इंदौर। प्रदेश में चुनाव की घोषणा हो चुकी है और दोनों ही दल अपने-अपने चुनाव प्रचार में जुट चुके हैं. लेकिन इंदौर हाई कोर्ट में कांग्रेस की तरफ से एक याचिका लगाई गई है, जिसमें चुनाव में होने वाले खर्च को उम्मीदवारों से वसूलने की मांग की गई है. कांग्रेस द्वारा इन विधायकों के खिलाफ लगाई गई याचिका हाई कोर्ट ने मंजूर कर ली है, ऐसे में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए 25 विधायकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
कांग्रेस का आरोप है कि बागियों का पैसे लेकर भाजपा में शामिल होने के कारण जनता को चुनाव का मुंह देखना पड़ रहा है. इसीलिए कांग्रेस ने हाई कोर्ट से मांग की है, कि प्रत्येक विधानसभा में आने वाले लगभग एक करोड़ खर्च का भुगतान इन नेताओं से लिया जाए. क्योंकि यह विधायक थे, तो इस्तीफा क्यों दिया. इस्तीफा दे दिया, तो फिर क्यों अब विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस की याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
पांच लोगों के खिलाफ चुनाव आयोग से भी शिकायत
भाजपा प्रत्याशी और मंत्रियों के खिलाफ कांग्रेस चुनाव आयोग में शिकायत कर चुका है. उसने अनूपपुर से भाजपा प्रत्याशी बिसाहूलाल सिंह को पद से हटाए जाने के साथ ही सुरखी, ग्वालियर, डबरा और सांची में अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोला है. इसमें उन्होंने भाजपा और उनके उम्मीदवारों पर सरकारी मिशनरी का दुरुपयोग करने के आरोप लगाए हैं.
14 मंत्रियों की शिकायत
कांग्रेस ने भाजपा की चुनाव आयोग से शिकायत करके सरकार में शामिल 14 मंत्रियों को हटाने की मांग की. कांग्रेस ने इसमें डबरा से भाजपा प्रत्याशी और महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी के बयान का हवाला देने के साथ ही ग्वालियर में मंत्रीप्रद्युम्न सिंह तोमर के कांग्रेस कार्यकर्ता से उलझने के मामले का हवाला भी दिया है.
कांग्रेस विधायक से भाजपा में आए विधायक
मुरैना, मेहगांव, ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर, डबरा, बमौरी, अशोक नगर, अम्बाह, पौहारी, भांडेर, सुमावली, करेरा, मुंगावली, गोहद, दिमनी, सुवासरा, मान्धाता, सांवेर, बदनावर, हाटपिपल्या, नेपानगर, सांची (भोपाल), मलहरा (छतरपुर), अनूपपुर और सुरखी (सागर).