इंदौर। मध्य प्रदेश में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की वजह से एक मासूम की मौत हो गई. मामला इंदौर का है, जहां नवजात को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल वले जाने के लिए एंबुलेंस और ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं कराया गया. घटना के बाद सरकारी अस्पतालों में मौजूद स्वास्थ्य संसाधनों की स्थिति पर भी सवाल उठ रहे हैं तो वही नवजात बच्चे की मां का रो-रोकर बुरा हाल है.
मामला स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के शहर इंदौर का है. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से मासूम की मौत हो गई है लेकिन जिम्मेदारों के चेहरों पर कोई शिकन नहीं है. बच्चे के लाचार परिजन महज व्यवस्था को कोस रहे हैं. मासूम की मां प्रीति बामने बुधवार को शहर के लाल अस्पताल में डिलिवरी के लिए भर्ती हुई थी. डिलिवरी होने के बाद नवजात के रोने की आवाज नहीं आने पर मौजूद डॉक्टर ने बच्चे को एमवॉय अस्पताल रेफर कर दिया. मासूम के परिजन को एंबुलेंस तक की सुविधा नहीं मिली. परिजन बच्चे को एमवॉय अस्पताल लेकर पहुंचे, इस दौरान ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो चुकी थी.
एमवॉय अस्पताल के डॉक्टर द्वारा बच्चे को मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद फिर परिजनों ने लाल अस्पताल पहुंचकर अस्पताल स्टॉफ और नर्स को जिम्मेदार ठहराते हुए उस पर कार्रवाई की मांग की. अस्पताल प्रबंधन की दलील है कि अस्पताल में शिशु रोग विशेषज्ञ के साथ नियोनेटल यूनिट समेत दूसरी सुविधाएं नहीं हैं, जिसको लेकर बच्चे को परिजन को जानकारी दी गई ती. हॉस्पिटल प्रबंधन का कहना है कि ऑक्सीजन मौजूद है. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि गर्भवती महिला को भर्ती करने के बाद अस्पताल में डॉक्टर तक नसीब नहीं हुआ सिर्फ नर्स के भरोसे अस्पताल छोड़ दिया गया था.