इंदौर। पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी और कर्मचारियों ने एक बार फिर कंपनी के निजीकरण के विरोध में लामबंद हो गए हैं. वहीं आज कर्मचारियों ने इंदौर के पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय के बाहर जमकर धरना प्रदर्शन किया, और निजी करण को गलत ठहराते हुए इसका विरोध किया.
विद्युत वितरण कंपनी के निजीकरण को लेकर हमेशा प्रदेश में माहौल बनता रहा है अतः एक बार फिर विद्युत वितरण कंपनी के निजीकरण होने के बाद, जब अधिकारी और कर्मचारियों तक सूचना पहुंची तो उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है. अतः इसी कड़ी में आज इंदौर के पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय के बाहर अधिकारी और कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
वहीं विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी और कर्मचारियों से कोरोना गाइड लाइन को लेकर पूछा गया, तो उनका कहना था कि 100 लोगों की अनुमति लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है. लेकिन जिस तरह से अधिकारियों के द्वारा निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है, उसमें कोरोना गाइडलाइन के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई. वही कोरोना वायरस को लेकर जो सोशल डिस्टेंस का नियम है वह यहां पर दरकिनार होता नजर आया, अधिकारी सिर्फ गाइडलाइन का पालन करते हुए प्रदर्शन की बात करते रहे.
इसी के साथ जब विद्युत वितरण कंपनी के प्रदर्शन कर रहे अधिकारी और कर्मचारियों से पूछा गया कि, उनकी मांगों पर अमल नहीं हुआ तो किस तरह से प्रदर्शन किया जाएगा. जहा कर्मचारियों का कहना था कि आने वाले समय में उग्र प्रदर्शन किया जाएगा इस दौरान काम बंद हड़ताल भी की जाएगी. वही ब्लैकआउट को लेकर सवाल किया गया तो उनका कहना था कि, यदि प्रदर्शन के दौरान किसी क्षेत्र की लाइट बंद हो गई तो उसे सुधारने के लिए कोई भी अधिकारी और कर्मचारी मौके पर नहीं जाएगा. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि निजीकरण के विरोध में अधिकारी और कर्मचारी ब्लैकआउट की चेतावनी भी दे चुके हैं.
बिजली निजीकरण बिडिंग डाक्यूमेंट के विरोध में कर्मचारी संगठन ने दी चेतावनी
बैतूल। जिले के आमला सारणी के बिजली निजीकरण बिडिंग डाक्यूमेंट के विरोध में कर्मचारी संगठन ने आन्दोलन की चेतावनी दी. मध्य प्रदेश विद्युत कर्मचारी जनता यूनियन, शाखा सचिव रमेश गव्हाडे ने बताया कि यूनियन के साथ अन्य संगठन और वर्गों के कर्मचारी भी निजीकरण के विरोध में है.
उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने इसे वापस नहीं लिया तो सब मिलकर संयुक्त आन्दोलन करेंगे. संगठन के शाखा सचिव रमेश गव्हाडे ने मुख्य अभियंता (उत्पादन) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लि.सारनी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि, केन्द्र शासन ने देश के बिजली उद्योग को निजी हाथों में सौंपने के प्रावधान से बिजली उद्योग से जुड़े अधिकारी कर्मचारी को भारी नुकसान हुआ है. साथ ही देश के किसानों व जनता के हितों के नुकसान को ध्यान में रखते हुए उक्त मसौदे का देश के कर्मचारियों के साथ, सतपुडा ताप विद्युत गृह के कर्मचारी इसका पुरजोर विरोध कर रहें हैं.
शासन से अनुरोध करते है कि उक्त मसौदे को तत्काल निरस्त किया जाए, अन्यथा संगठन देश भर के बिजली कामगारों के साथ राष्ट्रव्यापी आन्दोलन के लिए कृत संकल्पित है. इस दौरान मुख्य अभियंता (उत्पादन) मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लि.सारनी को संगठन के अध्यक्ष मोतीराम जेवणे, सचिव रमेश गव्हाडे, कोषाध्यक्ष साहेबराव धोटे, के नेतृत्व में उपस्थित होकर अजय डांगी, रघुनाथ साकरे, प्रकाश घोरसे, मनोज वर्मा, महेश बोरखड़े, चन्द्रशेखर मालवीय, सुनील तंगापन, प्रीतम सिंदूर सहित संगठन ने ज्ञापन सौंपा.