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दिग्विजय के 'गिनीपिग' वाले बयान पर बोले कैलाश विजयवर्गीय, 'जब ज्ञान न हो तो नहीं बोलना चाहिए'

कोरोना वैक्सीन ट्रायल को लेकर दिग्विजय सिंह ने सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा था, कि सरकार लोगों को गिनीपिग न बनाए, इस बयान पर कैलाश विजयवर्गीय ने पलटवार किया है, उन्होंने कहा कि जब ज्ञान न हो, तो नहीं बोलना चाहिए.

Kailash Vijayvargiya's counterattack on Digvijay's 'Ginipig' statement
दिग्विजय के 'गिनीपिग' वाले बयान पर कैलाश विजयवर्गीय का पलटवार
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Published : Dec 9, 2020, 1:15 PM IST

इंदौर। कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को लेकर पूरे देश में राजनीति गरम है, कोई वैक्सीन के ट्रायल पर सवाल उठा रहा है, तो कोई सरकार के कामकाज को गलत बता रहा है, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को कहा कि सरकार लोगों को गिनीपिग न बनाए, जिसपर कैलाश विजयवर्गीय की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा सरकार कोरोना वैक्सीन को लेकर उचित कदम उठा रही है, अगर ज्ञान न हो तो नहीं बोलना चाहिए.

  • मोदी के वैक्सीनेशन अभियान पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

कोरोना महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन आने से पहले ही केंद्र सरकार के वैक्सीनेशन अभियान पर राजनीति शुरू हो गई है, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कोरोना वैक्सीन को सीधे हरियाणा के मंत्री पर आजमाए जाने के अलावा बिना टेस्टिंग के आम लोगों पर उपयोग किए जाने के कारण मोदी सरकार पर देश की जनता को गिनी पिग बनाने के आरोप लगाए हैं. हालांकि पलटवार करते हुए भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दिग्विजय सिंह को अल्प ज्ञानी बताते हुए इस मामले में शांत रहने की नसीहत दी है. गौरतलब है हाल ही में राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इस मामले में दिग्विजय सिंह के बयानों को आड़े हाथों लिया था.

'लोगों को गिनीपिग न बनाए सरकार'
  • कोरोना वैक्सीन के ट्रायल पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

दरअसल कोरोना की दवाई सबसे पहले तैयार करने को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर की फार्मा कंपनियों ने प्रोटोकॉल से आगे बढ़कर दवाइयों का सीधे ह्यूमन ट्रायल किया, इसके अलावा एक कंपनी ने हरियाणा के मंत्री पर भी ह्यूमन ट्रायल किया था, लेकिन कोरोना की दोबारा जांच करने पर पॉजिटिव पाए गए थे, लिहाजा कांग्रेस ने वैक्सीन के ट्रायल और वितरण की तैयारियों को लेकर मोदी सरकार के पर सवाल खड़े किए हैं.

'जब ज्ञान न हो तो नहीं बोलना चाहिए'
  • दिग्विजय सिंह के सवाल पर कैलाश विजयवर्गीय ने किया पलटवार

इधर इंदौर में दिग्विजय सिंह ने भाजपा की वैक्सीनेशन की तैयारियों और दांवे पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि वैक्सीन अभी आई नहीं है, और अंतरराष्ट्रीय प्रमाणीकरण एजेंसी के अलावा ड्रग कंट्रोल ऑफ इंडिया ने वैक्सीन को प्रमाणित नहीं किया है, इसके पहले ही मोदी सरकार ने 6 महीने में सभी को वैक्सीन देने के सपने दिखाने शुरू कर दिए हैं, उन्होंने कहा बिना पुख्ता ट्रायल के फार्मा कंपनियों को सीधे ह्यूमन ट्रायल करने की अनुमति देना भी उचित नहीं है, इधर दिग्विजय सिंह के इस बयान पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पलटवार करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह डॉक्टर या फार्मासिस्ट नहीं हैं, इसलिए उन्हें दवाइयों और वैक्सीनेशन की तैयारियों पर सवाल नहीं उठाना चाहिए.

