इंदौर। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन इंदौर के वैष्णव विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह में पहुंचे. कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडु भी मौजूद रहे. यहां कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लालजी टंडन ने कहा कि दुनिया भर की ज्ञान विज्ञान और टेक्नोलॉजी प्राचीन भारतीय विश्वविद्यालयों की देन है. प्राचीन काल में तक्षशिला नालंदा जैसे विश्वविद्यालय थे जहां कई शोध होते थे, जिससे दुनिया को नई राह मिलती थी.
राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा सबसे कठिन सर्जरी मानी जाने वाली प्लास्टिक सर्जरी की शुरुआत भारत में ही हुई थी. आज पूरी दुनिया सुश्रुत को फादर ऑफ सर्जरी मानती है. साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया को अर्थशास्त्र का पहला ज्ञान चाणक्य ने दिया था. वहीं अगर आर्यभट्ट शून्य का अविष्कार नहीं किया होता तो गणित के अंक बन ही नहीं सकते थे. अणु-परमाणु के सिद्धांत हजारों साल पहले भारत ने ही दुनिया को बताए थे.
अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि आज स्थिति ऐसी बन गई है कि प्राचीन के ज्ञान-विज्ञान पर शोध कर दुनिया हमें शक्ति दिखा रही है. भारत की गुलामी के दौर में हमारे शैक्षणिक संस्थानों की विरासत को लूटा गया, लेकिन आज हम फिर से उठकर खड़े हो रहे हैं. हमारी ज्यादा जिम्मेदारी बनती है कि हमें भारत के भविष्य की ओर सोचना चाहिए.