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स्कूल में भी सुरक्षित नहीं बेटियां? गर्ल्स हॉस्टल में घुसे लड़के, परिजनों ने उठाए सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

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Published : Mar 15, 2022, 10:20 PM IST

जबलपुर में एक विद्यालय के गर्ल्स हॉस्टल में लड़के घुस गए, जिसपर पूरे परिसर में हड़कंप मच गया. इस मामले में छात्रा के परिजनों का कहना है कि वह अब अपनी बेटियों को छात्रावास में रखने के लिए सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं. छात्राओं के परिजनों ने हॉस्टल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं. इस मामले को लेकर जब ईटीवी भारत ने विद्यालय के प्राचार्य से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

boys entered girls hostel in Jabalpur
जबलपुर गर्ल्स हॉस्टल में घुसे लड़के

जबलपुर। रांझी शासकीय ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय से एक मामला सामने आया है, जहां छात्राओं के हॉस्टल में कुछ छात्र घुस आए थे. घटना सात मार्च की रात की है जब करीब ढाई बजे छात्राओं के कैंपस में बॉयज हॉस्टर के 3 छात्र घुस गए थे. तीनों छात्र हॉस्टल के पीछे वाली सीढ़ियों से अंदर आए, और फिर काफी देर तक छात्रावास में घूमने के बाद वापस चले गए. इस घटना का खुलासा एक छात्रा ने अपने भाई से किया. इसके बाद छात्रा के भाई ने इस बात की जानकारी विद्यालय के शिक्षक को दी, इससे पूरे परिसर में हड़कंप मच गया. घटना सामने आने के बाद आनन-फानन मामले की जांच में शुरू की गई है.

जबलपुर गर्ल्स हॉस्टल में घुसे लड़के

गार्ड के रहते कैसे छात्रावास में घुस गए छात्र
छात्रों के परिजनों ने आवासीय विद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खडे़ किए हैं. उन्होंने कहा कि वह अपनी बहन बेटियों को विद्यालय के छात्रावास में इसलिए रखते हैं ताकि उनकी बहन बेटियां छात्रावास में सुरक्षित रहे, लेकिन यह छात्रावास उनके लिए सुरक्षित नहीं हैं. हॉस्टल में छह सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं, जिसमें से की चार अंदर और दो बाहर रहते हैं. इतना ही नहीं लड़को के हॉस्टल में मुख्य गेट पर ताला लगा दिया जाता है ताकि बच्चे रात को बाहर ना जा सके. इसके बावजूद भी आखिर कैसे तीनों छात्र बॉयज हॉस्टल से निकलकर गर्ल्स हॉस्टल के कॉरिडोर में पहुंच गए.

छात्राओं के परिजनों में भय का माहौल
विद्यालय में पढ़ रही छात्राओं के परिजनों में इस घटना के बाद भय बढ़ गया है. कई छात्राओं के परिजन अपने बेटियों को छात्रावास में रखने के लिए तैयार नहीं हैं. दमोह, जबेरा से आए छात्रा के परिजन कहते हैं कि उन्हें यह अंदेशा बिल्कुल भी नहीं था कि उनकी बेटियों के साथ इस तरह की घटना हो सकती है. ऐसे में अब डर लगता है कि कहीं कुछ गलत ना हो जाए, वहीं छात्राओं के परिजनों ने हॉस्टल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी कई तरह के सवाल खड़े किए हैं.

अधीक्षक बार-बार दे रहे सफाई
चाहे बॉयज हॉस्टल हो या फिर गर्ल्स, दोनों ही हॉस्टल के अधीक्षक सफाई देने में जुटे हुए हैं. गर्ल्स हॉस्टल की अधीक्षका गलती मानते हुए इसकी जांच करने की बात कह रही है, तो वहीं बॉयज हॉस्टल के अधीक्षक ने पूरी तरह से चुप्पी साध ली है. गर्ल्स हॉस्टल की अधीक्षका मालती चौधरी मान रही है कि बॉयज हॉस्टल के छात्र गर्ल्स हॉस्टल के अंदर आए थे. मालती चौधरी का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम की जांच की जा रही है.

