इंदौर। पीएफआई पर शिकंजा कसने के साथ ही उसके साथ जुड़े तमाम राज एक एक करके फाश होते जा रहे हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस साल की शुरुआत में मध्य प्रदेश के खरगोन में जुलूस निकाला गया था. इतना ही नहीं दंगा प्रभावित लोगों की मदद के नाम पर लगभग 55 लाख रुपये एकत्र किए गए थे. केंद्र सरकार ने बुधवार को पीएफआई और उसके कई सहयोगियों पर एतिहातन पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. (indore pfi raised 55 lakhs for riot victims)
पीएफआई ने खरगोन में एक समुदाय को भड़काया थाः सख्त आतंकवाद विरोधी कानून, उन पर ISIS जैसे वैश्विक आतंकी समूहों के साथ "लिंक" होने का आरोप लगाते हुए सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमारी जांच में पाया गया कि PFI, जो खरगोन में हिंसा के बाद स्थानीय स्तर पर कार्रवाई में बदल गया, ने एक विशेष समुदाय को भड़काने की कोशिश की और लगभग 55 लाख रुपये एकत्र किए. पुलिस उपायुक्त (खुफिया शाखा) रजत सकलेचा ने बताया कि दंगा प्रभावित लोगों की मदद के नाम पर उनसे लाखों रुपये का चंदा दिया गया. रामनवमी समारोह, जिसमें पथराव किया गया, वाहनों को आग लगा दी गई और कुछ घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. जिसके कारण पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था. (indore what was plan of PFI mp)
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पीएफआई ने 2008 में शुरू की थीं गतिविधियांः अधिकारी ने आगे बताया कि पीएफआई ने 2008 में अपनी गतिविधियां शुरू की थीं. संगठन के खिलाफ जानकारी आंदोलन का नेतृत्व करने के बाद प्रकाश आयी थी. नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ पीएफआई आंदोलन का नेतृत्व इसी संगठन ने किया था. पीएफआई ने विभिन्न संगठनों की आड़ में अपनी गतिविधियों को फैलाना शुरू कर दिया है. वह इसका विस्तार करने की कोशिश कर रहा है. पूरे पश्चिमी मध्य प्रदेश में और विशेष रूप से राजस्थान की सीमा से लगे जिलों में इसका विस्तार करना चाहता है. संगठन ने उत्तर प्रदेश के एक चूड़ी विक्रेता तसलीम अली (25) की 22 अगस्त 2021 को यहां एक इलाके में पिटाई के बाद लोगों को सांप्रदायिक आधार पर भड़काने की कोशिश की थी. सकलेचा ने कहा कि संस्था पर प्रतिबंधित लगने से पहले इंदौर में 70 से 75 लोग इससे जुड़े थे. (पीटीआई) (indore pfi raised fund 55 lakhs in khargone)