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IDA के खिलाफ किसान लामबंद, प्रस्तावित ISBT का कर रहे विरोध - प्रस्तावित आईएसबीटी बस स्टैंड

इंदौर विकास प्राधिकरण के खिलाफ किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान सुपर कॉरिडोर में बनने वाले आईएसबीटी का विरोध कर रहे हैं.

इंदौर विकास प्राधिकरण के खिलाफ किसान
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Published : Oct 15, 2019, 7:55 PM IST

Updated : Oct 15, 2019, 10:32 PM IST

इंदौर। इंदौर विकास प्राधिकरण के खिलाफ किसानों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है, इंदौर के सुपर कॉरिडोर पर प्रस्तावित अंतरराज्यीय बस टर्मिनल के विरोध में किसानों ने मंगलवार को इंदौर विकास प्राधिकरण कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर नारेबाजी की. सुपर कॉरिडोर पर प्रस्तावित आईएसबीटी का मुख्यमंत्री कमलनाथ का भूमि पूजन प्रस्तावित है.

भूमि पूजन के विरोध में किसान सड़कों पर उतर आए हैं. किसानों का आरोप है कि 2011 में आईडीए ने आईएसबीटी के लिए करीब 500 किसानों की 500 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया था. जिनमें से 150 किसानों की जमीन का इस्तेमाल आईएसबीटी के लिए किया जाना है. इस जमीन अधिग्रहण के बदले में किसानों को अधिग्रहित की गई जमीन का 21 फीसदी हिस्सा विकसित प्लाट के तौर पर दिया जाना है.

किसानों का आरोप है कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के नियमों के मुताबिक तीन साल तक कोई योजना धरातल पर नहीं उतरी तो योजना खुद ही समाप्त हो जाती है. लिहाजा, अब आईडीए का जमीन पर कोई हक नहीं बनता है. इसके अलावा जिस जगह विकसित प्लाट दिए जा रहे हैं, वहां का मालिकाना हक भी आईडीए के पास नहीं है. किसानों ने आईडीए पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है और कहा कि जब तक उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक आईएसबीटी नहीं बनाने दिया जाएगा.

इंदौर। इंदौर विकास प्राधिकरण के खिलाफ किसानों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है, इंदौर के सुपर कॉरिडोर पर प्रस्तावित अंतरराज्यीय बस टर्मिनल के विरोध में किसानों ने मंगलवार को इंदौर विकास प्राधिकरण कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर नारेबाजी की. सुपर कॉरिडोर पर प्रस्तावित आईएसबीटी का मुख्यमंत्री कमलनाथ का भूमि पूजन प्रस्तावित है.

भूमि पूजन के विरोध में किसान सड़कों पर उतर आए हैं. किसानों का आरोप है कि 2011 में आईडीए ने आईएसबीटी के लिए करीब 500 किसानों की 500 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया था. जिनमें से 150 किसानों की जमीन का इस्तेमाल आईएसबीटी के लिए किया जाना है. इस जमीन अधिग्रहण के बदले में किसानों को अधिग्रहित की गई जमीन का 21 फीसदी हिस्सा विकसित प्लाट के तौर पर दिया जाना है.

किसानों का आरोप है कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के नियमों के मुताबिक तीन साल तक कोई योजना धरातल पर नहीं उतरी तो योजना खुद ही समाप्त हो जाती है. लिहाजा, अब आईडीए का जमीन पर कोई हक नहीं बनता है. इसके अलावा जिस जगह विकसित प्लाट दिए जा रहे हैं, वहां का मालिकाना हक भी आईडीए के पास नहीं है. किसानों ने आईडीए पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है और कहा कि जब तक उचित मुआवजा नहीं मिलेगा, तब तक आईएसबीटी नहीं बनाने दिया जाएगा.

Intro:इंदौर विकास प्राधिकरण के खिलाफ किसानों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है इंदौर के सुपर कॉरिडोर पर प्रस्तावित आईएसबीटी बस स्टैंड के विरोध में किसानों ने मंगलवार को इंदौर विकास प्राधिकरण कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया


Body:सुपर कॉरिडोर पर प्रस्तावित आईएसबीटी बस स्टैंड का मुख्यमंत्री के द्वारा भूमि पूजन किया जा रहा है लेकिन इसके विरोध में किसान सड़कों पर उतर आए हैं किसानों का आरोप है कि 2011 में आईडीए ने आईएसबीटी के लिए करीब 500 किसानों की 500 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण स्कीम नंबर 169 ए के लिए किया था इनमें से 150 किसानों की जमीन का इस्तेमाल आईएसबीटी बस स्टैंड के लिए किया जाना है वहीं इस जमीन अधिग्रहण के बदले में किसानों को अधिग्रहित की गई जमीन का 21 फ़ीसदी हिस्सा विकसित प्लाट के तौर पर दिया जाना है लेकिन किसानों का आरोप है कि टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के नियमों के मुताबिक 3 साल तक कोई योजना मूर्त रूप नहीं लेती है तो योजना स्वतः ही समाप्त हो जाती है लिहाजा अब आइडिया का कोई हक नहीं बनता है इसके अलावा जिस जगह विकसित प्लाट दिए जा रहे हैं यहां का मालिकाना हक भी आईडीए के पास नहीं है किसानों ने आईडीए पर धोखाधड़ी का आरोप भी लगाया और कहा कि जब तक उचित मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक आईएसबीटी बस स्टैंड नहीं बनाने दिया जाएगा

बाईट - रविन्द्र चौधरी, पीड़ित किसान
बाईट - नागेन्द्र नाथ पांडे, भू अर्जन अधिकारी, आईडीए


Conclusion:आईएसबीटी के लिए आईडीए टेंडर निकाल चुका है और जल्द ही इसका भूमि पूजन मुख्यमंत्री करने वाले हैं फिलहाल अधिकारियों ने किसानों को बातचीत के जरिए मसले का हल निकालने का आश्वासन दिया है हालांकि किसान अभी तक माने नहीं है
Last Updated : Oct 15, 2019, 10:32 PM IST
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