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ईटीवी भारत के सवाल से भागे प्राचार्य
शासकीय आवासीय विद्यालय में जितनी जिम्मेदारी छात्र छात्राओं को लेकर अधीक्षका की है, उतनी ही जिम्मेदारी आवासीय विद्यालय के प्राचार्य की भी है. इतना बड़ा घटनाक्रम हो जाने के बावजूद भी विद्यालय के प्राचार्य कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. प्राचार्य एमटी वेग से जब ईटीवी भारत से इस पूरे घटनाक्रम को लेकर बात करने की कोशिश की तो वह कैमरे से मुंह छिपाते हुए नजर आए.

जबलपुर। रांझी शासकीय ज्ञानोदय आवासीय विद्यालय से एक मामला सामने आया है, जहां छात्राओं के हॉस्टल में कुछ छात्र घुस आए थे. घटना सात मार्च की रात की है जब करीब ढाई बजे छात्राओं के कैंपस में बॉयज हॉस्टर के 3 छात्र घुस गए थे. तीनों छात्र हॉस्टल के पीछे वाली सीढ़ियों से अंदर आए, और फिर काफी देर तक छात्रावास में घूमने के बाद वापस चले गए. इस घटना का खुलासा एक छात्रा ने अपने भाई से किया. इसके बाद छात्रा के भाई ने इस बात की जानकारी विद्यालय के शिक्षक को दी, इससे पूरे परिसर में हड़कंप मच गया. घटना सामने आने के बाद आनन-फानन मामले की जांच में शुरू की गई है.

जबलपुर गर्ल्स हॉस्टल में घुसे लड़के

गार्ड के रहते कैसे छात्रावास में घुस गए छात्र
छात्रों के परिजनों ने आवासीय विद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खडे़ किए हैं. उन्होंने कहा कि वह अपनी बहन बेटियों को विद्यालय के छात्रावास में इसलिए रखते हैं ताकि उनकी बहन बेटियां छात्रावास में सुरक्षित रहे, लेकिन यह छात्रावास उनके लिए सुरक्षित नहीं हैं. हॉस्टल में छह सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं, जिसमें से की चार अंदर और दो बाहर रहते हैं. इतना ही नहीं लड़को के हॉस्टल में मुख्य गेट पर ताला लगा दिया जाता है ताकि बच्चे रात को बाहर ना जा सके. इसके बावजूद भी आखिर कैसे तीनों छात्र बॉयज हॉस्टल से निकलकर गर्ल्स हॉस्टल के कॉरिडोर में पहुंच गए.

छात्राओं के परिजनों में भय का माहौल
विद्यालय में पढ़ रही छात्राओं के परिजनों में इस घटना के बाद भय बढ़ गया है. कई छात्राओं के परिजन अपने बेटियों को छात्रावास में रखने के लिए तैयार नहीं हैं. दमोह, जबेरा से आए छात्रा के परिजन कहते हैं कि उन्हें यह अंदेशा बिल्कुल भी नहीं था कि उनकी बेटियों के साथ इस तरह की घटना हो सकती है. ऐसे में अब डर लगता है कि कहीं कुछ गलत ना हो जाए, वहीं छात्राओं के परिजनों ने हॉस्टल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी कई तरह के सवाल खड़े किए हैं.

अधीक्षक बार-बार दे रहे सफाई
चाहे बॉयज हॉस्टल हो या फिर गर्ल्स, दोनों ही हॉस्टल के अधीक्षक सफाई देने में जुटे हुए हैं. गर्ल्स हॉस्टल की अधीक्षका गलती मानते हुए इसकी जांच करने की बात कह रही है, तो वहीं बॉयज हॉस्टल के अधीक्षक ने पूरी तरह से चुप्पी साध ली है. गर्ल्स हॉस्टल की अधीक्षका मालती चौधरी मान रही है कि बॉयज हॉस्टल के छात्र गर्ल्स हॉस्टल के अंदर आए थे. मालती चौधरी का कहना है कि इस पूरे घटनाक्रम की जांच की जा रही है.

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ईटीवी भारत के सवाल से भागे प्राचार्य
शासकीय आवासीय विद्यालय में जितनी जिम्मेदारी छात्र छात्राओं को लेकर अधीक्षका की है, उतनी ही जिम्मेदारी आवासीय विद्यालय के प्राचार्य की भी है. इतना बड़ा घटनाक्रम हो जाने के बावजूद भी विद्यालय के प्राचार्य कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. प्राचार्य एमटी वेग से जब ईटीवी भारत से इस पूरे घटनाक्रम को लेकर बात करने की कोशिश की तो वह कैमरे से मुंह छिपाते हुए नजर आए.

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