भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन के तहत बुधवार को हर साल की तरह इस साल भी स्वच्छ शहरों की घोषणा की गई. जिसमें टॉप 20 में मध्यप्रदेश के 5 शहरों के नाम है. मध्यप्रदेश के 5 शहर भले ही इस लिस्ट में हों, लेकिन राजधानी भोपाल दूसरे पायदान से सीधे 19 नंबर पर खिसक गई है.
स्वच्छता में पिछड़ने के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि भोपाल को देश की तमाम राजधानियों में स्वच्छता में नंबर वन स्थान मिला है. स्वच्छ शहरों की गिनती में पिछड़ने के बाद सियासी घमासान शुरू हो गया है. पूर्व महापौर विभा पटेल ने बीजेपी परिषद पर काम नहीं करने का आरोप लगाया है.
जिस पर पलटवार करते हुए महापौर आलोक शर्मा का कहना है कि मध्यप्रदेश में अच्छा काम कर रहे कमिश्नर को आखिरी समय में हटा दिया गया, पिछले एक साल में तीन नगर निगम कमिश्नर बदले गए हैं. जब तक कोई कमिश्नर समझता है कि उसे किस तरह काम करना है, उससे पहले उसे हटा दिया जाता है.
साथ ही महापौर ने अपर आयुक्त एमपी सिंह के ट्रांसफर पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्वच्छता की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी एमपी सिंह के पास थी, लेकिन चुनाव के दौरान कांग्रेस की शिकायत पर उनका ट्रांसफर कर दिया गया. चुनाव के बाद जब वे भोपाल वापस आए तो कांग्रेस ने राजनीतिक द्वेष के कारण फिर से उनका तबादला दिया.