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Mango Festival: इंदौर में दुनिया का सबसे महंगा आम, दाम जानकर रह जाएंगे हैरान - इंदौर मैंगो जत्रा

इंदौर में लगे मैंगो जत्रा में लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है. मैंगो फेस्टिवल में पहुंचने वाला हापुस आम इस सीजन में 80 से 100 रुपये प्रति नग के हिसाब से बिक रहा है. तीन दिन के इस फेस्टिवल में काफी मात्रा में आम बिकने की व्यापारियों को उम्मीद है. (Mango Jatra in Indore) (indore Mango Festival)

indore Mango Festival
इंदौर में आम का मेला
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Published : May 15, 2022, 8:02 AM IST

इंदौर। शहर में इन दिनों आम की बहार छाई है. गर्मियों के राजा आम दुनिया भर में इस सीजन में खास हो चुका है. इस बार आम की फसल पर मौसम के साथ महंगाई की भी मार पड़ी है. महाराष्ट्र के कई इलाकों से इंदौर के मैंगो फेस्टिवल में पहुंचने वाला हापुस आम इस सीजन में 80 से 100 रुपये प्रति नग के हिसाब से बिक रहा है. आम के पौधे को पेड़ बनने और फल देने में 10 से 12 वर्ष लगते हैं. कई कृषक आम की फसल पर ही निर्भर रहते हैं. महाराष्ट्र के कोंकण रत्नागिरी देवगढ़ समेत विभिन्न आम उत्पादक इलाकों में इस बार आम की जो पैदावार हुई है वह मौसमी मार से प्रभावित हुई है. इसके अलावा जो फल आए हैं, उनका आकार भी तुलनात्मक रूप से छोटा है. (indore Mango Festival)

इंदौर मैंगो फेस्टिवल

लॉकडाउन के बाद बाजार गुलजार: कोरोना काल के 2 साल बाद जो आम उत्पादक किसान आम लेकर इंदौर मैंगो फेस्टिवल पहुंचे हैं, वह आम को महंगा बेचने को मजबूर हैं. फिलहाल शहर के मराठी फूड फेस्टिवल जत्रा में महाराष्ट्र के देवगढ़ और रत्नागिरी से जो हापुस आम लाए गए हैं. वह प्रति नग 80 से 100 रुपये की कीमत में बिक रहे हैं. इसके अलावा यहां एक दर्जन आम की कीमत 900 से 1200 रुपये तक है. आम विक्रेता राजेश पुजारी और मुकुंद बेहरे बताते हैं कि, मौसमी मार के कारण आम की फसल इस बार 20 से 25 परसेंट कम हुई है. इसके बावजूद मराठी फूड फेस्टिवल जत्रा में आम विक्रेता अपने-अपने आम लेकर पहुंचे हैं. (World most expensive mango)

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मुंह मांगी कीमत पर खरीदी: इंदौर में प्रति दुकान 200 पेटी के हिसाब से इस बार आम की खेप पहुंची है. आम की पेटीयों को कोंकण से इंदौर तक लाने में पूर्व की तुलना में इस बार भाड़ा ज्यादा लगा है. लिहाजा एक दर्जन आम की जो पेटी 2 साल पहले लगे फेस्टिवल में करीब 600 से 800 के भाव से बेची जा रही थी, वह इस बार 900 से 1200 रुपए बिक रही है. इसके बाद भी इंदौर में आम को पसंद करने वाले ग्राहक दुकानदारों की मुंह मांगी कीमतों पर खरीदी कर रहे हैं. यहां तीन दिन के इस फेस्टिवल में माना जा रहा है कि पूर्व की तुलना में इस बार के फेस्टिवल में काफी मात्रा में आम बिक जाएंगे. (Mango Jatra in Indore)

यहां बिक रहा दुनिया का सबसे महंगा आम, दाम जानकर रह जाएंगे हैरान

आम के व्यंजन की भरमार: मैंगो फेस्टिवल में आम के अलावा आम के फल से तैयार होने वाले कई व्यंजनों की बिक्री हो रही है. इसमें आम की पोली, आम पापड़, मैंगो पल्प, मैंगो बर्फी और मैंगो मोदक जैसे कई व्यंजन हैं जिसकी बाजार तेजी से खरीदी हो रही है.

विदेश को भाया हापुस आम: महाराष्ट्र के कोकण रत्नागिरी और देवगढ़ का प्रसिद्ध हापुस आम विदेशों में अल्फांसो आम के नाम से भी जाना जाता है. इस इलाके में आम की कई किस्में होती हैं. हापुस आम की वैरायटी को अमेरिका के अलावा इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूरोपियन देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है. यही वजह है कि, इस साल महाराष्ट्र समेत उत्तर प्रदेश के कई इलाकों से मंडियों के ठेकेदारों ने तरह-तरह के भारतीय आम का एक्सपोर्ट किया है. इस साल भी मार्केट आम की डिमांड ज्यादा है.

