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Masik Shivratri : भगवान शिव की कृपा से होती हैं सभी मनोकामनाएं पूर्ण मिलेगा धन और मनचाहा जीवनसाथी - baba vishwanath

जो भी व्यक्ति मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2022) का उपवास करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, प्राचीन काल में माता लक्ष्मी, रुकमणी आदि देवियों ने भी भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए यह व्रत किए थे. मनचाहे वर और शादी में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए यह व्रत किया जाता है.

masik shivaratri 2022
मासिक शिवरात्रि 2022
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Published : Jun 26, 2022, 6:38 PM IST

ईटीवी भारत डेस्क: भगवान शिव जी के आशीर्वाद से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. कष्ट, पाप, भय से मुक्ति मिलती है. भगवान शिव अपने भक्तों की रक्षा करते हैं. मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी, मास शिवरात्रि या मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2022) के रूप में मनाई जाती है. यह दिन भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन व्रत और विधि-विधान से पूजा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यह व्रत करने वालों के सभी दुख, रोग और शोक बाबा भोलेनाथ दूर करते हैं. इस दिन व्रत रखने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है. जिन कन्याओं के विवाह में कोई बाधा या परेशानी आ रही है वो भी दूर होती है. विद्यार्थियों को भी लाभ प्राप्त होता है.

शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में अंतर होता है. शिवरात्रि हर महीने होती है, जबकि महाशिवरात्रि साल में एक बार आती है. भगवान शिव इस दिन अपने भक्तों की अधूरी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं. यदि मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की विधि-विधान से व्रत पूजा की जाए तो विशेष पुण्य मिलता है. मान्यताओं के अनुसार, प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का पावन व्रत किया जाता है. भगवान शिव केवल सामान्य जलाभिषेक और पूजा-अर्चना से ही खुश हो जाते हैं जिससे दांपत्य जीवन में मधुरता आती है और जिन कन्याओं के विवाह में कोई बाधा आ रही है वो भी दूर होती है.

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शिवरात्रि का व्रत अत्यंत शुभ और फलदाई माना जाता है. जो भी व्यक्ति उपवास करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, उसे कभी भी कोई कष्ट नहीं होता. मनचाहे वर और शादी में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए यह व्रत किया जाता है. प्राचीन काल में माता लक्ष्मी, रुकमणी आदि देवियों ने भी भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए यह व्रत किए थे. ज्योतिषाचार्य जितेंद्र महाराज ने बताया कि जो भक्त भगवान शिव के लिए शिवरात्रि का व्रत रखेंगे, वो लोग अगले दिन के सूर्योदय तक बिना अन्न के भगवान भोलेनाथ की पूजा-उपासना करेंगे. व्रत रखने वाले लोग सूर्योदय के बाद ही पारण करेंगे.

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मासिक शिवरात्रि-सोमवार व्रत विधि: मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि के बाद किसी मंदिर में जा कर भगवान गणेश की पूजा करें. किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा- अर्चना अवश्य की जाती है. महादेव और शिव परिवार पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी, शिवगणों की पूजा करें. पूजा के दौरान शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, दूध या गाय का दूध, दही, शक्कर, शहद, शुद्ध घी, गन्ने के रस आदि से करें. मासिक शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर भक्त बेलपत्र, भांग, चंदन, शहद और माता पार्वती को श्रृंगार की सामग्री आदि अर्पित कर पूजा कर सकते हैं धतूरा, बेलपत्र और श्रीफल चढ़ाएं. अब आप शिव जी की धुप-दीप, फल और फूल आदि से पूजा-अर्चना करें. शिव पूजा करते समय आप शिव तांडव स्त्रोत, शिव पुराण, शिवाअष्टक और शिव चालीसा का पाठ करें. इसके बाद शाम के समय फल खा सकते हैं, लेकिन व्रती को अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए.

ये भी पढ़ें : धन समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी को करें खुश, ये उपाय बना सकते हैं मालामाल

मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Subha Muhurta): पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 27 जून 2022 सोमवार को पूर्ण रात्रि तक रहेगी. मास शिवरात्रि की पूजा रात के समय की जाती है. शास्त्रों के अनुसार मासिक शिवरात्रि की पूजा रात्रि में करना उत्तम माना जाता है इसलिए 27 जून 2022 सोमवार को रात 11:57 बजे से 12:39 बजे जून 28 के मध्य शिव पूजा का मुहूर्त बना हुआ है.

