योजना में इलेक्ट्रिफिकेशन वर्क के मापदंड कर दिए जाने से पहले लगाए गए बिजली के खंभे गिरने और बिजली के उपकरणों के लगातार खराब होने की समस्या सामने आ रही है, जिसे अब बदलना होगा.

जबलपुर: मध्यप्रदेश में घर-घर बिजली पहुंचाने की सौभाग्य योजना में फर्जीवाड़े की तमाम हदों को पार कर दिया है, इसमें कहीं काम किए बिना ही कागजों पर विधुतीकरण बता दिया गया तो कहीं पुराने खंभों और ट्रांसफार्मरों को नया बताकर करोड़ों का भुगतान कर दिया गया. पूर्व की कांग्रेस सरकार ने इसे मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा घोटाला बता कर जांच शुरू की थी, लेकिन भाजपा सरकार में यह जांच ठंडे बस्ते में आ गई है, कांग्रेस ने इसे भाजपा सरकार की सांठगांठ बताते हुए सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है.

कांग्रेस

कमलनाथ सरकार ने जांच शुरू करवाई

घर-घर बिजली पहुंचाने की केंद्र सरकार की सौभाग्य योजना को मध्यप्रदेश में अधिकारियों ने उस समय पलीता लगा दिया, जब बिजली मिले बिना ही लोगों को बिजली के बिल घर-घर पहुंचने लगे, शिकायत के चलते कमलनाथ सरकार ने जांच शुरू करवाई तो कई अहम खुलासे हुए. साल 2017 से 2018 के बीच प्रदेश के कई जिलों में सौभाग्य योजना के तहत फीडर सेपरेशन और घर-घर बिजली पहुंचाने के काम में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ. भ्रष्टाचार ऐसा की बिजली की लाइन बिछे बिना ही कागजों पर विद्युतीकरण बता दिया गया, कहीं बिजली के पुराने खंभों को पोतकर तो कहीं खराब ट्रांसफार्मर को सुधार कर उन्हें नया बताया गया और अधिकारियों ने ठेकेदारों को करोड़ों रुपयों के भुगतान भी कर दिए.

बीती सरकार में हुई जांच के मुताबिक

  • प्रदेश के मंडला और डिंडोरी जिलों में सौभाग्य योजना में बड़ा घोटाला हुआ.
  • मंडला और डिंडोरी में बिजली के खंबे और लाइन बिछाए बिना ही कागजों पर विद्युतीकरण दिखा दिया गया.
  • बिना बिजली के ही सप्लाई दिखाकर बिल भी जारी किए जाने लगे इसकी जांच में घोटाले का खुलासा हुआ.
  • घोटाला पाए जाने पर मंडला और डिंडोरी में पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों से 25 करोड़ रुपए की रिकवरी के आदेश जारी किए गए.
  • इधर सीधी और सिंगरौली में भी सौभाग्य योजना में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ.
  • सीधी और सिंगरौली में बिजली के पुराने खंभों की पुताई कर उन्हें नया बता दिया गया, यहां पुराने ट्रांसफॉर्मर्स को भी नया बताया गया और अधिकारियों ने मौका मुआयना किए बिना ही ठेकेदारों को करोड़ों रुपयों के भुगतान कर दिए.
  • ठेकेदारों ने बिजली की लाइन 5 से 10 किलोमीटर तक बिछाई लेकिन कागजों में उनकी दूरी 50 से 60 किलोमीटर बता दी गई, ऐसे अधूरे कामों के भी भुगतान करने में बिजली कंपनी के अधिकारियों के हाथ नहीं कांपे.

कांग्रेस ने इन जिलों में किया सौभाग्य योजना में भ्रष्टाचार का दावा

सौभाग्य योजना में भ्रष्टाचार की यह इंतेहा प्रदेश के मंडला, डिंडोरी, सीधी, सिंगरौली, सिवनी, बालाघाट, भिंड, मुरैना और धार जिले में पाई जा चुकी है, जिसकी जांच अब ठंडे बस्ते में देखकर कांग्रेस ने सड़क पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी दी है.

ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर

ऊर्जा मंत्री का कहना है

इधर शिवराज सरकार की ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर के इस बड़े फर्जीवाड़े में गैर जिम्मेदाराना बयान सामने आया है. ऊर्जा मंत्री का कहना है कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी और जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.

सौभाग्य योजना में हुए फर्जीवाड़ा इसलिए भी गंभीर है. क्योंकि इसकी जांच पूरी होने के बाद ऊर्जा विभाग को विद्युतीकरण के लिए होने वाले कामों के मापदंड भी बदलने होंगे, सौभाग्य योजना में इलेक्ट्रिफिकेशन वर्क के मापदंड कर दिए जाने से पहले लगाए गए बिजली के खंभे गिरने और बिजली के उपकरणों के लगातार खराब होने की समस्या सामने आ रही है, जिसे अब बदलना होगा.

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