गौरतलब है राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कुछ दिनों पहले कहा था कि वैक्सीन को लेकर कुछ लोगों को भ्रम है, इसलिए सबसे पहले वो कोरोना की वैक्सीन लगवाएंगे, हालांकि उनके परिजनों को संक्रमण पाए जाने के बाद वे वैक्सीनेशन के लिए उपयुक्त नहीं पाए गए थे, अब जबकि देशभर में वैक्सीन के स्टोरेज और वितरण की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं, तो इसे लेकर नए सिरे से राजनीति भी गरमा गई है.

इंदौर। कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को लेकर पूरे देश में राजनीति गरम है, कोई वैक्सीन के ट्रायल पर सवाल उठा रहा है, तो कोई सरकार के कामकाज को गलत बता रहा है, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को कहा कि सरकार लोगों को गिनीपिग न बनाए, जिसपर कैलाश विजयवर्गीय की प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा सरकार कोरोना वैक्सीन को लेकर उचित कदम उठा रही है, अगर ज्ञान न हो तो नहीं बोलना चाहिए.

  • मोदी के वैक्सीनेशन अभियान पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

कोरोना महामारी से बचाव के लिए वैक्सीन आने से पहले ही केंद्र सरकार के वैक्सीनेशन अभियान पर राजनीति शुरू हो गई है, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कोरोना वैक्सीन को सीधे हरियाणा के मंत्री पर आजमाए जाने के अलावा बिना टेस्टिंग के आम लोगों पर उपयोग किए जाने के कारण मोदी सरकार पर देश की जनता को गिनी पिग बनाने के आरोप लगाए हैं. हालांकि पलटवार करते हुए भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दिग्विजय सिंह को अल्प ज्ञानी बताते हुए इस मामले में शांत रहने की नसीहत दी है. गौरतलब है हाल ही में राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इस मामले में दिग्विजय सिंह के बयानों को आड़े हाथों लिया था.

'लोगों को गिनीपिग न बनाए सरकार'
  • कोरोना वैक्सीन के ट्रायल पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

दरअसल कोरोना की दवाई सबसे पहले तैयार करने को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर की फार्मा कंपनियों ने प्रोटोकॉल से आगे बढ़कर दवाइयों का सीधे ह्यूमन ट्रायल किया, इसके अलावा एक कंपनी ने हरियाणा के मंत्री पर भी ह्यूमन ट्रायल किया था, लेकिन कोरोना की दोबारा जांच करने पर पॉजिटिव पाए गए थे, लिहाजा कांग्रेस ने वैक्सीन के ट्रायल और वितरण की तैयारियों को लेकर मोदी सरकार के पर सवाल खड़े किए हैं.

'जब ज्ञान न हो तो नहीं बोलना चाहिए'
  • दिग्विजय सिंह के सवाल पर कैलाश विजयवर्गीय ने किया पलटवार

इधर इंदौर में दिग्विजय सिंह ने भाजपा की वैक्सीनेशन की तैयारियों और दांवे पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि वैक्सीन अभी आई नहीं है, और अंतरराष्ट्रीय प्रमाणीकरण एजेंसी के अलावा ड्रग कंट्रोल ऑफ इंडिया ने वैक्सीन को प्रमाणित नहीं किया है, इसके पहले ही मोदी सरकार ने 6 महीने में सभी को वैक्सीन देने के सपने दिखाने शुरू कर दिए हैं, उन्होंने कहा बिना पुख्ता ट्रायल के फार्मा कंपनियों को सीधे ह्यूमन ट्रायल करने की अनुमति देना भी उचित नहीं है, इधर दिग्विजय सिंह के इस बयान पर भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पलटवार करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह डॉक्टर या फार्मासिस्ट नहीं हैं, इसलिए उन्हें दवाइयों और वैक्सीनेशन की तैयारियों पर सवाल नहीं उठाना चाहिए.

गौरतलब है राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कुछ दिनों पहले कहा था कि वैक्सीन को लेकर कुछ लोगों को भ्रम है, इसलिए सबसे पहले वो कोरोना की वैक्सीन लगवाएंगे, हालांकि उनके परिजनों को संक्रमण पाए जाने के बाद वे वैक्सीनेशन के लिए उपयुक्त नहीं पाए गए थे, अब जबकि देशभर में वैक्सीन के स्टोरेज और वितरण की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं, तो इसे लेकर नए सिरे से राजनीति भी गरमा गई है.

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