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रोजी-रोटी पर कोरोना भारी: तेल में 'उबाल' छीन रहा रोजगार

पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से डिलीवरी बॉय का काम मंदा पड़ गया है. कोरोना के कारण ऑर्डर भी कम हो गए हैं. सैलरी बढ़ने का इंतजार था, लेकिन पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से वो भी अटक गई है.

crisis on delivery boys
मुश्किल में 'खाना पहुंचाने वालों' की रोजी रोटी
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Published : Mar 27, 2021, 10:02 AM IST

Updated : Mar 27, 2021, 11:02 AM IST

इंदौर। देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रहे इजाफे के कारण ऑनलाइन फूड डिलीवरी बॉयज की हालत खराब हो गई है. ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाले कई लोगों को अपनी गाड़ियां छोड़कर साइकिल संभालनी पड़ रही है. लगातार बढ़ रही पेट्रोल और डीजल की कीमतों के कारण एक और जहां उनके खर्चे बड़े हैं. कोरोना ने बाहर के खाने पर लगभग प्रतिबंध लगा दिया है . इस कारण उन्हें मिलने वाले ऑर्डर की संख्या में भी कमी आ गई है. हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि कई कंपनियों ने अपने डिलीवरी ब्वॉय की छंटनी करना भी शुरू कर दिया है.

मुश्किल में 'खाना पहुंचाने वालों' की रोजी रोटी

मुश्किल में खाना पहुंचाने वालों की रोजी रोटी

अकेले इंदौर शहर में लगभग 5000 ऐसे लोग हैं जो ऑनलाइन खाना घर पहुंचा कर अपनी रोजी-रोटी का इंतजाम कर रहे हैं. लगातार बढ़ रहे पेट्रोल के दामों के कारण इन डिलीवरी ब्वॉय की आमदनी आधी हो गई है. जिसके कारण इन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि बीच में कुछ फूड कंपनियों ने अपने डिलीवरी ब्वॉय की पगार बढ़ाने का फैसला किया था, लेकिन पेट्रोल डीजल के लगातार बढ़ते दामों ने बढ़ी हुई सैलरी पर भी इसका असर डाल दिया.

भारी पड़ रहा है खाना पहुंचाना

ऑनलाइन डिलीवरी बॉय को प्रति चार किलोमीटर पर कंपनी कमीशन देती है, लेकिन डिलीवरी बॉय के सामने सबसे बड़ी समस्या ये है कि जब वो खाने का आर्डर डिलीवर करने जाता है तो वापसी में उसके पास कोई आर्डर नहीं होता. ऐसे में कई बार वापसी करना डिलीवरी बॉय को महंगा पड़ जाता है. पहले औसतन हर डिलीवरी बॉय प्रतिदिन 20 से 25 ऑर्डर डिलीवर कर 20 से 25 हज़ार महीना कमा कर लेता था. कोरोना काल में ऑर्डरो की संख्या घटने के कारण डिलीवरी बॉय को कमीशन मिलना कम हो गया है. इनकी इनकम 8 से 10 हज़ार तक सिमट गई है.

पगार बढ़ जाती, लेकिन तेल उबल गया

पिछले दो महीनों में पेट्रोल के दाम लगभग 20 से 25 फीसदी तक बढ़ चुके हैं . प्रदेश में सबसे महंगा पेट्रोल भी इंदौर शहर में बिक रहा है. ऐसे में इंदौर शहर के डिलीवरी बॉय को अपनी सैलरी बढ़ने का इंतजार है. हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण कंपनियों पर भी आर्थिक बोझ बड़ा है. ऐसे में सैलरी इंक्रीमेंट नहीं हो पाया. कई डिलीवरी बॉय दूर के आर्डर लेने में भी झिझक रहे हैं. कर्फ्यू के कारण रात 10 बजे बादडिलीवरी ब्वॉय की परेशानियां बढ़ जाती हैं. दुकानों से आर्डर तो उन्हें 10 बजे रिसीव हो जाता है, लेकिन उसे पहुंचाने तक उन्हें रास्ते भर पुलिस चेकिंग का सामना करना पड़ता है.

कोरोना : दुनिया भर के साढ़े पांच करोड़ से ज्यादा मजदूरों के रोजगार पर संकट

अच्छे दिन का इंतजार

फिलहाल डिलीवरी बॉयज को अपनी सैलरी बढ़ने का तो इंतजार ही है. यह भी उम्मीद है कि लगातार बढ़ रहे पेट्रोल डीजल के दामों में भी आने वाले समय में कमी आ सकती है. दूसरी ओर लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों के कारण एक बार फिर से लोग बाहर के खाने से तौबा कर रहे हैं. इससे भी डिलीवरी बॉय को आर्डर मिलना मुश्किल हो गया है.

