इंदौर। कोरोना महामारी के चलते सब कुछ ठप सा हो गया था. कारोबार से लेकर खेलकूद, सिनेमा सब रुक गया था. लेकिन ऐसे में इंदौर के शैक्षणिक संस्थानों ने अपना जलवा कायम रखा. कोरोना के दौर में भी IIM इंदौर जैसे संस्थान के 210 छात्रों का अच्छी कंपनियों में प्लेसमेंट हुआ. वो भी औसतन करीब 25 से 35 लाख के पैकेज पर.
कोरोना में भी IIM का जलवा बरकरार
प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर भी कोरोना महामारी के चलते थम सी गई थी. यहां भी काम धंधे चौपट हो रहे थे. स्कूल, कॉलेज सब बंद पड़े थे. छात्रों की पढ़ाई लिखाई भी रुक गई थी. लेकिन कुछ संस्थान ऐसे थे जो कोरोना से बेअसर थे. ऐसा ही एक संस्थान है इंदौर की शान IIM. ज्यादातर शैक्षणिक संस्थानों की प्लेसमेंट प्रक्रिया पर महामारी का असर दिखा था. इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, भारतीय प्रबंधन संस्थान आईआईएम, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी भी इसकी चपेट में आए. बीते साल इन संस्थानों में ऑनलाइन प्लेसमेंट प्रक्रिया हुई थी. इसमें नेशनल और इंटरनेशनल कंपनियां शामिल हुई थी. इस सत्र में प्लेसमेंट प्रक्रिया अभी तक नहीं हुई. आने वाले दिनों में यहां प्लेसमेंट होगी.
टॉप 100 छात्रों का औसत वेतन 35 लाख रुपए रहा
IIM इंदौर के निदेशक प्रोफेसर हिमांशु राय के मुताबिक 2020 21 में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने यहां के 210 छात्रों को हायर किया था. इन्हें आकर्षक ऑफर दिए गए. देश के अन्य IIM की अपेक्षा इंदौर आई आई एम में बड़ी संख्या में छात्र हैं . प्लेसमेंट प्रक्रिया में पिछले साल की तुलना में औसत वेतन में 3% का इजाफा हुआ है. छात्रों को मिलने वाला औसत वेतन 23.6 लाख रुपए प्रतिवर्ष रहा. प्लेसमेंट के 100 शीर्ष छात्रों का औसत वेतन 35 लाख रुपए के लगभग रहा. जिसमें घरेलू कंपनियों में छात्रों को अधिकतम वेतन 41 लाख रुपए मिला. अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की ओर से अधिकतम वेतन 56 लाख रुपए दिया गया. महामारी का प्लेसमेंट प्रक्रिया पर कोई खास प्रभाव देखने को नहीं मिला. क्योंकि ये सब ऑनलाइन हुआ.
DAVV के छात्रों को मिला रिकॉर्ड वेतन
IIM की तरह देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में भी प्लेसमेंट प्रक्रिया में छात्रों को अच्छा वेतन मिला. रजिस्ट्रार डॉक्टर अनिल शर्मा ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान भी विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन प्लेसमेंट प्रक्रिया अपनाई थी. जिसमें देश- विदेश की कई कंपनियां शामिल हुई थी. प्लेसमेंट प्रक्रिया में 1100 छात्रों को जॉब मिला. इनका औसत पैकेज 4.25 लाख रुपए प्रति वर्ष रहा. 11 छात्रों को 19.25 लाख का पैकेज मिला. ऑनलाइन मार्केटिंग की कंपनियों में छात्रों को ज्यादा मौका मिला है.