इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ और मध्य प्रदेश के सबसे बड़े और आधुनिक शहर (No. 1 Clean City Indore) पर कुपोषण का बदनुमा दाग (Malnutrition in children )लगा है. जिले में कुपोषित बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है. जी हां, ये सच है कि मिनी मुंबई कहे जाने वाले इंदौर में कुपोषित बच्चों की संख्या 1000 से ज्यादा हो गई है. एमपी के सबसे विकसित शहर के ये आंकड़े हैरान करने वाले हैं. शहर में कुपोषित बच्चों की बढ़ती संख्या से सरकार भी चिंता में आ गई है.
Malnutrition in children: इंदौर में 1115 बच्चे अति कुपोषित-कलेक्टर
इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि जिले में 1115 बच्चे कुपोषण का शिकार हैं. हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इन्हें कुपोषित की श्रेणी से बाहर निकाला जाए. मनीष सिंह ने (Collector Manish Singh) बताया कि सरकार ऐसे बच्चों के लिए कई योजनाएं चला रही है. उम्मीद है कि तीन महीनों में हम इन बच्चों को स्वस्थ कर देंगे.हमने हर अति कुपोषित बच्चे (Malnutrition in children ) पर अधिकारी कर्मचारी लगा दिया है, जो निरंतर उनको चेक करेगा. आगे ऐसा नहीं हो, इसके लिए गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजने के लिए जागरूक किया जा रहा है. अगर किसी कारण से उन्हें पौष्टिक भोजन (Healthy Diet) नहीं मिल रहा है, तो उनकी सहायता की जा रही है. ब्लॉक स्तर पर पोषाहार के बार में ट्रेनिंग दी जा रही है.
Malnutrition in children: सर्वे के बाद सही संख्या का पता चलेगा-CMHO
सीएमएचओ भूरे सिंह सेतिया ने बताया कि शहर में एक हजार से ज्यादा कुपोषित बच्चे होना चिंता(Malnutrition in children ) की बात है. लेकिन हम प्रॉपर मॉनिटरिंग कर रहे हैं. पौष्टिक भोजन (Healthy Diet) को लेकर शहर में कार्यशालाएं हो रही हैं. कुपोषित बच्चों को हम एनआरसी में रखते हैं. बच्चों का वजन बढ़ने और स्वस्थ होने पर दो हफ्ते बाद उन्हें डिस्चार्ज कर देते हैं. फिर घर पर उनके लिए पौष्टिक भोजने की व्यवस्था करते हैं. उनके स्वास्थ्य की लगातार निगरानी करते हैं.
टॉप पर इंदौर नगर निगम, तीसरे पर भोपाल
इंदौर देश के सबसे स्वच्छ और आधुनिक शहरों में शुमार है. यहां पर कुपोषित बच्चों (Malnutrition in children )की इतनी बड़ी संख्या सरकार को चिंतित कर रही है.