जबलपुर। मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर में जिस तरह से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं उसको देखते हुए जबलपुर प्रशासन भले ही अलर्ट पर हो लेकिन स्वास्थ्य विभाग की लगातार हो रही लापरवाही से कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं.
एक बार फिर मेडिकल कॉलेज की जरा सी लापरवाही ने सैकड़ों लोगों को कोरोना संदिग्ध बना दिया है. इस लापरवाही को जबलपुर संभाग कमिश्नर ने बड़ी चूक मानते हुए मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ प्रदीप कसार को नोटिस जारी किया है.
रांझी निवासी बुजुर्ग के शव के साथ हुई लापरवाही
रांझी में रहने वाले 71 साल के एक बुजुर्ग को कोरोना संदिग्ध मानते हुए मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था, उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई. बाद में उसे फिर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने इलाज के लिए नागपुर रेफर कर दिया, लेकिन परिजन जब उन्हें लेकर जा रहे थे तभी सिवनी के पास रास्ते में उनकी मौत हो गई. बुजुर्ग की मौत हो जाने के बाद उनका पुनः सैंपल लिया गया और शव को बिना रिपोर्ट आए परिजनों को सौंप दिया गया.
बुजुर्गों की रिपोर्ट आई पॉजिटिव, मचा हड़कंप
रांझी निवासी बुजुर्ग की 16 जुलाई को मौत हो गई, उन्हें घर लाया जाता है और फिर उनकी अंतिम यात्रा में कई लोग शामिल भी हुए. इसी दौरान बुजुर्ग की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव होने की सूचना मिली जिस पर गांव में हड़कंप मच गया. बता दें बुजुर्ग के अंतिम संस्कार में करीब 100 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे.
कमिश्नर ने मेडिकल कॉलेज डीन को जारी किया नोटिस
जबलपुर संभाग कमिश्नर महेश चंद्र चौधरी का इस पूरे मामले में माना की यह मेडिकल कॉलेज की बड़ी लापरवाही है. व्यक्ति कोरोना वायरस संदिग्ध था तो दोबारा उसका टेस्ट करना था, पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने ऐसा ना करते हुए उसे नागपुर रेफर कर दिया. इतना ही नहीं बुजुर्ग की मौत के बाद लिए गए सैंपल की रिपोर्ट आने से पहले ही शव परिजनों को दे देना मेडिकल कॉलेज की बड़ी लापरवाही है.
कोरोना पॉजिटिव बुजुर्ग की अंतिम यात्रा में शामिल हुए सभी लोगों से कमिश्नर महेश चंद्र चौधरी ने अपील की है कि सभी लोग घरों पर ही क्वॉरेंटाइन हो जाएं और किसी की तबियत खराब लगती है तो प्रशासन को तुरंत सूचित करें. वहीं कमिश्नर ने मेडिकल कॉलेज के डीन को नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया है.