जबलपुर। शहर में एक चिटफंड कंपनी का फर्जीवाड़ा सामने आया है. घर बैठे रोजगार देने के नाम पर लोगों के रजिस्ट्रेशन का पैसा लेकर कंपनी फरार हो गई है. इसमें हजारों लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था, जिसके लिए ढाई हजार रुपया लिया गया था. सोमवार को कंपनी के फर्जीवाड़ा से नाराज लोगों ने उसके ऑफिस के सामने हंगामा किया.
यह थी योजना
जबलपुर के उखरी चौक पर 2 महीने पहले जबलपुर पब्लिकेशन के नाम से एक ऑफिस खोला गया था. इस ऑफिस में बेरोजगार युवकों को एक योजना समझाई गई थी, जिसमें हितग्राही ब्रेल लिपि में पेज तैयार करने के पर पेज 40 रुपया कंपनी लिखने को दिया जाएगा, लेकिन काम शुरू करने के पहले ढाई हजार रुपया जमा करना होगा. यदि लोग एक से ज्यादा मेंबर बनाते हैं तो अतिरिक्त फायदा मिलेगा. 2 महीने में कंपनी के कई हजार मेंबर बन गए और ढाई हजार रुपए के हिसाब से कंपनी के पास लाखों रुपया पहुंच गया.
आज वहां पर पहुंचे हजारों लोग
शाम में खबर फैली की कंपनी भाग गई है. इसलिए धीरे-धीरे करके चौराहे पर लोग इकट्ठा होना शुरू हुए और भीड़ सैकड़ों से हजारों में पहुंच गई. इसमें ज्यादातर महिलाएं बेरोजगार युवक शामिल थे. इसमें कुछ लोगों का कहना था कि उन्हें कंपनी ने पैसा दिया है और कुछ लोग खुद को ठगा हुआ मान रहे थे.
लोगों ने बताया कि उन्होंने एक से ज्यादा रजिस्ट्रेशन करवाए थे और कंपनी का जाल जबलपुर और ग्रामीण क्षेत्रों तक फैला हुआ है. क्योंकि काम आसान था और लोग बेरोजगार थे इसलिए ज्यादा लोगों ने मेंबरशिप ले ली.
मौके पर पहुंचे कांग्रेस विधायक
हंगामा बढ़ता देख स्थानीय विधायक विनय सक्सेना भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने शिवराज सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार लोगों को रोजगार नहीं दे पा रही है. कोरोना काल में लोगों की वैसे ही हालत खराब है और ऐसे में यदि कोई कंपनी फर्जीवाड़ा करके बेरोजगारों का पैसा लेकर भाग जाएगी, तो वह सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल देंगे.
लाचार पुलिस
मौके पर तीन थानों का बल पहुंच गया, लेकिन जिस तरीके से बेरोजगार और थके हुए लोगों की भीड़ लगातार उखरी चौक पर पहुंच रही थी. उससे पुलिस लोगों को काबू नहीं कर पा रही थी. बहरहाल पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वह कंपनी के लोगों को पकड़ेगी और सभी लोगों के पैसे वापस करवाएगी.
कंपनी के लोग फरार
कंपनी की ओर से कोई भी सामने नहीं आया. हालांकि कंपनी का एक कर्मचारी बिल्डिंग के ऊपर से फुटेज बनाते हुए नजर आया, लेकिन कंपनी की ओर से अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है.
हालांकि इस हंगामे ने सरकार की पोल जरूर खोल कर रख दी है, जिसमें सरकार यह दावा करती है कि वह बेरोजगारों के लिए रोजगार दे रही है. महज 40 रुपये के लिए हजारों लोग इकट्ठे हो गए. अब सवाल प्रशासन पर खड़ा होता है जो ऐसी चिटफंड कंपनियों को काम करने का मौका कौन देता है.