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पर्यावरण को बचाने के लिए SGSITS की अनूठी पहल! क्षेत्र नो व्हीकल जोन घोषित

श्री गोविंदराम सक्सेरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस इंजीनियरिंग संस्थान में इन दिनों पर्यारण पर जोर दिया जा रहा है, इस संस्थान को अब नो व्हीकल जोन घोषत कर दिया गया है.

no vehicle zone
नो व्हीकल जोन
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Published : Jul 24, 2021, 4:42 PM IST

इंदौर। प्रदेश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान श्री गोविंदराम सक्सेरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस में इन दिनों पर्यावरण और वन्य जीव संरक्षण के लिए इंजीनियरिंग हो रही है, एसजीएसआईटीएस का कैंपस हराभरा होने से यहां सैकड़ों गिलहरियों सहित कई पशु-पक्षियों का बसेरा है, कैंपस में छात्र-छात्राओं, स्टाफ और आगंतुकों के वाहनों की आवाजाही से लगतार कई गिलहरियां मर रही थी. इसे देखते हुए कॉलेज प्रबंधन ने कैंपस का ट्रैफिक प्लान बदल दिया है, जहां इन वन्य जीव और पक्षियों की ज्यादा संख्या है उसे नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया है.

इंजीनियरिंग संस्थान नो व्हीकल जोन घोषित

संस्थान के डायरेक्टर डॉ. आर के सक्सेना के अनुसार परिसर के करीब 700 मीटर क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है, परिसर में सेंट्रल वर्कशॉप रोड, कैंटीन के पास पार्किंग सहित अन्य क्षेत्र में बीते दिनों वाहनों की चपेट में आने के कारण गिलहरियों की मौत हो रही थी, वर्तमान में संस्थान परिसर में अलग-अलग प्रजातियों के कई वन्य जीव मौजूद हैं और इनके संरक्षण के लिए ये कदम उठाए गए हैं.

इंदौर में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए SGSITS no vehicle zone

नो व्हीकल जोन बनने से अब यहां आने वाले लोग बास्केटबॉल कोर्ट के पीछे गाड़ी रखकर 300 मीटर पैदल जाते है, परिसर में अस्थाई बैरिकेडिंग के साथ गार्ड नियुक्त किए गए हैं, ताकि गाड़ियां भीतर न जाएं, प्रबंधन ने यहां आवागमन के लिए 10 साइकिल भी रखी है, प्रबंधन का तर्क है कि इस पहल से वन्य जीवों की सुरक्षा तो होगी ही साथ ही प्रदूषण भी नहीं होगा.

इंदौर। प्रदेश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थान श्री गोविंदराम सक्सेरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस में इन दिनों पर्यावरण और वन्य जीव संरक्षण के लिए इंजीनियरिंग हो रही है, एसजीएसआईटीएस का कैंपस हराभरा होने से यहां सैकड़ों गिलहरियों सहित कई पशु-पक्षियों का बसेरा है, कैंपस में छात्र-छात्राओं, स्टाफ और आगंतुकों के वाहनों की आवाजाही से लगतार कई गिलहरियां मर रही थी. इसे देखते हुए कॉलेज प्रबंधन ने कैंपस का ट्रैफिक प्लान बदल दिया है, जहां इन वन्य जीव और पक्षियों की ज्यादा संख्या है उसे नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया है.

इंजीनियरिंग संस्थान नो व्हीकल जोन घोषित

संस्थान के डायरेक्टर डॉ. आर के सक्सेना के अनुसार परिसर के करीब 700 मीटर क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है, परिसर में सेंट्रल वर्कशॉप रोड, कैंटीन के पास पार्किंग सहित अन्य क्षेत्र में बीते दिनों वाहनों की चपेट में आने के कारण गिलहरियों की मौत हो रही थी, वर्तमान में संस्थान परिसर में अलग-अलग प्रजातियों के कई वन्य जीव मौजूद हैं और इनके संरक्षण के लिए ये कदम उठाए गए हैं.

इंदौर में वन्यजीवों के संरक्षण के लिए SGSITS no vehicle zone

नो व्हीकल जोन बनने से अब यहां आने वाले लोग बास्केटबॉल कोर्ट के पीछे गाड़ी रखकर 300 मीटर पैदल जाते है, परिसर में अस्थाई बैरिकेडिंग के साथ गार्ड नियुक्त किए गए हैं, ताकि गाड़ियां भीतर न जाएं, प्रबंधन ने यहां आवागमन के लिए 10 साइकिल भी रखी है, प्रबंधन का तर्क है कि इस पहल से वन्य जीवों की सुरक्षा तो होगी ही साथ ही प्रदूषण भी नहीं होगा.

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