इंदौर। शहर के भवर कुआं थाना क्षेत्र के एक रेस्टोरेंट में बैठकर क्रिकेट का सट्टा संचालित किया जा रहा था, इसी सूचना के आधार पर भंवरकुआं पुलिस ने होटल पर दबिश दी और आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसके अलावा इंदौर में लगातार धोखाधड़ी की वारदातें भी सामने आ रहीं हैं, इसी कड़ी में बीमा एजेंट ने किसान के साथ धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम दिया. फिलहाल दोनों ही मामलों में पुलिस जांच कर रही है. Indore Crime News
रेस्टोरेंट से गिरफ्तार हुए सटोरिए: भंवरकुआं पुलिस ने एक रेस्टोरेंट में बैठकर क्रिकेट मैच का ऑनलाइन सट्टा खेल रहे 6 सटोरियों को पकड़ा है, फिलहाल पकड़े गए आरोपी में से एक को छोड़ने के लिए पुलिस पर राजनीतिक दबाव भी बनाया जा रहा है. आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हुए भवरकुआं थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया ने बताया कि, "मुखबिर से सूचना मिली थी कि गिल एंड चिल रेस्टोरेंट में कुछ सटोरिया खाना खाने पहुंचे हैं और वहीं से ऑनलाइन क्रिकेट का सट्टा खेल रहे हैं. तुरंत टीम ने वहां दबिश दी मौके पर हर्षि तनवानी, गौरव मूलचंदानी, सागर, हिमालय ,अनुज और विजय को पकड़ा. आरोपियों से उनके मोबाइल पर उनकी जांच की गई तो पता चला कि हर्षि मुख्य आरोपी है, जिसने एप्लीकेशन के माध्यम से ऑनलाइन क्रिकेट सट्टे का खेल जमा रखा था. उसने अन्य आरोपियों को 50,000 और 10,000 की आईडी भी दे रखी थी, जिससे सभी बैठकर क्रिकेट का सट्टा खेल रहे थे. फिलहाल पुलिस ने सभी के मोबाइल जब्त कर लिए हैं. साथ ही आरोपियों के खिलाफ सट्टा अधिनियम की धारा में प्रकरण दर्ज किया गया है."
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बीमा पॉलिसी के नाम पर किसानों से 1 करोड़ की ठगी: इंदौर के छत्रीपुरा थाने में एक बीमा एजेंट पर भरोसा करना किसान परिवार के लोगों को काफी महंगा पड़ गया, वर्षों तक बीमा एजेंट उनसे पैसा लेता रहा और जब शिकायतकर्ता को पैसों की जरूरत पड़ी तो वे पॉलिसी का पैसा लेने बीमा ऑफिस पहुंचे, जहां पता लगा कि उनका पैसा सालों पहले ठग ने हड़प लिया है. किसान से ठगी हुई राशि 1 करोड़ से ज्यादा है, तेजाजी नगर थाने में पदस्थ एएसआई श्यामलाल पवार के मुताबिक, "बीमा एजेंट का नाम राजेश राठौर है वह एलआईसी के नाम पर बीमा एजेंट का काम करता है, जिसके खिलाफ धन्नालाल चौहान के परिवार के 5 लोगों सहित सीमा पटेल, मुकेश चौहान, राजेन्द्र पटेल, किरण बागवान और श्याम ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई है. राजेश ने खुद को बीमा एजेंट बताते हुए फरियादियों से मधुर संबंध बनाए बीमा पॉलिसी करने के नाम पर पैसा लिया, बाद में खुद ही आकर उन्हें बीमा पॉलिसी सौंप दी और फरार हो गया." फिलहाल मामले की शिकायत आला अधिकारियों की जांच के बाद आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है, पुलिस का कहना है कि फर्जी पॉलिसी बनाने की धाराएं भी बढ़ाई जाएंगी.