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बारिश के बाद सस्ते होंगे आम: आम विक्रेताओं की मानें तो 25 मई के बाद आम की कीमतों में कमी होने के आसार है. बारिश के सीजन के पहले आम की आखिरी फसल आती है. इसके बाद मंडियों में भी हापुस की आवक बढ़ जाती है. लिहाजा आम की कीमतों में गिरावट हो जाती है.

इंदौर। शहर में इन दिनों आम की बहार छाई है. गर्मियों के राजा आम दुनिया भर में इस सीजन में खास हो चुका है. इस बार आम की फसल पर मौसम के साथ महंगाई की भी मार पड़ी है. महाराष्ट्र के कई इलाकों से इंदौर के मैंगो फेस्टिवल में पहुंचने वाला हापुस आम इस सीजन में 80 से 100 रुपये प्रति नग के हिसाब से बिक रहा है. आम के पौधे को पेड़ बनने और फल देने में 10 से 12 वर्ष लगते हैं. कई कृषक आम की फसल पर ही निर्भर रहते हैं. महाराष्ट्र के कोंकण रत्नागिरी देवगढ़ समेत विभिन्न आम उत्पादक इलाकों में इस बार आम की जो पैदावार हुई है वह मौसमी मार से प्रभावित हुई है. इसके अलावा जो फल आए हैं, उनका आकार भी तुलनात्मक रूप से छोटा है. (indore Mango Festival)

इंदौर मैंगो फेस्टिवल

लॉकडाउन के बाद बाजार गुलजार: कोरोना काल के 2 साल बाद जो आम उत्पादक किसान आम लेकर इंदौर मैंगो फेस्टिवल पहुंचे हैं, वह आम को महंगा बेचने को मजबूर हैं. फिलहाल शहर के मराठी फूड फेस्टिवल जत्रा में महाराष्ट्र के देवगढ़ और रत्नागिरी से जो हापुस आम लाए गए हैं. वह प्रति नग 80 से 100 रुपये की कीमत में बिक रहे हैं. इसके अलावा यहां एक दर्जन आम की कीमत 900 से 1200 रुपये तक है. आम विक्रेता राजेश पुजारी और मुकुंद बेहरे बताते हैं कि, मौसमी मार के कारण आम की फसल इस बार 20 से 25 परसेंट कम हुई है. इसके बावजूद मराठी फूड फेस्टिवल जत्रा में आम विक्रेता अपने-अपने आम लेकर पहुंचे हैं. (World most expensive mango)

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मुंह मांगी कीमत पर खरीदी: इंदौर में प्रति दुकान 200 पेटी के हिसाब से इस बार आम की खेप पहुंची है. आम की पेटीयों को कोंकण से इंदौर तक लाने में पूर्व की तुलना में इस बार भाड़ा ज्यादा लगा है. लिहाजा एक दर्जन आम की जो पेटी 2 साल पहले लगे फेस्टिवल में करीब 600 से 800 के भाव से बेची जा रही थी, वह इस बार 900 से 1200 रुपए बिक रही है. इसके बाद भी इंदौर में आम को पसंद करने वाले ग्राहक दुकानदारों की मुंह मांगी कीमतों पर खरीदी कर रहे हैं. यहां तीन दिन के इस फेस्टिवल में माना जा रहा है कि पूर्व की तुलना में इस बार के फेस्टिवल में काफी मात्रा में आम बिक जाएंगे. (Mango Jatra in Indore)

यहां बिक रहा दुनिया का सबसे महंगा आम, दाम जानकर रह जाएंगे हैरान

आम के व्यंजन की भरमार: मैंगो फेस्टिवल में आम के अलावा आम के फल से तैयार होने वाले कई व्यंजनों की बिक्री हो रही है. इसमें आम की पोली, आम पापड़, मैंगो पल्प, मैंगो बर्फी और मैंगो मोदक जैसे कई व्यंजन हैं जिसकी बाजार तेजी से खरीदी हो रही है.

विदेश को भाया हापुस आम: महाराष्ट्र के कोकण रत्नागिरी और देवगढ़ का प्रसिद्ध हापुस आम विदेशों में अल्फांसो आम के नाम से भी जाना जाता है. इस इलाके में आम की कई किस्में होती हैं. हापुस आम की वैरायटी को अमेरिका के अलावा इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूरोपियन देशों में एक्सपोर्ट किया जाता है. यही वजह है कि, इस साल महाराष्ट्र समेत उत्तर प्रदेश के कई इलाकों से मंडियों के ठेकेदारों ने तरह-तरह के भारतीय आम का एक्सपोर्ट किया है. इस साल भी मार्केट आम की डिमांड ज्यादा है.

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बारिश के बाद सस्ते होंगे आम: आम विक्रेताओं की मानें तो 25 मई के बाद आम की कीमतों में कमी होने के आसार है. बारिश के सीजन के पहले आम की आखिरी फसल आती है. इसके बाद मंडियों में भी हापुस की आवक बढ़ जाती है. लिहाजा आम की कीमतों में गिरावट हो जाती है.

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