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किसने चुराई Indore की शान! नगर निगम से स्वच्छता Trophy गायब, अफसरों में मचा हड़कंप

इंदौर नगर निगम को मिली ट्रॉफियां गायब हो गई(indore clean city award trophy lost) हैं. सफाई में नंबर वन आने पर जो ट्रॉफियां निगम को मिली थी, वो कहां पर हैं किसी को नहीं (where is trophy)पता. मामला गर्माया तो अब निगम सभी ट्रॉफियों को खोजने में लग गया है.

indore clean city award trophy
किसने चुराई Indore की शान
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Published : Nov 23, 2021, 8:29 PM IST

इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर से एक चौंकाने वाली खबर आ रही है. बीते 5 सालों से स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले नंबर पर आने पर जो अवार्ड और ट्रॉफियां मिली थी, वह इंदौर नगर निगम मुख्यालय से गायब हैं(indore clean city award trophy lost). अब जबकि यह मामला उजागर हो रहा है तो निगम प्रशासन ताबड़तोड़ ट्रॉफियां खोज कर उन्हें सहेजने के लिए सेल्फी प्वाइंट बनाने की तैयारी में है.

कहां गई स्वच्छता की ट्रॉफी

स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले नंबर पर आने के कारण 2017 से ही भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय इंदौर को ट्रॉफी और अवार्ड से सम्मानित करता रहा है. इस पुरस्कार के लिए जो अधिकारी और जनप्रतिनिधि दिल्ली पहुंचे थे, उन्होंने पुरस्कार लाने के बाद प्रमाण पत्रों के अलावा ट्रॉफी को भी भुला दिया. लिहाजा निगम की गौरवशाली संपत्ति होने के बावजूद यह ट्रॉफी कहां है, खुद निगम प्रशासन को भी नहीं पता(where is trophy). नगर निगम द्वारा आयोजित कर्मचारियों के सम्मान समारोह के दौरान जब यह मामला सुर्खियों में आया तो अधिकारी दलील देते नजर आए कि यह स्मार्ट सिटी ऑफिस में रखी गई है.

किसी को नहीं पता कहां हैं ट्रॉफी

इसके बाद जब ईटीवी भारत की टीम ने स्मार्ट सिटी ऑफिस में ट्रॉफी की पड़ताल की, तो पता चला वहां सिर्फ 2021 के प्रमाण पत्र मौजूद हैं. जबकि ट्रॉफी नदारद है. इसके बाद ट्रॉफी की खोज नगर निगम मुख्यालय के परिषद कार्यालय में की गई, तो पता चला कि परिषद के अधिकारियों को भी ट्रॉफियों के बारे में कोई खबर नहीं है. यही स्थिति नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल के कार्यालय में भी नजर आई. जहां अधिकारी ट्रॉफियों के बाेर में बस अंदाजा लगाते नजर आए. इसके बाद जब यह मामला गरमाया तो खुद निगमायुक्त को ही ट्रॉफियो को एक स्थान पर सहेजने के लिए सेल्फी प्वाइंट बनाने की घोषणा करनी पड़ी. हालांकि वे भी स्पष्ट रूप से नहीं बता पाए कि नगर निगम को पुरस्कार स्वरूप मिली ट्रॉफी आखिर कहां हैं.

madhya pradesh में drought की आहट, रबी की फसल पर सूखे का संकट, कम बारिश होने से भगवान भरोसे किसान

भगवान भरोसे निगम के गौरव का प्रतीक

बताया जाता है कि 2017 के बाद जो दो ट्रॉफी मिली थी, वह तत्कालीन महापौर मालिनी गौड़ के आवास में रखी गई थी. इसके अलावा बाकी दो ट्रॉफी कहां हैं इसकी खोज अब नगर निगम कर रहा है. एक अन्य ट्रॉफी जो हाल ही में मिली वह इंदौर के सांसद शंकर लालवानी दिल्ली से अपने बंगले पर ले गए थे, जो उन्होंने नगर निगम के सफाई कर्मी सम्मान समारोह के दौरान कार्यक्रम स्थल पर रखवा दी थी. हालांकि अब अपने अपने स्तर पर सभी ट्रॉफी के नगर निगम में ही होने के दावे कर रहे हैं. लेकिन फिलहाल कोई भी दावे के साथ बताने को तैयार नहीं है कि ट्रॉफी कहां है. इस स्थिति से बचने के लिए अब नगर निगम प्रशासन सभी ट्रॉफी को खोज कर एक स्थान पर रखने के साथ ही उन्हें सहेजने के लिए एक सेल्फी प्वाइंट बनवा रहा है .

इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर से एक चौंकाने वाली खबर आ रही है. बीते 5 सालों से स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले नंबर पर आने पर जो अवार्ड और ट्रॉफियां मिली थी, वह इंदौर नगर निगम मुख्यालय से गायब हैं(indore clean city award trophy lost). अब जबकि यह मामला उजागर हो रहा है तो निगम प्रशासन ताबड़तोड़ ट्रॉफियां खोज कर उन्हें सहेजने के लिए सेल्फी प्वाइंट बनाने की तैयारी में है.

कहां गई स्वच्छता की ट्रॉफी

स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले नंबर पर आने के कारण 2017 से ही भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय इंदौर को ट्रॉफी और अवार्ड से सम्मानित करता रहा है. इस पुरस्कार के लिए जो अधिकारी और जनप्रतिनिधि दिल्ली पहुंचे थे, उन्होंने पुरस्कार लाने के बाद प्रमाण पत्रों के अलावा ट्रॉफी को भी भुला दिया. लिहाजा निगम की गौरवशाली संपत्ति होने के बावजूद यह ट्रॉफी कहां है, खुद निगम प्रशासन को भी नहीं पता(where is trophy). नगर निगम द्वारा आयोजित कर्मचारियों के सम्मान समारोह के दौरान जब यह मामला सुर्खियों में आया तो अधिकारी दलील देते नजर आए कि यह स्मार्ट सिटी ऑफिस में रखी गई है.

किसी को नहीं पता कहां हैं ट्रॉफी

इसके बाद जब ईटीवी भारत की टीम ने स्मार्ट सिटी ऑफिस में ट्रॉफी की पड़ताल की, तो पता चला वहां सिर्फ 2021 के प्रमाण पत्र मौजूद हैं. जबकि ट्रॉफी नदारद है. इसके बाद ट्रॉफी की खोज नगर निगम मुख्यालय के परिषद कार्यालय में की गई, तो पता चला कि परिषद के अधिकारियों को भी ट्रॉफियों के बारे में कोई खबर नहीं है. यही स्थिति नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल के कार्यालय में भी नजर आई. जहां अधिकारी ट्रॉफियों के बाेर में बस अंदाजा लगाते नजर आए. इसके बाद जब यह मामला गरमाया तो खुद निगमायुक्त को ही ट्रॉफियो को एक स्थान पर सहेजने के लिए सेल्फी प्वाइंट बनाने की घोषणा करनी पड़ी. हालांकि वे भी स्पष्ट रूप से नहीं बता पाए कि नगर निगम को पुरस्कार स्वरूप मिली ट्रॉफी आखिर कहां हैं.

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भगवान भरोसे निगम के गौरव का प्रतीक

बताया जाता है कि 2017 के बाद जो दो ट्रॉफी मिली थी, वह तत्कालीन महापौर मालिनी गौड़ के आवास में रखी गई थी. इसके अलावा बाकी दो ट्रॉफी कहां हैं इसकी खोज अब नगर निगम कर रहा है. एक अन्य ट्रॉफी जो हाल ही में मिली वह इंदौर के सांसद शंकर लालवानी दिल्ली से अपने बंगले पर ले गए थे, जो उन्होंने नगर निगम के सफाई कर्मी सम्मान समारोह के दौरान कार्यक्रम स्थल पर रखवा दी थी. हालांकि अब अपने अपने स्तर पर सभी ट्रॉफी के नगर निगम में ही होने के दावे कर रहे हैं. लेकिन फिलहाल कोई भी दावे के साथ बताने को तैयार नहीं है कि ट्रॉफी कहां है. इस स्थिति से बचने के लिए अब नगर निगम प्रशासन सभी ट्रॉफी को खोज कर एक स्थान पर रखने के साथ ही उन्हें सहेजने के लिए एक सेल्फी प्वाइंट बनवा रहा है .

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