इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में धोखाधड़ी की वारदातों में इजाफा हो रहा है. इसी कड़ी में राज्य साइबर सेल की टीम ने मजदूरों के साथ धोखाधड़ी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. आरोपी पांच सौ रुपये का लालच देकर लोगों के बैंक खाते खुलवाकर उनका उपयोग करते थे. इसके बदले उसे प्रति खाता पांच हजार रुपये मिलते थे. पुलिस पकड़े गए आरोपी से पूछताछ करने में जुटी है.
खाते से 22 लाख निकाले: पिछले दिनों एक युवक ने राज्य साइबर सेल से शिकायत की थी. उसने बताया कि उसके एचडीएफसी बैंक के खाते से लगभग 22 लाख रुपए अज्ञात व्यक्ति ने निकाल लिये हैं. इस मामले को लेकर राज्य साइबर सेल के एसपी जितेंद्र सिंह ने एक टीम गठित की. टीम ने संदिग्ध बैंक खाता नंबर एवं मोबाइल नंबर के नाम पते की जानकारी निकाली. जिसमें सामने आया कि संदिग्ध बैंक खाता जबलपुर का है. जांच पड़ताल के लिए एक टीम जबलपुर रवाना हुई और संदिग्ध यूनियन बैंक आफ इंडिया के खाता धारक वीरेंद्र ठाकुर से इस पूरे मामले में पूछताछ की गई तो उसने बतया 500 रूपए की लालच में उसने बैंक खाता खुलवा कर आरोपी ऋषभ जैन को दिया था.
पैसों का लालच देकर खुलवाते थे खाते: आरोपी ऋषभ जैन से पूछताछ करने पर उसने बताया कि रेलवे में एसी कोच में अटेंडर की नौकरी करता है. उसकी पहचान एक व्यक्ति से व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से हुई थी. उसने कहा था कि लोगों के बैंक खाते खुलवाकर उसे दे दे इसके बदले हर खाते पर उसे 5000 रुपये दिये जाएंगे. पैसों के लालच में आकर ऋषभ ने कई लोगों के एकाउंट खुलवाकर उस व्यक्ति को दे दिये. इन खातों का उपयोग धोखाधड़ी से आए पैसों को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता था.
गरीब, मजदूर और अनपढ़ों को बनाते थे टार्गेट: आरोपी एकाउंट खुलवाने के लिए ज्यादातर मजदूर, गरीब व अनपढ़ लोगों से संपर्क करता था. आरोपी बैंक खाते में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर का सिम भी खाता धारक से खरीदवाकर खुद रख लेता था. पुलिस ने वीरेंद्र ठाकुर और ऋषभ जैन को हिरासत में ले लिया है और उनसे काफी बारीकी से पूछताछ की जा रही है.आरोपी दसवीं तक ही पढ़े हुए हैं. राज्य साइबर सेल के एसपी ने कहा कि गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.(State Cyber Cell action in Indore) (Two online thugs arrested in Indore)