ईटीवी भारत डेस्क: भगवान शिव जी के आशीर्वाद से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. कष्ट, पाप, भय से मुक्ति मिलती है. भगवान शिव अपने भक्तों की रक्षा करते हैं. मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी, मास शिवरात्रि या मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2022) के रूप में मनाई जाती है. यह दिन भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन व्रत और विधि-विधान से पूजा करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यह व्रत करने वालों के सभी दुख, रोग और शोक बाबा भोलेनाथ दूर करते हैं. इस दिन व्रत रखने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है. जिन कन्याओं के विवाह में कोई बाधा या परेशानी आ रही है वो भी दूर होती है. विद्यार्थियों को भी लाभ प्राप्त होता है.

शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में अंतर होता है. शिवरात्रि हर महीने होती है, जबकि महाशिवरात्रि साल में एक बार आती है. भगवान शिव इस दिन अपने भक्तों की अधूरी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं. यदि मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शंकर की विधि-विधान से व्रत पूजा की जाए तो विशेष पुण्य मिलता है. मान्यताओं के अनुसार, प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मासिक शिवरात्रि का पावन व्रत किया जाता है. भगवान शिव केवल सामान्य जलाभिषेक और पूजा-अर्चना से ही खुश हो जाते हैं जिससे दांपत्य जीवन में मधुरता आती है और जिन कन्याओं के विवाह में कोई बाधा आ रही है वो भी दूर होती है.

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शिवरात्रि का व्रत अत्यंत शुभ और फलदाई माना जाता है. जो भी व्यक्ति उपवास करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, उसे कभी भी कोई कष्ट नहीं होता. मनचाहे वर और शादी में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए यह व्रत किया जाता है. प्राचीन काल में माता लक्ष्मी, रुकमणी आदि देवियों ने भी भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए यह व्रत किए थे. ज्योतिषाचार्य जितेंद्र महाराज ने बताया कि जो भक्त भगवान शिव के लिए शिवरात्रि का व्रत रखेंगे, वो लोग अगले दिन के सूर्योदय तक बिना अन्न के भगवान भोलेनाथ की पूजा-उपासना करेंगे. व्रत रखने वाले लोग सूर्योदय के बाद ही पारण करेंगे.

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मासिक शिवरात्रि-सोमवार व्रत विधि: मासिक शिवरात्रि वाले दिन आप सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि के बाद किसी मंदिर में जा कर भगवान गणेश की पूजा करें. किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा- अर्चना अवश्य की जाती है. महादेव और शिव परिवार पार्वती, गणेश, कार्तिक, नंदी, शिवगणों की पूजा करें. पूजा के दौरान शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, दूध या गाय का दूध, दही, शक्कर, शहद, शुद्ध घी, गन्ने के रस आदि से करें. मासिक शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर भक्त बेलपत्र, भांग, चंदन, शहद और माता पार्वती को श्रृंगार की सामग्री आदि अर्पित कर पूजा कर सकते हैं धतूरा, बेलपत्र और श्रीफल चढ़ाएं. अब आप शिव जी की धुप-दीप, फल और फूल आदि से पूजा-अर्चना करें. शिव पूजा करते समय आप शिव तांडव स्त्रोत, शिव पुराण, शिवाअष्टक और शिव चालीसा का पाठ करें. इसके बाद शाम के समय फल खा सकते हैं, लेकिन व्रती को अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए.

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मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Subha Muhurta): पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 27 जून 2022 सोमवार को पूर्ण रात्रि तक रहेगी. मास शिवरात्रि की पूजा रात के समय की जाती है. शास्त्रों के अनुसार मासिक शिवरात्रि की पूजा रात्रि में करना उत्तम माना जाता है इसलिए 27 जून 2022 सोमवार को रात 11:57 बजे से 12:39 बजे जून 28 के मध्य शिव पूजा का मुहूर्त बना हुआ है.

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