इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान देर रात इंदौर के कई रैन बसेरों की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे. मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए प्रशासन ने विभिन्न तरह की व्यवस्थाएं रैन बसेरों में की थी लेकिन सीएम के वहां से रवाना होने एक बार फिर रैन बसेरा की पोल खुल गई. जिन कर्मचारियों को रैन बसेरा की व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए तैनात किया गया था वह मुख्यमंत्री के जाते ही गायब हो गए. दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जब शुक्रवार रात रैन बसेरा का दौरा करने पहुंचे थे तभी वहां व्यवस्थाएं चाक चौबंद थी लेकिन जब मुख्यमंत्री रैन बसेरा का दौरा कर जैसे ही निकले वैसे ही व्यवस्थाओं को संभालने के लिए तैनात कर्मचारी गायब हो गया.
प्रशासन ने लूटी झूठी वाहवाही!
न घर न ठिकाना, आश्रम भी नहीं जाना, सड़क पर सुकून में क्यों हैं बेबस बुजुर्ग?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर आते ही सबसे पहले रैन बसेरा का दौरा करने पहुंचे थे. पिछले दिनों शहरी सीमा से बुजुर्ग लोगों को शहर से बाहर छोड़ने का मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने भी नाराजगी जताई थी. बड़ी बात ये है कि मुख्यमंत्री जब रैन बसेरा का दौरा करने आए तो एक बार फिर निगमकर्मियों ने गलत जानकारी दे दी. दरसअल मुख्यमंत्री के आने के पहले कुछ लोगों को सुनियोजित तरीके से यहां रुकवाया गया था और उनके जाते ही उन्हें रवाना कर दिया गया. खुद स्टॉप भी मुख्यमंत्री के जाते ही घर जाकर सो गया. मुख्यमंत्री जिस बापट चौराहा स्थित रैन बसेरे में पहुंचे वह डियूटी पर तैनात स्टाप गायब मिला. वही मुख्यमंत्री को जिन नौ लोगों के रुकने की जानाकरी दी गई थी उनमें से तीन लोग गायब मिले.