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दुनिया भर का ज्ञान विज्ञान और टेक्नोलॉजी भारत की देन- लालजी टंडन - इंदौर न्यूज

इंदौर के वैष्णव विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह को राज्यपाल लालजी टंडन ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया जिस टेक्नॉलॉजी पर शोध करके अपनी शक्ति दिखा रही है वह भारत की ही देन है.

लालजी टंडन
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Published : Aug 9, 2019, 4:52 AM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन इंदौर के वैष्णव विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में पहुंचे. कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु भी मौजूद रहे. यहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लालजी टंडन ने कहा कि दुनिया भर की ज्ञान विज्ञान और टेक्नोलॉजी प्राचीन भारतीय विश्वविद्यालयों की देन है. प्राचीन काल में तक्षशिला नालंदा जैसे विश्वविद्यालय थे जहां कई शोध होते थे, जिससे दुनिया को नई राह मिलती थी.

वैष्णव विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में पहुंचे लालजी टंडन

राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा सबसे कठिन सर्जरी मानी जाने वाली प्लास्टिक सर्जरी की शुरुआत भारत में ही हुई थी. आज पूरी दुनिया सुश्रुत को फादर ऑफ सर्जरी मानती है. साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया को अर्थशास्त्र का पहला ज्ञान चाणक्य ने दिया था. वहीं अगर आर्यभट्ट शून्य का अविष्कार नहीं किया होता तो गणित के अंक बन ही नहीं सकते थे. अणु-परमाणु के सिद्धांत हजारों साल पहले भारत ने ही दुनिया को बताए थे.

अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि आज स्थिति ऐसी बन गई है कि प्राचीन के ज्ञान-विज्ञान पर शोध कर दुनिया हमें शक्ति दिखा रही है. भारत की गुलामी के दौर में हमारे शैक्षणिक संस्थानों की विरासत को लूटा गया, लेकिन आज हम फिर से उठकर खड़े हो रहे हैं. हमारी ज्यादा जिम्मेदारी बनती है कि हमें भारत के भविष्य की ओर सोचना चाहिए.

इंदौर। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन इंदौर के वैष्णव विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में पहुंचे. कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु भी मौजूद रहे. यहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लालजी टंडन ने कहा कि दुनिया भर की ज्ञान विज्ञान और टेक्नोलॉजी प्राचीन भारतीय विश्वविद्यालयों की देन है. प्राचीन काल में तक्षशिला नालंदा जैसे विश्वविद्यालय थे जहां कई शोध होते थे, जिससे दुनिया को नई राह मिलती थी.

वैष्णव विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में पहुंचे लालजी टंडन

राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा सबसे कठिन सर्जरी मानी जाने वाली प्लास्टिक सर्जरी की शुरुआत भारत में ही हुई थी. आज पूरी दुनिया सुश्रुत को फादर ऑफ सर्जरी मानती है. साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया को अर्थशास्त्र का पहला ज्ञान चाणक्य ने दिया था. वहीं अगर आर्यभट्ट शून्य का अविष्कार नहीं किया होता तो गणित के अंक बन ही नहीं सकते थे. अणु-परमाणु के सिद्धांत हजारों साल पहले भारत ने ही दुनिया को बताए थे.

अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि आज स्थिति ऐसी बन गई है कि प्राचीन के ज्ञान-विज्ञान पर शोध कर दुनिया हमें शक्ति दिखा रही है. भारत की गुलामी के दौर में हमारे शैक्षणिक संस्थानों की विरासत को लूटा गया, लेकिन आज हम फिर से उठकर खड़े हो रहे हैं. हमारी ज्यादा जिम्मेदारी बनती है कि हमें भारत के भविष्य की ओर सोचना चाहिए.

Intro:मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने दुनिया भर की ज्ञान विज्ञान और टेक्नोलॉजी को प्राचीन भारतीय विश्वविद्यालयों की देन बताया है आज इंदौर के वैश्णव विद्यापीठ में दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए श्री टंडन ने कहा आज पूरी दुनिया जिस टेक्नॉलॉजी पर शोध करके अपनी शक्ति दिखा रही है वह भारत की देन है


Body: महामहिम राज्यपाल ने कहा आज पूरी दुनिया मानती है की फादर ऑफ सर्जरी सुषुप्त हैं क्योंकि दुनिया में मेडिकल सर्जरी का प्रयोग सबसे पहले भारत में हुआ था और सबसे कठिन सर्जरी माने जाने वाली प्लास्टिक सर्जरी की शुरुआत प्राचीन काल में भारत में ही हुई थी उन्होंने कहा दुनिया का पहला अर्थशास्त्री चाणक्य नहीं होता तो गणित के अंत नहीं बन सकते थे क्योंकि शून्य की खोज भारत में हुई अणु परमाणु के जिन सिद्धांतों पर शोध करके दुनिया अपनी शक्ति दिखा रही है वह अणु परमाणु हजारों साल पहले दुनिया को भारत नहीं बताए थे आज स्थिति यह है की प्राचीन भारत में दुनिया भर को ज्ञान विज्ञान की जो विरासत सौंपी उसी के आधार पर हमें शक्ति दिखाई जा रही है भारत की गुलामी के दौर में हमारे शैक्षणिक संस्थानों विरासत को लूटा गया इसलिए आज फिर से हम उठ कर खड़े हो रहे हैं इसलिए हमारी जिम्मेदारी और दृष्टि भारत के भविष्य की ओर होना चाहिए


Conclusion:एक्सटेंशन लालजी टंडन राज्यपाल मध्यप्रदेश

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