इंदौर। देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार हो रहे इजाफे के कारण ऑनलाइन फूड डिलीवरी बॉयज की हालत खराब हो गई है. ऑनलाइन फूड डिलीवरी करने वाले कई लोगों को अपनी गाड़ियां छोड़कर साइकिल संभालनी पड़ रही है. लगातार बढ़ रही पेट्रोल और डीजल की कीमतों के कारण एक और जहां उनके खर्चे बड़े हैं. कोरोना ने बाहर के खाने पर लगभग प्रतिबंध लगा दिया है . इस कारण उन्हें मिलने वाले ऑर्डर की संख्या में भी कमी आ गई है. हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि कई कंपनियों ने अपने डिलीवरी ब्वॉय की छंटनी करना भी शुरू कर दिया है.

मुश्किल में 'खाना पहुंचाने वालों' की रोजी रोटी

मुश्किल में खाना पहुंचाने वालों की रोजी रोटी

अकेले इंदौर शहर में लगभग 5000 ऐसे लोग हैं जो ऑनलाइन खाना घर पहुंचा कर अपनी रोजी-रोटी का इंतजाम कर रहे हैं. लगातार बढ़ रहे पेट्रोल के दामों के कारण इन डिलीवरी ब्वॉय की आमदनी आधी हो गई है. जिसके कारण इन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि बीच में कुछ फूड कंपनियों ने अपने डिलीवरी ब्वॉय की पगार बढ़ाने का फैसला किया था, लेकिन पेट्रोल डीजल के लगातार बढ़ते दामों ने बढ़ी हुई सैलरी पर भी इसका असर डाल दिया.

भारी पड़ रहा है खाना पहुंचाना

ऑनलाइन डिलीवरी बॉय को प्रति चार किलोमीटर पर कंपनी कमीशन देती है, लेकिन डिलीवरी बॉय के सामने सबसे बड़ी समस्या ये है कि जब वो खाने का आर्डर डिलीवर करने जाता है तो वापसी में उसके पास कोई आर्डर नहीं होता. ऐसे में कई बार वापसी करना डिलीवरी बॉय को महंगा पड़ जाता है. पहले औसतन हर डिलीवरी बॉय प्रतिदिन 20 से 25 ऑर्डर डिलीवर कर 20 से 25 हज़ार महीना कमा कर लेता था. कोरोना काल में ऑर्डरो की संख्या घटने के कारण डिलीवरी बॉय को कमीशन मिलना कम हो गया है. इनकी इनकम 8 से 10 हज़ार तक सिमट गई है.

पगार बढ़ जाती, लेकिन तेल उबल गया

पिछले दो महीनों में पेट्रोल के दाम लगभग 20 से 25 फीसदी तक बढ़ चुके हैं . प्रदेश में सबसे महंगा पेट्रोल भी इंदौर शहर में बिक रहा है. ऐसे में इंदौर शहर के डिलीवरी बॉय को अपनी सैलरी बढ़ने का इंतजार है. हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण कंपनियों पर भी आर्थिक बोझ बड़ा है. ऐसे में सैलरी इंक्रीमेंट नहीं हो पाया. कई डिलीवरी बॉय दूर के आर्डर लेने में भी झिझक रहे हैं. कर्फ्यू के कारण रात 10 बजे बादडिलीवरी ब्वॉय की परेशानियां बढ़ जाती हैं. दुकानों से आर्डर तो उन्हें 10 बजे रिसीव हो जाता है, लेकिन उसे पहुंचाने तक उन्हें रास्ते भर पुलिस चेकिंग का सामना करना पड़ता है.

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अच्छे दिन का इंतजार

फिलहाल डिलीवरी बॉयज को अपनी सैलरी बढ़ने का तो इंतजार ही है. यह भी उम्मीद है कि लगातार बढ़ रहे पेट्रोल डीजल के दामों में भी आने वाले समय में कमी आ सकती है. दूसरी ओर लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों के कारण एक बार फिर से लोग बाहर के खाने से तौबा कर रहे हैं. इससे भी डिलीवरी बॉय को आर्डर मिलना मुश्किल हो गया है.

Last Updated : Mar 27, 2021, 11:02 AM IST
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